एचआईवी (HIV) क्या है?
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (human immunodeficiency virus) एक ऐसा वायरस है, जो मनुष्य के इम्यून सिस्टम में सेल्स पर हमला करता है और उनको नष्ट करता है। यह वायरस प्रतिरक्षा प्रणाली में मौजूद एक प्रकार के सफेद रक्त कोशिका को नष्ट कर देता है जिसे टी-हेल्पर सेल कहा जाता है और इन कोशिकाओं का उपयोग खुद की प्रतियां बनाने के लिए करता है। अगर ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस(human immunodeficiency virus) का इलाज नहीं किया जाता तो पीड़ित व्यक्ति की इम्युनिटी बहुत कमजोर हो जाती है। इम्युनिटी कमजोर होने पर व्यक्ति किसी भी संक्रमण और बीमारियों से नहीं लड़ पाता है। एचआईवी संक्रमण(HIV infection) शरीर के तरल जैसे खून, सीमेन या वजाइनल फ्लूइड से ट्रांसमिटेड हो सकता है। अगर इसका उपचार न किया जाए तो यह अक्वायर्ड इम्युनोडिफीसिअन्सी सिंड्रोम (AIDS) का रूप ले लेता है। इसके लिए समय पर एचआईवी टेस्ट(HIV test) करना जरूरी है। जानिए, एचआइवी टेस्ट((HIV test)) कब कराना चाहिए?
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एचआइवी (HIV) टेस्ट कब कराना चाहिए?
कोई भी व्यक्ति जो ऐसा महसूस करता है कि वो इस वायरस से सम्पर्क में आया है या उसे एचआईवी इंफेक्शन(HIV infection) होने का जोखिम है, उसे टेस्ट कराना चाहिए। एचआइवी इंफेक्शन(HIV infection) का जोखिम कुछ गतिविधियों से बढ़ सकता है। अधिक जोखिम वाली गतिविधियों में असुरक्षित यौन संबंध या नशीली दवाओं का उपयोग भी शामिल है। अगर आपको यह पता चलता है कि शायद आप एचआईवी के सम्पर्क में आएं हैं तो उस तिथि के तीन महीने बाद एक टेस्ट कराएं। एक्सपोज़र के तीन महीने बाद टेस्ट करना 99% सटीक टेस्ट परिणाम सुनिश्चित करेगा। एचआईवी के लिए आप अस्पताल, क्लिनिक, फार्मेसी, सामुदायिक क्लिनिक, परिवार नियोजन क्लिनिक, आदि में टेस्ट करा सकते हैं या इसके लिए टेक-होम टेस्ट लेने का विकल्प भी मौजूद है।
HIV विंडो पीरियड क्या है?
जब बात ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस ((human immunodeficiency virus) की टेस्टिंग की आती है, तो अक्सर लोग एक सवाल पूछते हैं कि उन्हें ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस का टेस्ट कब कराना चाहिए? एचआईवी टेस्ट(HIV test) को लेकर लोग बहुत परेशानी में रहते हैं। वो समय जब पीड़ित व्यक्ति एचआइवी से संक्रमित होता है या उसे संदेह होता है कि वो एचआईवी से संक्रमित हो सकता है और जब इसका पता करने के लिए टेस्ट किया जाता है, उसके बीच के समय को HIV विंडो पीरियड((HIV Window Period)) कहा जाता है। HIV विंडो पीरियड(HIV Window Period) आखिरी सम्पर्क से 90 दिन का होता है। यानी, अगर आपने किसी एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति से रिलेशन बनाया है या आपको यह संदेह है कि आपको HIV हो सकता है तो रिलेशन बनने के 90 दिन तक कभी भी यह टेस्ट में डिटेक्ट हो सकता है।

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इस पीरिएड के बाद टेस्ट करवाने की कोई जरूरत नहीं होती है।लेकिन, अपने विंडो पीरियड के दौरान टेस्ट करवाने पर आपका एचआईवी टेस्ट(HIV test) नेगेटिव भी आ सकता है, भले ही आप उससे संक्रमित हों। क्योंकि वायरस के प्रति प्रतिक्रिया के लिए शरीर को समय लगता है। विंडो पीरियड के दौरान, एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति अभी भी दूसरों को वायरस पास कर सकता है। सामान्य रूप से, वर्तमान में, कोई भी एचआईवी टेस्ट(HIV test) वायरस के संपर्क में आने के तुरंत बाद एचआईवी का पता नहीं लगा सकता है। जानिए HIV विंडो पीरियड(HIV Window Period) के बारे में विस्तार से।