के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
हे फीवर के कारण, लक्षण और उपचार के बारे में जानने से पहले आप ये जान लें कि हे फीवर क्या है और यह कैसे होता है। हे फीवर (Hay fever) को एलर्जिक राइनाइटिस (Allergic rhinitis) यानी परागज ज्वर भी कहा जाता है। इस बीमारी में सर्दी-जुकाम जैसे कि नाक बहना, आंखों में खुजली होना, छींक और साइनस जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। हे फीवर किसी वायरस के कारण नहीं होता है, बल्कि यह बुखार बाहरी या अंदरूनी एलर्जी की प्रतिक्रिया के कारण होता है, जैसे कि पराग कण, धूल के कण या बिल्लियों और कुत्तों द्वारा त्वचा और लार के छोटे-छोटे भाग और फर या पंख (पालतू जानवर के) के कारण होता है। हे फीवर (Hay Fever) अचानक से प्रभावित करता है, जिससे आपका जीवन प्रभावित होता है। इसके लक्षण को भी छोटी-मोटी समस्या समझ कर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, बल्कि पूरा इलाज करवाना चाहिए। हे फीवर एलर्जी होती है, इस कारण रोगी को बुखार भी आ जाता है।
एलर्जिक राइनाइटिस को नाक की सूजन के रूप में भी जाना जाता है। जब एलर्जी हम पर हमला करती है तब एंटीबॉडीज (Antibodies) जैसे इम्यूनोग्लोबिन ई ऐसी कोशिकाओं से जुड़ जाती है, जो हिस्टामाइन नामक केमिकल को फेफड़ों, त्वचा और श्लेष्म झिल्ली (Mucous membrane) में छोड़ती है। यह हिस्टामाइन रक्त वाहिकाओं को खोल देता है, जिससे नाक बंद हो जाती है और छींके आना शुरू हो जाती है।
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हे फीवर (Hay Fever) के लक्षण कुछ इस प्रकार के हैं।
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हे फीवर क्या है, ये जानने के बाद इसको प्रभावित करने वाले मौसमी कारणों के बारे में जानना जरूरी है। हे फीवर के लक्षण साल में निश्चित समय पर बिगड़ सकते हैं। इसमें निम्न समय शामिल है-
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हे फीवर क्या है जानने के बाद हे फीवर होने के कारणों के बारे में जानना जरूरी है। जब आपको बुखार आता है, तब इम्यून सिस्टम एक हानिरहित वायुजनित पदार्थ को हानिकारक के रूप में पहचानने लगती है। आपका इम्यून सिस्टम (Immune system) इस हानिरहित पदार्थ के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन (Produce Antibody) करती है। जब अगली बार आप इस पदार्थ के संपर्क में आते है तो ये एंटीबॉडी आपके इम्यून सिस्टम को हिस्टामाइन को आपके रक्तप्रवाह (Blood Flow) में छोड़ने के लिए संकेत देते है, इस प्रतिक्रिया के कारण हे फीवर (Hay Fever) होता है।
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मौसम में बदलाव के कारण एलर्जी (Allergy) की वजह से हे फीवर हो जाता है। आपके आसपास का मौसम का वातावरण आपके स्वास्थ्य की स्थिति तय करता है। ठंडी जलवायु, धूल या नमी से भी हे फीवर हो जाता है।
कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें किसी विशेष प्रकार के खाने से भी एलर्जी होती है। शरीर में कफ (Cough) असंतुलन के कारण भी हे फीवर हो जाता है। जब कफ को उत्तेजित करने वाला खाना लिया जाता है, तब हे फीवर हो जाता है।
कुछ लोग गंदे तकिये और चादर का इस्तेमाल करते है, जिससे भी कई बार एलर्जी की समस्या हो जाती है। यदि घर में धूल है तो भी एलर्जी का खतरा और भी बढ़ जाता है। स्मोकिंग (Smoking) से भी कई लोगों को एलर्जी होती है, जिससे हे फीवर हो जाता है।
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हे फीवर क्या है जानने के बाद आपको इसके रिस्क के बारे में पता होना जरूरी है। यदि आपको हे फीवर है और इसका इलाज न करवाया जाएं तो निम्न समस्या हो जाती है।
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हे फीवर (Hay Fever) यानी एलर्जी की जांच के लिए त्वचा की सतह को छू कर देखते है। आपका चिकित्सीय इतिहास जान कर यह परीक्षण करवाए जा सकते है।
इसमें आपकी स्किन पर कई तरह के पदार्थ रखे जाते है, यदि आपको किसी चीज से एलर्जी है तो आपकी स्किन पर लाल बंप दिखाई देने लगता है।
इसमें खून का नमूना लिया जाता है, इसेरेडियोलायर्जोसॉर्बेंट टेस्ट (Radioallergosorbent Test) भी कहा जाता है।
अगर आप हे फीवर क्या है और यह कैसे होता है इसके बारे में जान गए है तो आप समझ ही गए होंगे कि हे फीवर और कॉमन कोल्ड दोनों एक नही है। हे फीवर (Hay Fever) और कॉमन कोल्ड (Common Cold) दोनों में ही अंतर है। हे फीवर में नाक बहती है, लेकिन कॉमन कोल्ड में नाक बहने के साथ बदन भी दर्द होता है। हे फीवर एलर्जी की वजह से होता है, जब व्यक्ति किसी ऐसी चीज के संपर्क में आता है, जिससे उसे एलर्जी हो, जबकि इसमें कोल्ड वायरस से संपर्क में आने पर कॉमन कोल्ड होता है। इसलिए हे फीवर क्या है और ये कैसे होता है जानना जरूरी है। क्योंकि कई बार हम हे फीवर को ही कॉमन कोल्ड समझ लेते है।
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जितना हो सके उन चीजों और कारकों से दूर रहें, जिनसे हे फीवर होता है। यदि हे फीवर (Hay Fever) की समस्या गंभीर नहीं है तो आपको ओवर-द-काउंटर दवाई दी जाती है। कई लोगों को इसमें एलर्जी की संयोजन (Combination) वाली दवाओं से राहत मिलती है। ऐसे किया जाता है हे फीवर का इलाज-
इसके जरिये नाक की सूजन, नाक की खुजली और सूखे बुखार की वजह से बहती नाक का इलाज करने में मदद मिलती है। डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन में नेज़ल स्प्रे एज़लास्टाइन और फ्लुटिकासोन (डायमिस्टा) जैसी दवाइयां लिखते है। यह एक सुरक्षित उपचार माना जाता है।
इसमें दवाई दी जाती है हालांकि एंटीहिस्टामाइन नाक स्प्रे और आईड्रॉप भी हैं। एंटीहिस्टामाइन खुजली, छींकने (Sneeze) और एक बहती नाक को कम करने में मदद करता है। यह एलर्जी की प्रतिक्रिया (हिस्टामाइन) के दौरान आपके इम्यून सिस्टम द्वारा जारी लक्षण पैदा करने वाले रसायन को अवरुद्ध कर देते है।
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हे फीवर से जुड़ी जानकारी पढ़ने के बाद आप समझ ही गए होंगे कि दरअसल में हे फीवर क्या है। हेलो स्वास्थ्य किसी भी बीमारी के उपचार के लिए दवाई लेने की सलाह नही देता है, अगर आप हे फीवर से पीड़ित है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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