2.स्पॉटिंग होना
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बदलाव में स्पॉटिंग होना भी एक बदलाव है। ऐसा प्रग्नेंसी के चार से छह सप्ताह के बीच अनुभव होता है। प्रग्नेंसी के शुरुआत में हल्की स्पॉटिंग हो सकती है। ये इस बात का संदेश देती है कि फर्टिलाइज एग यूटरस की दीवाल के संपर्क में आ गया है। इस कारण से लाइट पिंक या व्हाइट डिस्चार्ज हो सकता है। अगर आपके साथ ऐसा नहीं हुआ है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि जरूरी नहीं है कि ये लक्षण सभी महिलाओं में दिखाई दें। एक बात का ध्यान रखें कि लेट प्रेग्नेंसी के दौरान अगर ब्लीडिंग हो रही है तो ये खतरे का संकेत हो सकती है। अगर आपके साथ ऐसा कुछ भी हो रहा है तो आपको अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
अगर आपके साथ ऐसा कुछ नहीं हो रहा है तो परेशान न हो। ऐसा कुछ भी लक्षण दिखे या फिर कोई समस्या हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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3.मॉर्निंग सिकनेस के कारण थकान व मतली
गर्भावस्था के दौरान शरीर में बदलाव में आपको मॉर्निंग सिकनेस का एहसास प्रग्नेंसी की पहली तिमाही में हो सकता है। इस दौरान आपको मतली और थका हुआ सा महसूस हो सकता है। अभी तक मॉर्निंग सिकनेस का ठीक प्रकार से कारण नहीं पता चला है। एक्सपर्ट ऐसा मानते हैं कि ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन हारमोन (एचसीजी) के कारण ऐसा होता है।
आपको मॉर्निंग सिकनेस से बचने के लिए प्रोटीन की अधिक मात्रा वाले फूड लेने होंगे। आप चाहे तो सुबह के समय अदरक के रस की कुछ बूंदे गरम पानी या चाय के साथ ली जा सकती है। आप चाहे तो मार्केट में उपलब्ध अदरक कैप्सूल भी ले सकती हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए विटामिन B6 ले सकती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बदलाव से होने वाली परेशानी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।