
विजन प्रॉब्लम (Vision problem) होने पर कोई भी परेशानी महसूस हो तो उसी वक्त डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए या दो साल में करवाना चाहिए। अगर आपको कोई दृष्टि दोष नहीं है, साल में एक बार आंखों की जांच अवश्य करवाएं।
शारीरिक जांच 5: ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) की जांच

इस बारे में शहानी हॉस्पिटल की डायरेक्टर की डाॅक्टर संतोष शहानी का कहना है कि महिलाओं में आजकल सबसे ब्रेस्ट में प्रॉब्लम देखने को मिल रही है, जो कि हॉर्मोनल प्रॉब्लम से जुड़ी हुई है। स्तन से जुड़ी कोई परेशानी होने पर या तीस साल से ज्यादा उम्र होने पर स्तन की जांच खुद से करनी चाहिए। सेल्फ ब्रेस्ट एग्जामिनेशन (Self Breast Examination) भी की जा सकती है। इसके साथ-साथ अगर आपकी उम्र 40 साल से ज्यादा है तो मैमोग्राफी (Mammography) करवाई जा सकती है। अगर ब्लड रिलेशन में कोई ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) पीड़ित हैं या कोई ऐसी हिस्ट्री रह चुकी है, तो आपको ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। कई ब्रेस्ट क्लिनिकल एग्जाम भी डॉक्टर करवाने की सलाह देते हैं।
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शारीरिक जांच 6: पेल्विस एग्जाम और पैप स्मीयर

21 साल की उम्र में प्रवेश करने के साथ हर 3 साल में महिलाओं को पेल्विस एग्जाम और पैप स्मीयर (पैप टेस्ट) करवाना चाहिए। इस शारीरिक जांच की मदद से सर्वाइकल कैंसर की जानकारी मिलती है। अगर किसी महिला का यूट्रस और सर्विक्स सर्जरी कर हटा दिया गया है, तो ऐसी महिलाओं को पैप स्मीयर (Pap smears) करवाना चाहिए। महिलाएं जो सेक्शुअल एक्टिव रहती हैं उन्हें क्लैमाइडिया (Chlamydia) और गैमुरिया (Gonorrhea) चेकअप करवाना चाहिए। इस दौरान डॉक्टर आपको सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STIs) से जुड़ी जानकारी भी देते हैं और इससे कैसे बच सकती हैं, इसकी भी जानकारी देते हैं।
शारीरिक जांच 7: कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की जांच

20 साल से 45 साल की महिलाओं को कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए। महिलाएं जिन्हें कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) की समस्या नहीं है उन्हें 5 साल में एक बार कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए। अगर कोई परेशानी समझ आती है और डॉक्टर सलाह देते हैं तभी कोलेस्ट्रॉल चेकअप करवाएं। हालांकि अगर महिला डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम (Heart Problem), किडनी से जुड़ी समस्या या कोई अन्य परेशानी से पीड़ित है तो उसके लिए कोलेस्ट्रॉल लेवल का ध्यान रखना आवश्यक है।
शारीरिक जांच 8: थायरॉइड (Thyroid) की जांच

थायरॉइड चेकअप से हायपोथायराइडिज्म और हायपरथायराइडिज्म (Hypothyroidism) की जानकारी मिलती है। इस टेस्ट को एक साल में एक बार करवाना चाहिए। एक रिपोर्ट के अनुसार थायरॉइड डिसऑर्डर पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा देखा जाता है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 35 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में हायपोथायराइडिज्म का खतरा ज्यादा होता है।
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अपनी सेहत को लेकर सतर्क रहें। अपने आहार का विशेष ख्याल रखें। फिट रहने के लिए पौष्टिक आहार (Healthy diet) के साथ-साथ वर्कआउट भी महिलाओं को करते रहना चाहिए। अगर आप किसी कारण वर्कआउट नहीं कर पा रहीं हैं, तो वॉकिंग (Walking) या स्विमिंग (Swimming) करें। पौष्टिक आहार और वर्कआउट से वजन को संतुलित रखा जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार बॉडी वेट बैलेंस्ड रहने से किसी भी बीमारी का खतरा टल सकता है। इसके साथ ही नियमित शारीरिक जांच से किसी भी बीमारी से लड़ना भी आसान होता है। इसलिए ऊपर बताए गए बॉडी चेकअप की जरूरत को समझें और समय-समय पर करवाते रहें।
अगर आप महिलाओं के शारीरिक जांच से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।