ऊपर दी गई जानकारी इस दौरान जरूर फॉलो करें। ऐसा नहीं करने पर इसका नकारात्मक प्रभाव आपकी रिपोर्ट पर पड़ सकता है।
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प्रक्रिया
डेक्सामेथासोन सप्प्रेशन टेस्ट की तैयारी कैसे करें ?
डेक्सामेथासोन सप्प्रेशन टेस्ट से लगभग 10 से 12 घंटे पहले आपको कुछ भी खाने से मना किया जाएगा। साथ ही हो सकता है डॉक्टर आपको कुछ दवाओं को भी लेने से मना करेंगें। जैसे कि एस्पिरिन(Aspirin), मॉर्फिन(Morphine), मेथाडोन, लिथियम(Lithium) और डाययुरेटिक्स(Diuretics)। ये सभी दवाएं टेस्ट के परिणामों पर प्रभाव डाल सकती हैं। इसलिए डॉक्टर आपको लगभग 24 -48 घंटे पहले इन दवाओं को लेने से मना करेंगें।
डेक्सामेथासोन सप्प्रेशन टेस्ट के दौरान क्या होता है?
डेक्सामेथासोन सप्प्रेशन टेस्ट से एक दिन पहले रात को 11 बजे आपको एक डेक्सामेथासोन पिल (Dexamrthasone Pill) खानी होगी। ये पिल एंटासिड(Antacid) या फिर दूध के साथ ली जा सकती है। अगले दिन डॉक्टर आपके खून का सैंपल लेंगें।
खून लेने के लिए आपकी बांह के ऊपरी हिस्से को इलास्टिक बैंड से बांधा जाएगा जिससे की नसें उभर आएं खून लिया जा सके। खून लेने के बाद उसे एक ट्यूब में रखा जाएगा। खून लेने के बाद नीडल साईट को कॉटन से दबा दिया जाएगा और फिर बैंडेज लगाकर घाव को बंद कर दिया जाएगा। सूजन होने पर आप डॉक्टर से पूछकर सिकाई कर सकते हैं।
बहुत गहरी जांच के लिए हो सकता है आपको दो दिनों में 8 पिल्स लेनी पड़ सकती हैं। अगले दिन आपके खून और यूरिन में कोर्टिसोल की मात्रा नापी जा सकती है। सैंपल लेने के बाद डॉक्टर उसे लैब में भेज देंगें। लैब से आई रिपोर्ट के आधार पर आपका आगे का इलाज किया जाएगा।
असामान्य रूप से बढ़े हुए लेवल की जांच के लिए डॉक्टर कुशिंग सिंड्रोम का निदान करने के लिए बाद में भी चेकअप कर सकते हैं। यदि इस विकार का निदान किया जाता है, परीक्षण किया जाता है, तो बढ़ें हुए कोर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त दवाएं दी जाती हैं। इसके साथ ही अगर बढ़े हुए कोर्टिसोल का कारण अगर कैंसर है, तो इससे जुड़े अन्य टेस्ट की सलाह दी जा सकती है।
वहीं हाई कोर्टिसोल लेवल के कारण कुशिंग सिंड्रोम की समस्या होती है, तो अन्य हेल्थ चेकअप और टेस्ट की जा सकती है।
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परिणामों को समझें
सामान्य रेंज:
आमतौर पर शरीर में कोर्टिसोल की मात्रा 5 माइक्रोग्राम प्रति डेसिलीटर से कम होनी चाहिए।
असामान्य कोर्टिसोल रेंज :
बढ़ा हुआ कोर्टिसोल (Cortisol) इन स्थितियों की तरफ संकेत करता है:
- कशिंग सिंड्रोम(Cushing Syndrome)
- बार-बार बुखार आना
- हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है
- बहुत अधिक सक्रिय थायरॉइड ग्लैंड होना
- डिप्रेशन की समस्या
- शरीर शुगर लेवल बढ़ना जिस वजह से डायबिटीज होता है और इसका ठीक तरह से इलाज नहीं करना
- कैंसर
- खान-पान ठीक तरह से न करना
- सेप्सिस
- अत्यधिक एल्कोहॉल का सेवन करना