गायनेकोलॉजिस्ट टिप्स में एक और बात पर ध्यान दें कि डॉक्टर से शर्माएं नहीं। गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाने से पहले टेस्ट को लेकर महिलाओं के मन में हजारों सवाल होते हैं। प्रेग्नेंसी में डॉक्टर की राय लेना बहुत जरूरी होता है। कुछ लड़कियों को इस संबंध में गलतफहमी भी होती है। डॉक्टर कौन से टेस्ट करेगा और कौन से नहीं, यह हर मामले में अलग-अलग हो सकता है। भले ही आप सेक्शुअली एक्टिव हैं और आपकी उम्र कितनी भी हो। लंबाई, वजन और ब्लड प्रेशर की जांच नॉर्मल टेस्ट हैं क्योंकि इनमें जेनेटल्स शामिल नहीं होते।
हालांकि, पहली विजिट में डॉक्टर आपसे बात करेगा और शायद इसमें टेस्ट न शामिल हों। 21 साल से कम उम्र की लड़कियों का पेल्विक और पेप स्मीयर्स टेस्ट नहीं होता है। गायनेकोलॉजिस्ट टिप्स फॉलों करें और कुछ बेसिक नॉलेज के लिए थोड़ी ऑनलाईन रिसर्च जरूर करें।
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प्रेग्नेंसी में डॉक्टर की राय: गायनेकोलॉजिस्ट टिप्स में वैक्स ना कराने की सलाह
गायनेकोलॉजिस्ट टिप्स की सबसे जरूरी बात की आप डॉक्टर के पास जाने से पहले कुछ भी तैयारी करने की जरूरत नहीं होती। ज्यादातर महिलाएं गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाने से पहले वजायना के आसपास के हिस्से को वैक्स करने के बारे में सोचती हैं। पहली बार गायनेकोलॉजिस्ट के पास जा रही लड़कियों के मन में भी यह बात रहती है। हालांकि, डॉक्टर इसकी सलाह नहीं देते हैं।
गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाने से पहले आप उस हिस्से को साफ कर लें। ताकि जरूरत पड़ने पर डॉक्टर एक्जामिन कर सकें। डॉक्टर के पास जाने से पहले आप शावर ले सकती हैं या वजायनल हाइजीन के लिए एरिया को वाइप से साफ कर सकती हैं।
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गायनेकोलॉजिस्ट टिप्स: क्या मेरी जानकारी रहेगी गुप्त?
पहली बार गायनेकोलॉजिस्ट के पास जा रही लड़कियों के मन में सेक्शुएलिटी से जुड़ी जानकारी की गोपनीयता को लेकर सवाल खटकता रहता है। 18 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र की लड़कियों की जानकारी को गोपनीय रखा जाता है। विजिट के दौरान की गईं सारी बातें डॉक्टर अपने तक ही सीमित रखते हैं। गायनेकोलॉजिस्ट टिप्स में सबसे जरूरी यह जानना है कि ज्यादातर डॉक्टर आपकी कोई भी बात किसी दूसरे पेशेंट से नहीं करते इसलिए आपकी सारी जानकारी डॉक्टर के पास सुरक्षित हैं।
इस पर दक्षिणी दिल्ली की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट अनीता सभरवाल ने कहा, ‘महिलाओं या लड़कियों के दिमाग में जानकारी की गोपनीयता का सवाल हमेशा गूंजता रहता है। एक डॉक्टर के नाते आने वाले हर मरीज की जानकारी को गोपनीय रखना डॉक्टर का दायित्व होता है। मुझे लगता है कि गोपनीयता से ही मरीज और डॉक्टर के बीच विश्वास का रिश्ता बनता है।’
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