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4. न्यू पेरेंट्स हेल्थ टिप्स: सिर्फ सकारात्मक विचारों का करें स्वागत
मन में उठने वाले विचारों पर किसी का कोई बस नहीं है। यह उतने ही रैंडम है जितनी कि वन में फैली झाड़ियां। ऐसे में हर समय, अगर हम चाहे तो सकारात्मक विचार करने पर जोर दे सकते हैं। ऐसा करने के लिये आपको अपने आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा वाले लोगों का साथ छोड़ना चाहिये। न्यू पेरेंट्स हेल्थ टिप्स को फॉलो करने के लिए नकारात्मक खबरों पर कम से कम प्रतिक्रिया देनी चाहिये। ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक लोगों के संपर्क में आइए और उनसे बातें करिए।
5. न्यू पेरेंट्स हेल्थ टिप्स : अन्य पेरेंट्स से बात करें
तनाव एक ऐसी स्थिति है, जहां हम इस भ्रम को यथार्थ मान बैठते हैं कि हमारे साथ जो भी घट रहा है वही दुनिया का सबसे बड़ा दुःख है। जब कि बाहर दुनिया में हमारे जैसे ही कई लोग हैं जो, इस समस्या से जीतोड़ लड़ रहे हैं। इसलिए आप अपने ही हमउम्र के समझदार पेरेंट्स से बातचीत कर सकते हैं। आप अपनी समस्यायें अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं। ऐसा करने से आपका मनोबल बढ़ेगा और मन का भार भी हल्का होगा।
पेरेंट्स बनना अपने आप में एक अलग ही संसार का रचाने जैसा है। जहां आपको ही रचना करनी है। आपको ही पालन-पोषण करना है। फिर ऐसी जिम्मेदारी के दौरान तनाव पनपने के लिए कोई भी मौका देना सही नहीं है। लेकिन फिर भी अगर किसी मौके पर आप तनाव का शिकार होते हैं तो अपनी सूझबूझ, बातचीत, संतुलित जीवन और भोजन की मदद से तनाव से छुटकारा पा सकते हैं।
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6. न्यू पेरेंट्स हेल्थ टिप्स में दोनों की जिम्मेदारी है अहम
जब बच्चा जन्म लेता है तो सबसे जीवन में बदलाव आता है। माता-पिता के साथ ही घर के अन्य सदस्य की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। बच्चे के जन्म के बाद यदि मां पर ही सारी जिम्मेदारी छोड़ दी जाएगी तो मां शारीरिक के साथ ही मानसिक रूप से भी बीमार हो जाएगी। बच्चे की जिम्मेदारी माता-पिता के साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों को भी दी जानी चाहिए, ऐसा करने से किसी एक व्यक्ति के ऊपर अधिक जिम्मेदारी नहीं पड़ेगी। अगर सुबह के समय मां किचन के काम में बिजी है तो पिता को बच्चे को संभालना चाहिए। दिनभर बच्चा मां के साथ रहता है। शाम के समय पिता बच्चे को वॉक पर ले जा सकता है। वहीं बच्चे की नैपी बदलने के साथ ही बच्चे को बोतल से दूध पिलाने और उसके साथ खेलने का काम पिता आसानी से कर सकते है। ऐसा जरूरी नहीं है कि इस काम को रोजाना तय समय पर ही किया जाए। ऐसा परिवार के हर सदस्य को करना चाहिए। इस तरह से बच्चे को आसानी से संभाला जा सकता है और किसी एक व्यक्ति के कंधे में जिम्मेदारी नहीं रहती हैं। अगर आप भी नए माता-पिता बने हैं तो इस तरीके को एक बार अपनाकर देख सकते हैं।
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7.न्यू पेरेंट्स हेल्थ टिप्स : शेड्यूल बनाना है जरूरी
जब तक आप पेरेंट्स नहीं बने थे, तब तक आप आसानी से किसी भी काम को कर लेते थे, यानी शेड्यूलिंग की खास जरूरत नहीं पड़ती थी। अब बच्चे के आने के बाद बिना शेड्यूलिंग के अगर आप काम करेंगे तो आपको दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है। अगर आप दोनों ही वर्किंग हैं तो बिना शेड्यूल के आपके काम पिछड़ते जाएंगे जो कि मानसिक तनाव का कारण भी बन सकता है। ऑफिस जाने से पहले के काम, ऑफिस से आने के बाद का काम, दिनभर के हिसाब से बच्चे के लिए प्लानिंग करना और फिर जरूरी सामान की रोजाना लिस्ट तैयार करना। अगर आप तय समय पर ये सभी काम करते हैं तो आपकी मानसिक समस्याओं के साथ ही शारीरिक समस्याएं कम हो जाएंगी।
ऐसा कहा जाता है कि पेरेंट्स बनने के बाद धीरे-धीरे खुद ही समझ आ जाता है कि किस तरह से काम को मैनेज करना है, लेकिन इन बातों के बारे में अगर आपको पहले से ही पता होगा तो आप आसानी से काम को संभाल लेगें और घबराएंगे नहीं। हम उम्मीद करते हैं कि न्यू पेरेंट्स हेल्थ टिप्स के बारे में पढ़कर आपको अच्छा लगा होगा। अगर आपको फिर भी किसी तरह की मानसिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो बेहतर होगा कि आप इस बारे में मनोचिकित्सक से बात करें। अगर आपको पेरेंटिंग टिप्स या फिर बच्चों की देखभाल संबंधित विषय में जानकारी चाहिए तो आप हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट के माध्यम से जानकारी ले सकते हैं। साथ ही आप हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक के माध्यम से भी स्वास्थ्य संबंधि जानकारी ले सकते हैं।