के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) टेस्ट यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि आप एचआईवी से संक्रमित हैं या नहीं। यह वायरस आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को खत्म कर देता है, जिससे आप एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिन्ड्रोम यानी एड्स से पीड़ित हो जाते हैं।
कुछ एचआईवी परीक्षण इम्यून सिस्टम द्वारा एचआईवी संक्रमण की प्रतिक्रिया में तैयार किए जाने वाले एंटीबॉडीज की जांच के लिए किए जाते हैं। जबकि अन्य एचआईवी टेस्ट वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए। रैपिड टेस्ट में 20 मिनट के अंदर परिणाम आ जाते हैं।
एचआईवी संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह टेस्ट जरूरी है। बहुत से लोगों को पता ही नहीं होता कि उन्हें एचआईवी संक्रमण है, इसलिए वह वायरस को दूसरों तक फैलने से रोकने के लिए कोई सावधानी नहीं बरतते। जल्दी निदान से दवाइयों और इलाज की मदद से एड्स को तेज़ी से फैलने से रोका जा सकता है।
सेंटर्स फॉर डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) सलाह देता है कि 13 से 64 साल के सभी व्यक्तियों को एचआईवी टेस्ट कराना चाहिए। यह घर पर या अस्पताल या सामुदायिक एचआईवी परीक्षण केंद्र में किया जा सकता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए एचआईवी टेस्ट बहुत ज़रूरी है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान, डिलीवरी के समय या स्तनपान के जरिए वायरस नवजात में प्रवेश कर सकता है। एचआईवी संक्रमण से लड़ने वाली दवाओं के सेवन से गर्भावास्था के दौरान संक्रमण के नवजात तक फैलने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
और पढ़ें : Prolactin Test : प्रोलैक्टिन टेस्ट क्या है?
यदि कोई व्यक्ति एचआईवी के संपर्क में आता है तो जल्दी इसकी पहचान और इलाज से स्थिति को बेहतर बनाया जा सकता है, इससे संक्रमण को तेजी से बढ़ने से रोका जा सकता है, एचआईवी को स्टेज 3 या एड्स तक पहुंचने से रोका जा सकता है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति से दूसरों तक इसे फैलने से भी रोका जा सकता है।
जिन लोगों को यह पता है कि वह एचआईवी से संक्रमित है उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कुछ मामलों में 72 घंटे के अंदर इलाज होने पर डॉक्टर मरीज को पोस्ट-एक्सपोज़र प्रोफिलैक्सिस (PEP) देता है। यह आपातकालीन दवा एचआईवी को फैलने से रोक देती है।
एचआईवी स्थिति की परवाह किए बिना एचआईवी एंटीबॉडी टेस्ट से पहले और बाद में काउंसलिंग जरूर की जानी चाहिए।
टेस्ट से पहले काउंसलिंग करने से टेस्ट के परिणाम समझने में आसानी होती है, वायरस से खुद को सुरक्षित कैसे रखें और यदि आप एचआईवी से संक्रमित है तो उसे दूसरों तक फैलने से कैसे रोका जाए, के बारे में जानकारी मिलती है।
टेस्ट के बाद भी काउंसलिंग उतनी ही जरूरी है। नकारात्मक परिणाम का यह मतलब नहीं है कि आगे कभी आपको एचआईवी संक्रमण नहीं हो सकता। असुरक्षित यौन संबंध या संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध, संक्रमित व्यक्ति को लगाई गई सुई के इस्तेमाल से यह हो सकता है, जिस बारे में काउंसलिंग में बताया जाता है।
एचआईवी टेस्ट से कुछ जोखिम जुड़े हुए हैं। यदि ब्लड सैंपल लिया जाता है तो आपको सुई लगाने वाली जगह पर दर्द, सूजन या चोट लगने का एहसास होगा। चक्कर आने या संक्रमण की भी शिकायत हो सकती है।
यदि आपको सुई या खून देखकर डर लगता है, तो नर्स को पहले ही इस बारे में बता दें। हो सकता है टेस्ट के दूसरे विकल्प मौजूद हों। इसके अतिरिक्त यदि आपको हीमोफिलिया है या खून पतला करने वाली दवा ले रहे हैं, तो आपके लिए छोटी साइज़ की बटरफ्लाई सुई का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे ज्यादा खून नहीं बहेगा।
और पढ़ेंः Pap Smear Test: पैप स्मीयर टेस्ट क्या है?
इस टेस्ट के लिए किसी खास तरह की तैयारी की जरूरत नहीं होती है। आपको बस अपने डॉक्टर को फोन करके अपॉइंटमेंट फिक्स करनी होगी। कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी सीधे जाकर टेस्ट करवा सकते हैं।
एचआईवी टेस्ट में वायरस में एंटीबॉडीज का पता आमतौर पर ब्लड टेस्ट या फिर स्वैब के साथ गाल की कोशिकाओं के सैंपल के परीक्षण से लगाया जाता है।
संक्रमण के तुरंत बाद कुछ एचआईवी टेस्ट सही नहीं आते, क्योंकि शरीर को वायरस में एंटीबॉडीज उत्पन्न करने में समय लगता है। एचआईवी संक्रमण का पता लगाने के लिए एंटीबॉडी टेस्ट के लिए पर्याप्त एंडीबॉडीज बनने के लिए 3 से 12 सप्ताह का समय लगता है।
स्क्रिनिंग चाहे किसी भी तरह की गई हो, लेकिन सकारात्मक परीणाम के बाद एचआईवी निदान के लिए फॉलो अप टेस्ट कराने की जरूरत है। यदि इसका परिणाम भी सकारात्मक है तो इसका मतलब है कि आपको एचआईवी संक्रमण है। एचआईवी टेस्ट के परिणाम आने में कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक का समय लग सकता है। वैसे कुछ रैपिड एचआईवी टेस्ट में परिणाम 20 मिनट के अंदर ही आ जाता है।
कुछ रैपिड टेस्ट में 20 मिनट के अंदर ही बहुत हद तक सही जानकारी मिल जाती है। इसमें ब्लड सैंपल के जरिए एचआईवी में एंडीबॉडीज की मौजूदगी देखता है, खून नस या अंगुली से लिया जाता है या फिर ट्रीटेड पैड पर एकत्र तरल पदार्थ को ऊपरी और निचले मसूड़ों में रगड़ा जाता है। रैपिड टेस्ट के पॉज़िटिव आने पर उसकी पुष्टि के लिए ब्लड टेस्ट की जरूरत होती है।
घर पर एचआईवी टेस्ट
घर पर टेस्ट करवाने के दो विकल्प हैंः
दोनों टेस्ट के परिणाम सकारात्मक आने के बाद फॉलो अप टेस्ट की ज़रूरत होती है।
सामान्य एचआईवी टेस्ट में एंटीबॉडीज का पता नहीं चल पाता, लेकिन कुछ टेस्ट में एचआईवी संक्रमण का पता पहले ही चल जाता है। अर्ली डिटेक्शन टेस्ट में वायरस में अनुवांशिक सामग्री और पहले कुछ हफ्तों में संक्रमण के कारण उत्पन्न होने वाले प्रोटीन के लिए आपके रक्त का मूल्यांकन करता है।
वायरस से एंटीबॉडी विकसित होने से पहले एचआईवी संक्रमण का पता लगाने वाले टेस्ट स्टैंडर्ड एचआईवी टेस्ट से महंगे होते हैं और ये टेस्ट जब जगह उपलब्ध भी नहीं होते। इस टेस्ट के सकारात्मक परिणाम के बाद इसकी पुष्टि के लिए स्टैंडर्ड एचआईवी टेस्ट की जरूरत होती है।
और पढ़ेंः Serum glutamic pyruvic transaminase (SGPT): एसजीपीटी टेस्ट क्या है?
एचआईवी टेस्ट का सबसे कठिन दौर टेस्ट नहीं, बल्कि परिणाम का इंतज़ार करना होता है, खासतौर पर तब जब पहली परिणाम सकारात्मक हो, तो दूसरे परिणाम का इंतज़ार और मुश्किल हो जाता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एसटीडीज और एआईडीएस में छपे अध्ययन के मुताबिक, इंतज़ार का दौर इतना मुश्किल होता है कि 15 में से 1 व्यक्ति तो परिणाम के लिए आता ही नहीं है।
परिणाम का इंतज़ार करने के दौरान खुद को शांत रखने के लिए आप ये कर सकते हैं:
एचआईवी टेस्ट से जुड़े किसी भी सवाल के जवाब और उसे बेहतर समझने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
[mc4wp_form id=’183492″]
नकारात्मक परिणाम के दो मतलब हो सकते हैं या तो आपको एचआईवी नहीं है या फिर इसका पता लगाने के लिए अभी बहुत जल्दी है।
यदि आपको हाल ही में संक्रमण हुआ है तो टेस्ट में एचआईवी एंटीबॉडीज का परिणाम नकारात्मक ही होगा। ऐसे में आप कुछ महीनों बाद दोबारा टेस्ट करवा सकते हैं या फिर एर्ली डिटेक्शन टेस्ट का विकल्प चुन सकते हैं।
हालांकि एचआईवी/एड्स का कोई इलाज नहीं है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसके उपचार के तरीकों में सुधार हुआ है जिससे मरीज ज़्यादा समय तक जीवित रह पाते हैं। यदि एचआईवी का सही तरीके से उपचार किया जाए तो संक्रमित व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा सामान्य हो सकती है। जल्दी उपचार से मरीज ठीक रह सकता है और ए़़ड्स की शुरुआत देरी से होती है।
लैब और अस्पताल के आधार पर एचआईवी टेस्ट की सामान्य रेंज अलग-अलग हो सकता है। परिणाम के बारे में किसी तरह का संदेह होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
डिस्क्लेमर
हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड
Dr Sharayu Maknikar