3. स्पॉटिंग (ब्लीडिंग होना)
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण में स्पॉटिंग भी हो सकती है। प्रेग्नेंट होने के पहले 3 महीने स्पॉटिंग (ब्लीडिंग) होना भी प्रेग्नेंसी के लक्षण होते हैं। कई बार महिला इसे पीरियड्स समझ लेती हैं। कई बार हल्की ब्लीडिंग एग फर्टिलाइज्ड होने के तकरीबन 6 से 12 दिनों बाद भी हो सकती है। अगर विजायनल ब्लीडिंग की समस्या ज्यादा हो रही है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें।
4.बार-बार यूरिन आना
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण में बार-बार यूरिन आना सामान्य है। गर्भवती महिलाओं का मानना है कि यह सबसे ज्यादा परेशान करने वाले लक्षणों में से एक है बार-बार टॉयलेट जाने की परेशानी। बार-बार यूरिन की समस्या प्रेग्नेंसी के शुरुआत से डिलिवरी तक बनी रहती है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार बार-बार यूरिन आने की समस्या हॉर्मोनल बदलाव की वजह से होता है। हालांकि अगर इस दौरान अन्य लक्षण जैसे यूरिन के दौरान जलन महसूस होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलें। क्योंकि हो सकता है की आप यूरिनरी ट्रैक इंफेक्शन (UTI) से पीड़ित हों। अगर समय पर UTI का इलाज नहीं करवाया गया तो तो इंफेक्शन फैलने की संभावना बढ़ सकती है।
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5. गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षण में कब्ज (constipation)
प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षण में कब्ज की समस्या भी हो सकती है। गर्भवती महिला पेट से जुड़ी परेशानी जैसे पेट में अकड़ या कब्ज की समस्या भी महसूस कर सकती हैं। ऐसा हॉर्मोन में हो रहे बदलाव के कारण हो सकता है।
6. भूख नहीं लगना (No appetite)
प्रेग्नेंसी के शुरूआती लक्षण में एक लक्षण ये भी है की आपको खाने-पीने की इच्छा न हो। ऐसा प्रोजेस्ट्रॉन लेवल (हॉर्मोन) में बदलाव के कारण होता है। वैसे कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान भूख नहीं लगती है तो कई महिलाओं को अत्यधिक खाने की इच्छा होती है। दोनों ही स्थिति हॉर्मोन में हो रहे बदलाव की वजह से होते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान खाने-पीने का विशेष ख्याल रखें। क्योंकि यह गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु दोनों के लिए जरूरी है।
7. चक्कर आना (Dizziness)
सिर्फ चक्कर आना गर्भावस्था का प्रारंभिक लक्षण नहीं माना जा सकता है। गर्भावस्था के किसी भी अन्य लक्षण के साथ चक्कर आना प्रेग्नेंसी की ओर दर्शाता है। चक्कर आने की यह समस्या सेकंड ट्राइमेस्टर तक होती है लेकिन, इसके बाद धीरे-धीरे यह परेशानी कम होने लगती है।
8. सुस्त होना (Being lazy)
शरीर में जब प्रोजेस्ट्रॉन का स्तर बढ़ जाता है, तो थकान महसूस होने लगती है। हालांकि कुछ महिलाओं को यह सब महसूस नहीं होता है, जबकि कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के सिर्फ एक सप्ताह के बाद ही थकान महसूस होने लगती है।
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9. स्वभाव में बदलाव (मूड स्विंग्स)