के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist
“एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम टेस्ट” (Activated Clotting Time Test) खून के क्लॉट या थक्के को रोकने वाले अवरोधक जैसे हेपरिन या थ्रोम्बिन के प्रभाव को मापने के लिए किया जाता । इन दवाओं का उपयोग एंजियोप्लास्टी, किडनी डायलिसिस और कार्डियोपल्मोनरी बाईपास (सीपीबी) में किया जाता है ।
“एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम टेस्ट” द्वारा एक क्लॉट की स्थिति की जांच करके, आपका डॉक्टर शरीर में हेपरिन के असर का पता लगा सकता है ।
कार्डियोपल्मोनरी बाईपास के दौरान मरीज के इलाज को बेहतर ढंग से समझने के लिए एपीपीटी (एक्टिवेटेड पार्शियल थ्रोम्बोप्लास्टिन टाइम)और “एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम” टेस्ट को हेपरिन के साथ कराने के निर्देश दिए जा सकते है । हालांकि, “एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम” एपीटीटी से ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकता है ।
जब हाई डोज वाले हेपरिन का उपयोग जमावट के खिलाफ किया जाता है तो एपीटीटी की तुलना में “एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम” के नतीजे ज्यादा सटीक होते है । “एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम टेस्ट” क्लीनिकल स्थितियों और सीपीबी में बहुत कारगर सिद्ध होता है, जहां हाई डोज़ हेपरिन का इस्तेमाल किया जाता है। इस स्थिति में हाई डोज वाले कौयगुलांट नस या वेन थ्रोम्बोसिस से 10 गुना ज्यादा आवश्यक होते हैं। एपीटीटी इन हाई डोज सिचुएशन को माप नहीं सकता है। सीपीबी (कार्डियोपल्मोनरी बाईपास) में “एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम” का लक्ष्य 400-480 सेकंड है।
इस टेस्ट को कराने का एक कारण ये भी है कि “एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम” टेस्ट कम खर्चीला है और ज्यादा आसानी से किया जाता है यहाँ तक कि ये बिस्तर पर भी किया जा सकता है। “एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम” डिपार्टमेंट तक जल्दी और कम समय तक पहुचता है ।
क्लॉटिंग टाइम से मतलब किसी भी रक्त का क्लॉट बनने से होता है। सामान्यता क्वॉटिंग टाइम 2-8 मिनट होता है। यानी अगर किसी व्यक्ति को चोट लगती है तो चोट वाले स्थान में दो से आठ मिनट में खून बहना बंद हो जाता है। टेस्ट ट्यूब मैथड से क्वॉटिंग टाइम की जांच की जा सकती है। ब्लड को ग्लास टेस्ट ट्यूब में 37° C.के तापमान में रखा जाता है। थ्रॉम्बिन का जनरेशन जितनी देर में होता है, उसी के अनुसार खून जमता है। अगर प्रोथॉम्बिन का प्लाज्मा कॉन्संट्रेशन या अन्य फैक्टर लो होते हैं तो खून जमने में देरी हो सकती है।
ये टेस्ट कम खर्चीला है और ज्यादा आसानी से किया जाता है; यह बिस्तर पर भी किया जा सकता है। इसलिए, यह टेस्ट उन मरीजों के लिए कारगर है जो:
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एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम टेस्ट तब रिकमेंड किया जाता है जब उसे हेपरिन या थ्रोम्बिन की डोज दी गई हो। ओपन हार्ट सर्जरी को करने से पहले एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम को मापा जाता है जिससे इस दौरान हेपरिन थक्कारोधी के एक स्थिर स्तर को बनाए रखा जा सके।
ये निम्नलिखित कारक एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम टेस्ट के रिजल्ट को प्रभावित करते हैं:
हाइपोथर्मिया की समस्या (Hypothermia), खून का पतला होना, प्लेटलेट्स की संख्या और कार्य जैसी बायोलॉजीकल कंडीशन।
हेपरिन जैसे, किडनी रोग या लिवर रोग और एंटी-हेपरिन के फार्माकोकाइनेटिक्स को प्रभावित करने वाले कारक “एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम टेस्ट” के रिजल्ट को प्रभावित कर सकते हैं।
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टेस्ट के दौरान आपको किसी खास तैयारी की जरूरत नही है, हालांकि, आपका डॉक्टर आपकी हेल्थ कंडिशन की जांच कर सकता है। यदि आपके मन मे तैयारियों को लेकर कोई सवाल है तो अपने डॉक्टर से बात करें।
टेस्ट के दौरान आपको हाफ बाजू की शर्ट पहन लेनी चाहिए ताकि नर्स को ब्लड सैंपल लेते समय कोई दिक्कत ना हो ।
हेल्थ अटेंडेंट ब्लड सैंपल लेने के दौरान:
इंजेक्शन के बाद आपको कोई दर्द महसूस नही होता हालांकि कुछ लोगों को सुई चुभने जैसा दर्द महसूस हो सकता है क्योंकि सुई को आपकी स्कीन के अंदर इजेक्ट किया जाता है । हालांकि, जब सुई नस से खून खिंचती है तो उस दौरान ज्यादातर लोगों को दर्द महसूस नहीं होता है। आमतौर पर, आपके दर्द का स्तर नर्स की कुशलता, आपकी नस की स्थिति और दर्द के प्रति आपकी संवेदनशीलता पर निर्भर करता है।
ब्लड सैंपल कलेक्ट करने के बाद खून को रोकने के लिए और नस को थोड़ा दबा के रखना चाहिए । टेस्ट के बाद आप अपनी नॉर्मल रुटीन फॉलो कर सकते है ।
यदि आपके मन में “एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम टेस्ट ” टेस्ट के विषय में कोई प्रश्न हैं, तो कृपया निर्देशों को बेहतर ढंग से समझने के लिए अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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आपके द्वारा चुनी गई पैथलॉजी या लैब के आधार पर, “एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम टेस्ट ” टेस्ट के लिए नॉर्मल रेंज अलग अलग हो सकती है
सामान्य तौर पर, टेस्ट की नार्मल रेंज को रिपोर्ट में लिखा जाएगा। टेस्ट से पहले और टेस्ट के बाद अपने टेस्ट रिजल्ट को समझने के लिए डॉक्टर से बात करे
70-120 सेकंड में रक्त के क्लॉट।
यदि आपके पास थक्कारोधी थेरपी है, तो सामान्य वैल्यू 150-600 सेकंड है।
रक्त के क्लॉट बनने में अधिक समय लग सकता है क्योंकि:
प्रयोगशाला और अस्पताल के आधार पर, “एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम टेस्ट ” टेस्ट के लिए नार्मल रेंज अलग अलग हो सकते है। टेस्ट रिजल्ट के विषय से जुड़े किसी भी शंका या सवाल के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करे
उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। हैलो हेल्थ ग्रुप चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार प्रदान नहीं करता है।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में एक्टिवेटेड क्लॉटिंग टाइम टेस्ट से जुड़ी ज्यादातर जानकारी देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं। इससे जुड़ी यदि आप अन्य जानकारी चाहते हैं तो आप हमसे कमेंट कर पूछ सकते हैं। इसके अलावा आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट सेक्शन में बता सकते हैं।
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