टीबी यानी ट्यूबरकुलोसिस एक ऐसा बैक्टीरियल इंफेक्शन है जो हमारे फेफड़े को सबसे पहले प्रभावित करता है। ये बैक्टीरिया बॉडी टिशू पर हमला कर उन्हें नष्ट कर देता है। यह बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium tuberculosis (MTB)) नामक बैक्टीरिया की वजह से होती है और यह हवा के माध्यम से फैलता है। टीबी उनपर तेजी से हमला करता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिन्हें एचआईवी, कैंसर आदि हो उन्हें टीबी जल्द हो जाती है। मूल रूप से यह रोग हमारे फेफड़ों को प्रभावित करता है, जो हड्डियां, लिम्फ ग्रंथियां, आंत, हमारे दिल, दिमाग और अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है। शुरुआती अवस्था में इस बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है लेकिल अगर ये बिगड़ जाए, तो जानलेवा साबित हो सकती है।
अपनी इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़िया रखें। कमजोर इम्यूनिटी से ट्यूबरकुलोसिस के बैक्टीरिया के एक्टिव होने के चांस होते हैं। दरअसल, टीबी का बैक्टीरिया कई बार शरीर में होता है लेकिन अच्छी इम्यूनिटी से यह एक्टिव नहीं हो पाता और टीबी नहीं होती।
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टीबी का इनएक्टिव इंफेक्शन होने पर इस बीमारी का कोई भी लक्षण (symptom) जल्दी दिखाई नहीं पड़ता है, लेकिन जब इसके बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं तो ट्यूबरकुलोसिस के लक्षण बड़ी आसानी से दिखने लगते हैं।
अगर इन लक्षणों की बात करें तो इन्हें शरीर में विकसित होने में समय लगता है इसलिए जल्दी किसी को पता नहीं चल पाता है, लेकिन जब लक्षण अधिक बढ़ जाते हैं तब जाकर इस बीमारी (TB) का पता चल पाता है। इस बीमारी के बैक्टीरिया आमतौर पर गुर्दा, लसिका ग्रंथी, हड्डी और जोड़ों को प्रभावित करते हैं लेकिन ट्यूबरकुलोसिस का रोग फेफड़ों(lungs) को सबसे ज्यादा संक्रमित करता है।
ट्यूबरकुलोसिस के दूसरे भी लक्षण हैं जो इस बात पर निर्भर करता है कि इस बीमारी ने फेफड़े और सीने के अलावा शरीर के और किस भाग को संक्रमित किया है। जैसे कि यदि टीबी लिम्फ नोड में फैलती है तो इससे गर्दन और बांह के नीचे सूजन आ जाती है। यदि ट्यूबरकुलोसिस हड्डियों या पैर के जोड़ों में हो तो इसकी वजह से घुटनों एवं कूल्हों में सूजन के साथ ही दर्द होता है।
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टीबी के जीवाणु की प्रतिक्रिया जानने के लिए इम्यून सिस्टम की जांच की जाती है। इसके लिए डॉक्टर आमतौर पर ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट करते हैं। यह टेस्ट ऐसे व्यक्तियों का किया जाता है जिनमें किसी एक्टिव इंफेक्शन (active infection) के व्यक्ति के संपर्क में आने से ट्यूबरकुलोसिस हो गई हो या जिनमें टीवी के इंफेक्शन के एनएक्टिव होने की आशंका होती है।
स्किन टेस्ट के लिए व्यक्ति के बांह में इंजेक्शन लगाया जाता है। 2 या 3 दिन के बाद डॉक्टर इसका परीक्षण करता है। यदि यह टेस्ट पॉजिटिव होता है तो जहां इंजेक्शन लगाया गया होता है वह जगह कठोर होकर सूज (swellen) जाती है। इसका मतलब यह होता है कि आपका शरीर टीबी के बैक्टीरिया से संक्रमित है, लेकिन यदि सूजन नहीं दिखती है तो इसका मतलब यह है कि ट्यूबरकुलोसिस इनएक्टिव एवं असक्रिय है।
वायरलेस ऑब्जर्व थेरिपी (Wirelessly Observed Therapy) (WOT) के जरिए अब टीबी का इलाज करना और भी आसान हो गया है। बता दें कि हर साल करीब 10 लाख लोग टीबी (ट्यूबरक्युलॉसिसकी) की बीमारी के ग्रस्त होते हैं। साल 2017 के आकड़ों की बात करें, तो 1.6 लाख लोग क्रोनिक लंग्स डिसऑर्डर के कारण मौत का शिकार हुए थे। वहीं, ट्यूबरकुलोसिस की स्थिति तो नियंत्रित करने और उपचाप करने के लिए वायरलेस ऑब्जर्व थेरिपी और भी ज्यादा मददगार हो गई है। दरअशल, रिसर्च में ये दावा किया गया है कि टीबी के पेशेंट के लिए एक टीवी का सेंसर बनाया गया है, जो पेशेंट को समय से दवा देने का काम करेगा। इस सेंसर की खोज टीबी के पेशेंट के लिए वरदान है। इंफेक्शन डिजीज से लड़ रहे लोगों को समय पर दवा न मिलना या फिर याद न रख पाना मौत का कारण बन जाता है।
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बनाए गए ट्यूबरकुलोसिस के लिए सेंसर की हेल्प से डॉक्टर अपने टीबी पेशेंट की निगरानी आसानी से कर सकते हैं। ये खोज क्षय रोग से जान बचाने के लिए क्रांति साबित हो सकती है। पीएलओएस (PLOS) मेडिसिन जर्नल (कैलीफोर्निया) में प्रकाशित खबर के मुताबिक 93 फिसदी लोग सेंसर की हेल्प से सही समय पर दवा ले रहे हैं। जबकि 63 फिसदी लोग सही समय पर दवा नहीं ले रहे हैं। टीबी के उपचार के दौरान सही से देखभाल न हो पाने के कारण क्षय रोग दूसरों तक आसानी से पहुंच जाता है। इस पूरी प्रक्रिया की देख रेख में वायरलेस ऑब्जर्व थेरिपी की मदद ली जाएगी।
– ट्यूबरकुलोसिस का रोगी को फिजिकल एक्टिवटी बंद कर पूरी तरह से आराम करना चाहिए। आराम नहीं करने पर उसका बुखार तेज हो सकता है। जब बुखार न हो थोड़ा बहुत चल फिर सकता है। ऐसी स्थिति में सेक्शुअल इंटीमेसी, शराब, सिगरेट के सेवन आदि से भी परहेज करना जरूरी है।
टीबी जैसे रोग में आप उपरोक्त बातों को ध्यान रखकर इसके असर को कम करने के साथ-साथ जल्द स्वस्थ हो सकते हैं। ध्यान रहे टीबी के दौरा स्वच्छता, आराम और संतुलित आहार अति आवश्यक है।
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें।
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