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4.वजायनल डिस्चार्ज में वृद्दि होना
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बदलाव में ज्यादातर महिलाओं को वजायनल डिस्चार्ज ज्यादा होता है। आमतौर पर महिलाओं को वजायनल डिस्चार्ज होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान डिस्चार्ज बढ़ जाता है। शरीर में ऐसा एस्ट्रोजन की वृद्धि के कारण होता है।डिस्चार्ज के कारण योनि साफ रहती है और इंफेक्शन गर्भ में प्रवेश नहीं कर पाता है।प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बदलाव के साथ आपको अपने वजायनल एक्टिविटी में भी कुछ बदलाव दिखेंगे।
कैसे बचें इससे ?
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बदलाव की वजह से बहुत ज्यादा डिस्चार्ज होना परेशानी की बात है। अगर आपको हद से ज्यादा डिस्चार्ज की समस्या हो रही है तो इस दौरान डॉक्टर से परामर्श करना बेहतर रहेगा।
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5. ऊर्जा में कमी महसूस होना
तीसरी तिमाही तक आपको एहसास हो सकता है कि आप ऊर्जा की कमी महसूस कर रही हैं। जरा सा काम करने के बाद आपको थकावट महसूस होने लगती है। अगर ऐसा हो रहा है तो ये हाॅर्मोन बदलाव के कारण ही है। इस दौरान आपके बेबी की बॉडी पार्ट बनने का काम हो रहा है। आपके ब्लड के थ्रू उसे भी एनर्जी मिल रही है। कई बार मानसिक और भावनात्मक तनाव के कारण भी थकावट महसूस होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बदलाव में थकान और एनर्जी में कमी होती है। हालांकि कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बदलाव महसूस नहीं होते लेकिन कुछ को ये बदलाव परेशान करते हैं।
गर्भावस्था में बॉडी में बदलाव: कैसे बचें इससे ?
थकावट से बचने के लिए दिन में कुछ समय के लिए छपकी लें। आप गार्डन एरिया या पसंदीदा जगह पर कुछ समय के लिए वॉक कर सकती हैं। रात में सोने से दो घंटे पहले तक खाना खा लें। तीन से चार घंटे में कुछ न कुछ जरूर खाएं । साथ ही खाने में कार्बोहाइड्रेड की पर्याप्त मात्रा, प्रोटीन और वसा जरूर शामिल करें।
6. हार्टबर्न की समस्या
कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान खाने के बाद पेट बहुत भारी लगता है या फिर कुछ खाने की इच्छा नहीं करती है। ये बहुत बड़ी समस्या नहीं है। हार्टबर्न की समस्या प्रेग्नेंसी की दूसरी या तीसरी तिमाही के दौरान ज्यादा दिख सकती है। ये समस्या 50 प्रतिशत से अधिक प्रग्नेंट महिलाओं में देखने को मिलती है। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बदलाव का एक और उदाहरण है हार्टबर्न यानि एसिडिटी की समस्या । ज्यादातर महिलाओं को ये परेशानी भी होती है।
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गर्भावस्था में बॉडी में बदलाव: कैसे बचें इससे ?
खाने को एक साथ न खाएं। कोशिश करें कि दिन में पांच से छह बार खाना खाएं। सोने के तुरंत पहले खाना न खाएं। इस दौरान स्पाइसी फूड को इग्नोर करेंगी तो अच्छा रहेगा। साथ ही फाइबर फूड लेने से पाचन संबंधी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रेग्नेंसी की शुरुआत में दिखने वाले इन लक्षणों को लेकर परेशान न हो। अगर किसी भी वजह से असहज महसूस कर रही हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।