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कोरोना महामारी में अस्पताल जाने के दौरान इन टिप्स का जरूर रखें ध्यान

कोरोना महामारी में अस्पताल जाने के दौरान इन टिप्स का जरूर रखें ध्यान

कोरोना महामारी का सफर अभी भी  मुंबई शहर को अपनी जकड़ में दबोचे हुए है। हालांकि, शहर में धीरे-धीरे लॉकडाउन को कम किया जा चुका है ताकि लोगों को जरूरी सेवाएं मुहैया करवाई जा सकें। ऐसे में अस्पताल के नियम में देर बदल किए गए हैं। पिछले कुछ महीनों में लोगों ने संक्रमण के डर के कारण अस्पताल जाने या सर्जरी करवाने में देरी दिखाई है, जिसके चलते कई जाने खतरे में रही।

अस्पताल के नियम के तहत जहां एक तरफ डॉक्टर और नर्स इस महामारी से जांबाजों की तरह लड़ रहें हैं वहीं दूसरी ओर अस्पताल के नियम के अनुसार अन्य बिमारियों की सेवाओं के साथ मरीजों के इलाज के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

अस्पताल के नियम के मुताबिक ओपीडी (आउटपेशेंट डिपार्टमेंट) से लेकर आधुनिक अस्पतालों की सभी सेवाएं अब पूरी तरह से सामान्य रूप से उपलब्ध हैं। हालांकि, कई लोगों को अभी भी इस बात का डर है कि अस्पताल जाना सुरक्षित है या नहीं।

इस समय सबसे महत्वपूर्ण चीज है एहतियात बरतना यानि अस्पताल के नियम अनुसार सोशल डिस्टेंसिग रखना। इससे न केवल आप खुद का बल्कि दूसरों का भी ख्याल रख सकते हैं। सरकार द्वारा बताई गई जानकारी और नियमों का पालन करें व जरूरत पड़ने पर तुरंत चिकित्सीय मदद के लिए संपर्क करें।

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किसी भी प्रकार की समस्या, बुखार या असुविधाजनक महसूस होने पर इलाज में देरी न दिखाएं और अस्पताल के नियम के तहत जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करने की कोशिश करें। क्योंकि समस्या का समाधान निकालने में देरी करने से वह अधिक बड़ सकती है। निम्न कुछ ऐसे स्टेप हैं जिनकी मदद से मरीजों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा सकता है और घर पर ही उनका इलाज मुहैया करवाया जा सकता है –

  • अस्पताल के नियम नंबर 1 – डॉक्टर के पास जाने से पहले अपॉइंटमेंट बुक करना जरूर सुनिश्चित कर लें। ऐसा इसलिए है क्योंकि डॉक्टर के क्लिनिक या अस्पताल में लाइन में खड़े रहने से आपको व अन्य मरीजों को भी खतरा हो सकता है। अपॉइंटमेंट बुक करने के लिए ऑनलाइन सुविधाओं जैसे फोन कॉल या मैसेज के जरिए बुक करने की कोशिश करें। मास्क पहनना अनिवार्य है, इसके अलावा अपने साथ अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर जरूर रखें व दस्ताने और वेट वाइप्स भी ले जाना न भूलें। घर से अपनी पानी के बोतल रख कर ले जाना फायदेमंद हो सकता है।
  • अस्पताल के नियम नंबर 2 – डॉक्टर के पास जाने के लिए अन्य व्यक्ति का साथ लिया जा सकता है। लेकिन मरीज के साथ केवल एक ही स्वस्थ व्यक्ति को जाने देने की अनुमति है। जिन लोगों को सर्दी, खांसी या जुकाम के लक्षण हैं उन्हें घर में क्वारंटाइन रहने की जरूरत है। गर्भवती महिलाएं, अधिक उम्र के लोगों और बच्चों को अस्पताल ले जाने से बचे जब तक की कोई आपातकालीन स्थिति न हो।
  • अस्पताल के नियम नंबर 3 – डॉक्टर या अस्पताल जाने के लिए कोशिश करें की आप अपनी गाड़ी या कैब का इस्तेमाल कर सकें। यदि आपके पास यह विकल्प नहीं हैं तो सार्वजनिक परिवाहन का इस्तेमाल करते समय अधिक एहतियात बरतें। किसी भी सतह या जगह को छूने के बाद अपने मुंह, आंखों और नाक पर तब तक हाथ न लगाएं जब तक आप उन्हें अच्छे से सैनिटाइज न कर लें।
  • अस्पताल के नियम नंबर 4 – सार्वजनिक परिवाहन या कैब का इस्तेमाल करने पर पेमेंट करने के लिए कैश की बजाए डिजिटल मनी जैसे यूपीआई का इस्तेमाल करें। इससे अन्य व्यक्ति के संपर्क में आने की आशंका कम हो जाएगी।
  • अस्पताल के नियम नंबर 5 – अस्पताल पहुंचते ही आपको एक बात का जरीर ध्यान रखने है और वो है दो गज की दूरी। डॉक्टर के क्लिनिक या अस्पताल में संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की आशंका सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में यहां एहतियात बरतना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। सोशल डिस्टेंसिंग का गंभीरता से पालन करें। डॉक्टर से मिलने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धोएं।
  • अस्पताल के नियम नंबर 6 – वैसे तो सभी अस्पतालों और डॉक्टर के क्लिनिक में सैनेटाइजिंग की जाती है लेकिन फिर भी वहां मौजूद स्टाफ की बातों का पालन जरूर करें।
  • अस्पताल के नियम नंबर 7 – अपने परामर्श से संबंधित सभी जरूरी दस्तावेजों को साथ लेकर जाएं जैसे की मेडिकल रिपोर्ट्स। ऐसा करने से अपॉइंटमेंट के दौरान आपका और डॉक्टर का समय खराब नहीं होगा और आप अन्य व्यक्ति के संपर्क में भी कम रहेंगे। यदि आप डॉक्टर से कई सवाल पूछना चाहते हैं तो उन सभी की एक लिस्ट तैयार कर लें ताकि किसी भी प्रकार की कंफ्यूजन न हो। सही इलाज और परीक्षण के लिए अपनी सभी जानकारी और लक्षणों के बारे में डॉक्टर को बताएं।
  • अस्पताल के नियम नंबर 8 – यदि किसी को बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं तो उन्हें ओपीडी की बजाए इस दौरान विशेष रूप से बनाए गए क्लिनिक में जाना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार या प्राइवेट अस्पतालों में क्लिनिक के मुकाबले अधिक भीड़ होती है जिससे संक्रमण की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही अगर आपको कोविड हुआ तो अन्य लोगों को संक्रमण होने की आशंका भी कम हो जाती है।

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डॉक्टर से पूछे जाने वाले कुछ जरूरी सवाल

डॉक्टर को बताएं कि आप किस तरह घर में और बाहर स्वच्छता का पालन करते हैं। इसके साथ ही उनसे पूछें कि यदि आप किसी नियम को भूल तो नहीं रहें हैं। यदि आप स्वच्छता के किसी महत्वपूर्ण नियम की जानकारी नहीं जानते हैं तो उसके बारे डॉक्टर से पूछें। सरकार और इंटरनेशनल संस्थाओं द्वारा बताए गए सभी निर्देशों का पालन करने से ही हम खुद को और अपने साथियों को कोविड-19 से बचा सकते हैं

आगे आने वाली अपॉइंटमेंट के बारे में डॉक्टर से पूछें और जाने की यदि आपको फिर से आना जरूरी है या घर से बैठे हुए भी आप उनसे परामर्श कर सकते हैं।

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अस्पताल में जाने पर इन नियमों का पालन जरूर करें

हॉस्पिटल के अंदर वाल्वस (छेद वाले) वाले मास्क न पहनें क्योंकि अस्पतालों में यह सख्त रूप से निषेध हैं। इनकी बजाए घर पर बनाए या मार्किट में पूरी तरह से बंद मास्क इस्तेमाल करने की कोशिश करें।

अस्पताल में पेमेंट करते समय कैशलेस पेमेंट का विकल्प चुने क्योंकि संक्रमण के अधिक खतरे वाली जगहों पर ऑनलाइन पेमेंट करना अधिक सुरक्षित रहता है। इससे आप अन्य व्यक्ति के संपर्क में नहीं आते हैं और न ही उन्हें आपके संपर्क में आने का जोखिम होता है।

डॉक्टरी परामर्श के बाद घर जाते समय भी उन्हीं नियमों और निर्देशों का पालन करें जिन्हें आप ने डॉक्टर के पास जाते समय किया था।

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घर पहुंचने पर जूतों को बाहर ही उतार दें और दरवाजे की नॉब को डिसइंफेक्ट करें। इसके अलावा यदि आपने घर पहुंचने पर किसी अन्य सतह को छुआ है तो उसे भी सैनिटाइज करें। सही तरह से मास्क को उतार कर फेंक दें और सीधे नाहने के लिए चले जाएं। कपड़ों को उतार कर वाशिंग मशीन या किसी ऐसे जगह पर रखें जहां कोई  आसानी से उनके संपर्क में न आ सके।

बेहतर होगा अगर आप नाहने से पहले कपड़ों को डिटर्जेंट में भिगो लें और कुछ समय के लिए निवाए पानी में ही रहने दें। इसके बाद गुनगुने पानी से स्नान करें और साबुन व स्पंज (स्क्रब) का अच्छे से इस्तेमाल करें।

सभी अस्पतालों में सिमित लोगो व मरीजों को जाने की ही अनुमति है। सभी दिशा-निर्देशों व नियमों का सही तरिके से पालन करें और किसी भी तरह की समस्या या कोई उलंघन न करें जिससे आप या अन्य किसी को खतरा हो सके। इसके साथ ही आत्मविश्वास रखना भी बेहद जरूरी है। वायरस से ज्यादा न डरें और डॉक्टर को होना मार्गदर्शक बनने दें। डॉक्टर द्वारा बताए गए नियमों और स्वच्छता के निर्देशों का पालन करें इसके अलावा अपनी तरफ से इंटरनेट पर पढ़ कर किसी अन्य चीज का पालन करना न शुरू करें। सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।

डिस्क्लेमर

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Current Version

10/10/2020

Written by डॉ. अनीता मैथ्यू

Updated by: Niharika Jaiswal


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Written by

डॉ. अनीता मैथ्यू

फैमिली मेडिसिन · Fortis Hospital, Mulund


अपडेटेड 10/10/2020

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