आइस क्रीम
आइस क्रीम खांसी को सबसे ज्यादा खराब कर सकती है। आपने हो सकता है कहीं पर पढ़ा हो की गले में खराश को ठीक करने के लिए आइस क्रीम का सेवन करना चाहिए। हालांकि, आपको बता दें की आइस क्रीम आपके बच्चे को लंबे समय तक बीमार रखने के अलावा और कुछ नहीं करती। आइस क्रीम फैट, शुगर और ठंडी तासीर की होती है। इससे खाने से बच्चों में खांसी की स्थिति और गंभीर हो सकती है। ऐसे में अपने बच्चे की जिद्द को पूरा न करें और उसे आइस क्रीम से कुछ समय के लिए दूर रखें।
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मसालेदार व तला हुआ खाना
मसालेदार व तला हुआ खाना बच्चे के गले में सूजन और जलन पैदा कर सकता है। इससे खांसी और जुकाम की स्थिति और खराब हो सकती है। इसलिए अपने बच्चे को ठीक होने तक मसालेदार और तले हुए खाने का सेवन न करवाएं।
ठंडा जूस
बच्चों की खांसी और खराब न हो ऐसे में उन्हें ठंडे पेय पदार्थ जैसे जूस का सेवन न करवाएं। इससे खांसी बढ़ सकती है और बच्चे को अन्य साइनस की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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बच्चों को खांसी होने पर क्या दें
बच्चों को खांसी में क्या नहीं खिलाना चाहिए इस बात से तो अच्छे से वाकिफ हो चुके हैं। तो चलिए अब जान लेते हैं की खांसी कम करने के लिए उन्हें क्या खिलाना चाहिए। हम सभी को मौसम बदलते समय या सर्दियों में अक्सर खांसी और जुकाम हो जाता है। ऐसे में हम कई तरह से अपना ख्याल रखते हैं जैसे की खाने से परहेज, स्वस्थ आहार का सेवन और नियमित मात्रा में पेय पदार्थ पीना। लेकिन बच्चों में खांसी के दौरान यह सभी विकल्प थोड़े कम हो जाते हैं। बच्चों को खांसी में खाना देते समय हमें ध्यान में रखना चाहिए की उनका खाना :
- आसानी से पच सके
- नरम और आसानी से खाने लायक
- वजन नियंत्रित रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैलोरी इंटेक बनाए रखे
- पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, विटामिन और मिनरल से भरपूर हो
- हल्के फ्लेवर वाला हो
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बच्चों को खांसी के दौरान कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे की मूड स्विंग, थकान, सुस्ती, बुखार, बहती नाक, सिरदर्द, साइनस, भूख न लगना और नींद न आना। ऐसे में बच्चे खाना अच्छे से नहीं करते हैं और अक्सर उनका पोषण सही ढंग से नहीं हो पाता है। बीमारी के दौरान यह अधिक जरूरी होता है की बच्चे सही ढंग से पोषण प्राप्त करें। इससे उन्हें बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में मदद मिलती है। नीचे कुछ ऐसे ही स्वस्थ आहार कि लिस्ट है जिनकी मदद से आप अपने बच्चे के इलाज की प्रक्रिया में तेजी ला सकते हैं –
- हल्दी का पानी – हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं। जो सर्दी-जुकाम के बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करते हैं। बेहतर परिणामों के लिए बच्चे को सोने से पहले गुनगुने पानी 1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर दें। बच्चे की उम्र कम से कम 1 साल से अधिक होनी चाहिए।
- जौ का पानी – जौ में कई खनिज पदार्थ जैसे जिंक, आयरन, मैग्नीशियम और कॉपर मौजूद होते हैं जो कि बच्चे के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण बच्चों की खांसी को ठीक करने की प्रक्रिया में तेजी लाते हैं। नवजात शिशु को इसका सेवन न करवाएं।
- मूंग की दाल का पानी – मूंग की दाल में प्रोटीन के साथ महत्वपूर्ण एमिनो एसिड भी मौजूद होते हैं। यह बच्चे को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ खांसी और जुकाम को कम करने में भी मदद करते हैं। 8 महीने से कम उम्र के बच्चे को इसका सेवन न करवाएं।
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- मिक्स वेजिटेबल सूप – छोटे बच्चों के लिए सॉलिड फूड्स को पचा पाना मुश्किल होता है। ऐसे में मिक्स वेजिटेबल उनके लिए एक बेहतर स्वाद वाला पेय पदार्थ होता है। वेजिटेबल सूप में कई तरह कि सब्जियां मिलाई जाती हैं। जिनमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट और मिनरल खांसी को कम करने में मदद करते हैं। सूप की गर्म तासीर गले को आराम भी दिलाती है। केवल 10 महीने से ऊपर के बच्चों के लिए है।
- शकरकंद का भरता – शकरकंद को स्वीट पोटैटो भी कहा जाता है। यह बीटा कैरोटीन से भरपूर होता है और बच्चों के शरीर में विटामिन ए की कमी को पूरा करने में मदद करता है। शकरकंद कोशिकाओं को डैमेज होने से बचाता है और इलाज की प्रक्रिया में तेजी लाता है। शकरकंद का भरता केवल 6 महीने से अधिक उम्र के शिशु को करवाना चाहिए।
- आनर का जूस – अनार का जूस एंटी-ऑक्सीडेंट का सबसे अच्चा स्रोत होता है। यह बच्चों में खांसी की स्थिति को अधिक खराब होने से रोकता है और इलाज की प्रक्रिया में तेजी लाता है। बच्चों के लिए अनार के बीज चबाना मुश्किल होता है इसलिए उन्हें इसका जूस निकाल कर पिलाएं। नवजात शिशु को इसका सेवन न करवाएं।
- स्तनपान – अगर आपके नवजात शिशु को खांसी कि समस्या हो रही है तो उसके लिए स्तनपान से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 6 महीने से कम उम्र के शिशु को केवल मां का ही दूध पिलाना चाहिए। इससे बच्चा तंदुरुस्त रहता है और खांसी व अन्य बिमारियों से लड़ पाता है।
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बच्चों में खांसी को कम करने के टिप्स
अगर आपका नन्हा सा बच्चा बीमार है और खांसी के कारण कुछ नहीं खा रहा है तो घबराएं नहीं क्योंकि बच्चे अक्सर खांसी में खाने से परहेज करते हैं। हालांकि, जल्दी ठीक होने के लिए उन्हें पोषण मिलना भी बेहद जरूर है। तो ऐसे में हम आपको कुछ ऐसी टिप्स के बारे में बताएंगे जिनकी मदद से आप बच्चे की खांसी को कम कर सकते हैं।
- नवजात शिशु को खांसी में केवल मां का दूध या फार्मूला मिल्क का सेवन करवाना चाहिए।
- अगर आपका शिशु 6 महीने से बड़ा है और खांसी से परेशान है तो उसे दिन में 3 बार थोड़ा-थोड़ा भोजन करवाएं।
- अगर पीडियाट्रिशन शिशु को ओरल रिहाइड्रेशन सोल्यूशन (ओआरएस) की सलाह देते हैं तो बच्चे को सही विधि और समय पर उसका सेवन करवाएं।
- अगर आपका बच्चा कुछ खाना नहीं चाहता है तो उसे उसकी मनपसंद चीज खाने दें। बीमार अवस्था में बच्चे को जबरदस्ती कुछ नहीं खिलाएं।
- अगर आपका बच्चा 6 महीने से अधिक उम्र का है तो उसे पानी की कमी न होने दें। बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या आसानी से उतपन्न हो सकती है। इसलिए शिशु को नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी दें। पानी के अलावा डिहाइड्रेशन के खतरे को कम करने के लिए आप उसे दूध, सूप, जूस और गर्म पानी दे सकते हैं।
यह बच्चों में खांसी को कम करने की साधारण गाइडलाइन हैं। इनको सही तरिके से फॉलो करने पर बच्चों की खांसी को कुछ ही दिनों में ठीक किया जा सकता है। हालांकि, अगर खांसी और जुकाम के कारण शिशु को कान में जनजनहाट या दर्द महसूस हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इस प्रकार के लक्षण कान में संक्रमण या अन्य किसी गंभीर स्थिति का संकेत हो सकते हैं। इसे नजरअंदाज न करें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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