प्रेग्नेंसी में कार्पल टनल सिंड्रोम होने पर कैसा हो आपका आहार?

विटामिन-बी 6 युक्त आहार जैसे सेस्मे सीड्स, गहरे हरे रंग की सब्जियां, लहसुन, हेजलनट, एवोकाडो और मछलियों का सेवन करना चाहिए।
कार्पल टनल सिंड्रोम से बचाव
प्रेग्नेंसी में कार्पल टनल सिंड्रोम से बचाव के कोई प्रमाणित उपाय नहीं है, लेकिन निम्न तरीकों से कलाईयों और हाथों पर पड़ने वाला दबाव कम कर सकते हैं :
- यदि आप वर्क फ्रॉम होम कर रही हैं। यदि आपको काम के लिए लगातार कंप्यूटर के की-बोर्ड का इस्तेमाल करना पड़ता है तो उसके बटन हल्के से दबाएं। यदि आपको लंबे समय तक लिखना पड़ता है तो बड़े आकर की पेन से लिखें जिसमें इसे पकड़ने की जगह नरम हो।
- काम करते समय पॉश्चर ठीक रखें। मुद्रा ठीक न हो तो आपकी कलाइयां, उंगलियां और हाथ प्रभावित हो सकते हैं। इसके साथ ही ध्यान रखें कि आपके कंप्यूटर का माउस कम्फर्टेबल हो और इससे आपकी कलाई पर जोर न पड़ता हो।
- यदि आप ठंडे वातावरण में काम कर रही हैं तो हाथों में दर्द और अकड़न ज्यादा महसूस हो सकती है। अगर काम की जगह पर तापमान का नियंत्रण करना संभव न हो तो बिना उंगलियों वाले दस्ताने पहनें और अपने हाथ और कलाइयां गर्म रखें।
- काम करने के दौरान बीच-बीच में हाथों को आराम दें। हर कुछ देर पर अपनी कलाइयों और हाथों को फैलाएं और घुमाएं। साथ ही यदि संभव हो तो बीच-बीच में कुछ और तरह का काम कर लें। खास तौर पर तब जबकि आप किसी ऐसे यंत्र का इस्तेमाल करते हैं जिसमें झनझनाहट होती हो या बहुत जोर लगाना पड़ता हो।
- कलाइयों की पॉजिशन पर ध्यान दें। अपनी कलाइयों को सीधा ऊपर या नीचे की ओर मोड़ने से बचें। बीच की आरामदायक मुद्रा सबसे अच्छी है। की-बोर्ड को अपनी कोहनी के बराबर या इससे नीचे रखें।
प्रेग्नेंसी में कार्पल टर्नल सिंड्रोम की समस्या से परेशान न हों लेकिन, अगर आप इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। हम उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। यदि इस लेख से जुड़ा आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।