देखा जाए तो यह नुकसानदायक नहीं है। अच्छे डॉक्टर की निगरानी में यह बिलकुल सुरक्षित है। सिर्फ 1.2 प्रतिशत मरीजों में ओवेरियन हाइपरस्टीमुलेशन की वजह से समस्या हो सकती है। कुछ खास रोकथाम की मदद से इसकी संभावना कम भी की जा सकती है। आजकल बहुत से लोग पेरेंट बनने के लिए आईवीएफ का विकल्प चुन रहे हैं ऐसे में आईवीएफ से जुड़े मिथक यह भी है कि यह महिलाओं के स्वास्थ के लिए हानिकारक है। लेकिन इसमें कितनी सच्चाई यह आपका डॉक्टर आपसे बता सकता है। अगर आप आईवीएफ के बारे में सोच रहे हैं तो आईवीएफ के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
मिथक 4
भ्रूण हस्तांतरण के बाद पूर्ण आराम जरूरी है
यह है फैक्ट:
ऐसी कोई सलाह नहीं दी जाती बल्कि सलाह दी जाती है कि महिलाएं अपनी सामान्य दिनचर्या में वापस लौट सकती हैं। आईवीएफ से जुड़े मिथक में एक यह भी है कि महिलाओं को इसके बाद पूरी तरह से रेस्ट की जरूरत है बल्कि ऐसा कुछ नहीं है। अगर महिला चाहें तो वह अपने रूटिन में वापस आ सकती है।
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मिथक 5
आईवीएफ से जुड़े मिथक यह भी पुरुषों में स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया जा सकता
यह है फैक्ट:आईवीएफ की जानकारी
आईवीएफ से जुड़े मिथक हैं कि कुछ पुरुषों में जिनमें किसी कारणवश शुक्राणुओं की संख्या कम या ना के बराबर होती है तो ऐसी स्थिति का उपचार संभव होता है। इस स्थिति में पुरुष के प्रजनन अंग से सीधे शुक्राणु एकत्र कर आईवीएफ में इस्तेमाल किया जा सकता है।
मिथक 6
आईवीएफ से जुड़े मिथक यह भी है कि आईवीएफ की मदद से डिजाइनर बेबी हासिल किया जा सकता है
यह है फैक्ट:
कद-काठी, आंखों का रंग, बालों का रंग आदि जैसे सौंदर्य लक्षण का चयन संभव नहीं है लेकिन, प्रीइम्लान्टेशन जेनेटिक डायग्नोसिस (पीजीडी) एक प्रक्रिया है जिससे भ्रूण में वंशानुगत गड़बड़ियों की पहचान में मदद मिलती है और इसकी वजह से बच्चे को खास वंशानुगत बीमारियों से बचाया जा सकता है। आईवीएफ से जुड़े मिथक में यह भी बहुत प्रचलित है कि इसके जरिए आपको एक डिजाइनर बच्चा मिल सकता है।
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मिथक 7
अगर आप आईवीएफ से गर्भधारण करते हैं, तो प्रेग्नेंसी में हाई-रिस्क हो सकता है
यह है फैक्ट: आईवीएफ की जानकारी
आईवीएफ की मदद से गर्भधारण करने वाली अधिकांश महिलाओं में सामान्यतः सेफ गर्भावस्था ही होती है। हालांकि, उन महिलाओं में यह कॉम्प्लिकेटेड हो सकता है जिन्होंने अधिक उम्र में उम्र में गर्भावस्था प्लान की हो। बाकी महिलाएं जो उम्र संबंधी पैमाने से हटकर किसी शारीरिक या प्रजनन समस्या के कारण आईवीएफ से प्रेग्नेंट होती हैं, उनके लिए यह सुरक्षित होता है। ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है। आईवीएफ से जुड़े मिथक में एक बात यह भी है कि इसकी वजह से प्रेग्नेंसी में हाई रिस्क हो सकता है जबकि यह पूरी तरह से सुरक्षित है।
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मिथक 8
आईवीएफ से जुड़े मिथक यह भी है यह केवल युवा जोड़ों के लिए उपयुक्त है
यह है फैक्ट:
यह बिलकुल सच है कि उम्र गर्भधारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जो प्रजनन क्षमता को निर्धारित करती है। यह प्रक्रिया रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में उतनी ही इफेक्टिव हो सकती है, जितनी एक यंग महिला के लिए। अधिक उम्र में, यंग महिलाओं के डोनटेड एग का उपयोग किया जाता है। हालांकि, यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि सामान्य रूप से भी छोटी महिलाओं की तुलना में वृद्ध महिलाओं में गर्भावस्था की दर कम है।
मिथक 9
आईवीएफ से जुड़े मिथक ये भी है कि बच्चे जन्म दोष और विकृतियों के साथ पैदा होते हैं
यह है फैक्ट:
आईवीएफ से जन्म लेने वाले बच्चों में विकृतियों और जन्मजात दोषों के साथ पैदा होने का जोखिम कम होता है। अगर आप इनफर्टिलिटी से जूझ रहे हैं तो उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए और उन्हें किसी आईवीएफ विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए। आईवीएफ से जुड़े मिथक आपके आसपास बहुत सारे हैं जिनके लिए किसी तरह की स्टडी नहीं हुई है। ऐसे में आईवीएफ से जुड़े मिथक को कितना मानना है यह पूरी तरह से आपके ऊपर निर्भर करता है।