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18 साल के बाद हर महिला को करवानी चाहिए ये 8 शारीरिक जांच

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/09/2021

    18 साल के बाद हर महिला को करवानी चाहिए ये 8 शारीरिक जांच

    “शारीरिक जांच या बॉडी चेकअप 40 साल की उम्र के बाद करवाने की सलाह दी जाती थी और हम सभी इस बात पर अमल भी करते थे, लेकिन मेरी उम्र 40 साल न होते हुए भी मुझे शारीरिक जांच करवानी पड़ती है। मुझे PCOS की समस्या है, जिसके लिए मैं डॉक्टर के संपर्क में रहने के साथ-साथ उनके द्वारा बताए गए बॉडी चेकअप भी करवाती रहती हूं।” यह कहना है 29 वर्षीय नताशा शाह (बदला हुआ नाम) का।

    दरअसल देखा जाए तो इस भागदौड़ की जिंदगी और बदलती लाइफस्टाइल में जहां हम कुछ नई-नई चीजों को समझ रहें हैं, तो वहीं कुछ न कुछ पीछे भी छूटता जा रहा है, जिसका असर हमारी सेहत पर भी पड़ना तय है। इसलिए फिट रहने के लिए समय-समय पर शारीरिक जांच करवाते रहना चाहिए। शारीरिक जांच महिला और पुरुषों दोनों को ही करवाना चाहिए। आज इस आर्टिकिल में जानेंगे महिलाओं को कौन-कौन से बॉडी चेकअप (Body Checkup) करवाते रहना चाहिए?

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    महिलाओं को कौन-कौन सी शारीरिक जांच करवानी चाहिए? (Body checkup for female)

    सबसे पहले तो आप किसी भी उम्र की महिला हों अगर आप हेल्दी महसूस करती हैं फिर भी आपको बॉडी चेकअप (Body checkup) अवश्य करवाना चाहिए। शारीरिक जांच से कोई परेशानी नहीं होती है सिर्फ आपको अपने बिजी शेड्यूल से थोड़ा वक्त निकालना पड़ता है। अगर आपकी या आपके किसी भी करीबी की उम्र 18 साल से कम है और उन्हें कोई शारीरिक परेशानी समझ आ रही है, तो इसे छिपाएं नहीं बल्कि इलाज करवाएं। वहीं अगर आपकी उम्र 18 साल या इससे ज्यादा है और 39 साल तक है, तो निम्नलिखित बॉडी चेकअप करवाते रहें। जैसे:-

    शारीरिक जांच 1: ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) चेकअप

    शारीरिक जांच-body checkup

    नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 mm Hg होता है। अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) (120/80mm Hg से ज्यादा) की समस्या है या लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure) (120/80mm Hg-Correct it से कम) की समस्या होती हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से संपर्क में रहना चाहिए और डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह का पालन करना चाहिए। यही नहीं अगर 120/80 mm Hg से ऊपर जैसे 130/90 mm Hg होता है, तो ऐसी स्थिति में भी जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर हो सकता है। अगर महिला को डायबिटीज (Diabetes), हार्ट डिजीज (Heart Disease), किडनी (Kidney) प्रॉब्लम या कोई अन्य शारीरिक परेशानी है तब भी ब्लड प्रेशर चेक करना आवश्यक है। इसलिए ऐसी कोई परेशानी है, तो डॉक्टर से सलाह अनुसार ब्लड प्रेशर चेकअप करवाते रहें। अगर आप फिट हैं, तो 1 साल में एक बार करवाते रहें।

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    शारीरिक जांच 2: डायबिटीज (Diabetes) चेकअप

    शारीरिक जांच-body checkup

    अगर किसी महिला का ब्लड प्रेशर 140/80 mm Hg से ज्यादा रहता है, तो शुगर लेवल (Sugar level)  चेक करवाना चाहिए। अगर बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 25 से ज्यादा है तो ऐसी स्थिति में डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है। डायबिटीज की समस्या वैसे तो जेनेटिकल कारणों से भी हो सकती है। अगर ब्लड रिलेशन में डायबिटीज पेशेंट हैं तो आपको सतर्क रहना चाहिए। वैसे देखा जाए तो जेनेटिकल कारणों के साथ-साथ बदलती जीवन शैली और तनाव की वजह से भी डायबिटीज का खतरा हो सकता है। अगर ब्लड रिलेशन में कोई शुगर पेशेंट नहीं है, तो साल में एक बार शुगर टेस्ट करवाना चाहिए।

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    शारीरिक जांच 3: डेंटल चेकअप

    शारीरिक जांच-body checkup

    दांतों से जुड़ी परेशानी तो कम उम्र में भी शुरू हो जाती है। इसलिए दांतों की समस्याएं जैसे कि कैविटी (Cavity), पायरिया (Piorrea) या मसूड़ों की समस्या भी कम उम्र में हो सकती है। इसलिए छह महीने या एक साल के अंतराल में डेंटल चेकअप करवाते रहें।

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    शारीरिक जांच 4: आई (Eye) चेकअप

    शारीरिक जांच-body checkup

    विजन प्रॉब्लम (Vision problem) होने पर कोई भी परेशानी महसूस हो तो उसी वक्त डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए या दो साल में करवाना चाहिए। अगर आपको कोई दृष्टि दोष नहीं है, साल में एक बार आंखों की जांच अवश्य करवाएं।

    शारीरिक जांच 5: ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) की जांच

    शारीरिक जांच-body checkup

    इस बारे में शहानी हॉस्पिटल की डायरेक्टर की डाॅक्टर संतोष शहानी का कहना है कि  महिलाओं में आजकल सबसे  ब्रेस्ट में  प्रॉब्लम देखने को मिल रही है, जो कि हॉर्मोनल प्रॉब्लम से जुड़ी हुई है।  स्तन से जुड़ी कोई परेशानी होने पर या तीस साल से ज्यादा उम्र होने पर स्तन की जांच खुद से करनी चाहिए। सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन (Self Breast Examination) भी की जा सकती है। इसके साथ-साथ अगर आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है तो मैमोग्राफी (Mammography) करवाई जा सकती है। अगर ब्लड रिलेशन में कोई ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) पीड़ित हैं या कोई ऐसी हिस्ट्री रह चुकी है, तो आपको ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। कई ब्रेस्ट क्लिनिकल एग्जाम भी डॉक्टर करवाने की सलाह देते हैं।

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    शारीरिक जांच 6: पेल्विस एग्जाम और पैप स्मीयर

    शारीरिक जांच-body checkup

    21 साल की उम्र में प्रवेश करने के साथ हर 3 साल में महिलाओं को पेल्विस एग्जाम और पैप स्मीयर (पैप टेस्ट) करवाना चाहिए। इस शारीरिक जांच की मदद से सर्वाइकल कैंसर की जानकारी मिलती है। अगर किसी महिला का यूट्रस और सर्विक्स सर्जरी कर हटा दिया गया है, तो ऐसी महिलाओं को पैप स्मीयर (Pap smears) करवाना चाहिए। महिलाएं जो सेक्शुअल एक्टिव रहती हैं उन्हें क्लैमाइडिया (Chlamydia) और गैमुरिया (Gonorrhea) चेकअप करवाना चाहिए। इस दौरान डॉक्टर आपको सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STIs) से जुड़ी जानकारी भी देते हैं और इससे कैसे बच सकती हैं, इसकी भी जानकारी देते हैं।

    शारीरिक जांच 7: कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की जांच

    शारीरिक जांच-body checkup

    20 साल से 45 साल की महिलाओं को कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए। महिलाएं जिन्हें कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की समस्या नहीं है उन्हें 5 साल में एक बार कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए। अगर कोई परेशानी समझ आती है और डॉक्टर सलाह देते हैं तभी कोलेस्ट्रॉल चेकअप करवाएं। हालांकि अगर महिला डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम (Heart Problem), किडनी से जुड़ी समस्या या कोई अन्य परेशानी से पीड़ित है तो उसके लिए कोलेस्ट्रॉल लेवल का ध्यान रखना आवश्यक है।

    शारीरिक जांच 8: थायरॉइड (Thyroid) की जांच

    शारीरिक जांच-body checkup

    थायरॉइड चेकअप से हायपोथायराइडिज्म और हायपरथायराइडिज्म (Hypothyroidism) की जानकारी मिलती है। इस टेस्ट को एक साल में एक बार करवाना चाहिए। एक रिपोर्ट के अनुसार थायरॉइड डिसऑर्डर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा देखा जाता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 35 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में हायपोथायराइडिज्म का खतरा ज्यादा होता है।

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    अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहें। अपने आहार का विशेष ख्याल रखें। फिट रहने के लिए पौष्टिक आहार (Healthy diet) के साथ-साथ वर्कआउट भी महिलाओं को करते रहना चाहिए। अगर आप किसी कारण वर्कआउट नहीं कर पा रहीं हैं, तो वॉकिंग (Walking) या स्विमिंग (Swimming) करें। पौष्टिक आहार और वर्कआउट से वजन को संतुलित रखा जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार बॉडी वेट बैलेंस्ड रहने से किसी भी बीमारी का खतरा टल सकता है। इसके साथ ही नियमित शारीरिक जांच से किसी भी बीमारी से लड़ना भी आसान होता है। इसलिए ऊपर बताए गए बॉडी चेकअप की जरूरत को समझें और समय-समय पर करवाते रहें।

    अगर आप महिलाओं के शारीरिक जांच से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

    डिस्क्लेमर

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