बॉस्टन यूनिवर्सिटी में हुए एक रिसर्च के अनुसार प्रेग्नेंसी में बुखार खासकर गर्भावस्था के शुरुआती स्टेज में बुखार आने की समस्या के कारण जन्म लेने वाले बच्चों में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट की समस्या देखी गई है। हालांकि, जो गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के शुरुआत से ही 400mcg फॉलिक एसिड का रोजाना सेवन करती हैं उन महिलाओं के बच्चों को न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट की समस्या नहीं हो सकती है। ‘न्यूरल ट्यूब दोष’ मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी से जुड़ा जन्म दोष है, जो गर्भावस्था के पहले महीने में हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में बुखार क्यों आता है? (Fever in pregnancy)
प्रेग्नेंसी में बुखार आने के सामान्य कारण निम्नलिखित हैं।
- इन्फ्लुएंजा – इन्फ्लुएंजा होने पर सर्दी-जुकाम, शरीर में दर्द और चक्कर आने की परेशानियां हो सकती हैं। गर्भावस्था में इम्युनिटी, हृदय और फेफड़ों में परिवर्तन होता है। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को फ्लू, बुखार व अन्य कोई गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है।
- निमोनिया की समस्या-सांस लेने में परेशानी, ठंड लगकर बुखार आना, सीने में दर्द होना या कफ की समस्या हो सकती है।
- टॉन्सिलाइटिस – गले में खराश, खाने-पीने में परेशानी, सिरदर्द होना और बुखार हो सकता है।
- वायरस (stomach virus) – डायरिया, बुखार होना और बॉडी पेन की समस्या हो सकती है।
- किडनी इंफेक्शन- उल्टी होना, चक्कर आना और कमजोरी हो सकती है।
- फूड पॉइजन -बुखार आना, उल्टी होना या बॉडी पेन की परेशानी हो सकती है।
- गैस्ट्रोइंटेराइटिस वायरस – शरीर पर हमला करता है, तो यह उल्टी, दस्त और बुखार जैसे लक्षणों के साथ आता है। यह समस्या एक गर्भवती महिला को भी हो सकती है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
- गर्भावस्था में महिलाएं यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की चपेट में आ सकती हैं। कभी-कभी इस वजह से बुखार भी हो जाता है। यह गर्भावस्था के दौरान आम समस्या है, लेकिन इसका खतरा बना रहता है।
- सीडीसी के अनुसार, केवल पांच प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को यह दुर्लभ संक्रमण होता है। सामान्य संकेतों में त्वचा पर रैशेज, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, गले में खराश और बुखार शामिल है। पार्वो वायरस बी19 के कारण भ्रूण को एनीमिया की समस्या और दिल में सूजन व गर्भपात जैसी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
- लिस्टरियोसिस तब होता है जब आप दूषित पानी और भोजन लेते हैं। तेज बुखार, मतली, मांसपेशियों में दर्द, दस्त, सिरदर्द व गले में ऐंठन इसके आम लक्षण हैं। अगर इसका जल्द उपचार न किया जाए, तो इससे समय से पहले प्रसव, जन्म के समय बच्चे की मौत या फिर गर्भपात जैसी गंभीर जटिलताएं आ सकती हैं।