हाइजेनिक भोजन (Hygienic Food)
बच्चों के लिए खाना बनाते समय यह सुनिश्चित करें कि सब्जियां या अन्य खाद्य सामग्री साफ हो। भोजन कराने से पहले बच्चे के हाथों व मुंह को अच्छी तरह धोएं। छोटे बच्चों को उबला हुआ पानी पिलाएं।
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नवजात शिशु को बुखार से बचाव – हाइड्रेट रखें (Keep hydrated)
शिशु के शरीर में तरल पदार्थ कम न हो, इसलिए उसे पर्याप्त मात्रा में स्तनपान कराएं, पानी और जूस पिलाते रहें। यदि बच्चा खाना खाने लायक है तो उसे ऐसे फलों का सेवन करने के लिए कहें जिनमें पानी ज्यादा हो।
नवजात शिशु को बुखार होने पर उसके शरीर के तापमान की जांच कैसे करें?
रेगुलर टेस्ट (Regular test)
शिशु को समय-समय पर डॉक्टर के पास चेकअप के लिए ले जाएं। इससे शिशु को कोई समस्या है तो वह पहले ही पता चल जाएगी।
रेक्टल टेस्ट (Rectal test)
रेक्टल टेस्ट के दौरान डॉक्टर बच्चे के रेक्टम यानी मलाशय में आधे से एक इंच के अंदर थर्मामीटर डालकर नवजात शिशु को बुखार की जांच करते हैं। रेक्टल टेस्ट करने के लिए अलग से रेक्टल थर्मामीटर आते हैं। हालांकि, यह टेस्ट बहुत ही आसान होता है, लेकिन इसे हमेशा डॉक्टर की देखरेख में ही करें। यह जांच घर में खुद से न करें।
नवजात शिशु को बुखार की जांच- एक्सिलरी टेस्ट
नवजात शिशु को बुखार होने की जांच करमे के लिए एक्सिलरी टेस्ट सबसे आसान तरीका होता है। इस टेस्ट के दौरान डॉक्टर थर्मामीटर को लगभग चार से पांच मिनट तक बच्चे के बगल में रखते हैं और नवजात शिशु को बुखार की जांच करते है।
ओरल टेस्ट (Oral test)
नवजात शिशु को बुखार होने पर डॉक्टर थर्मामीटर को बच्चे के जीभ के नीचे तीन से चार मिनट तक रखकर बुखार की जांच करते हैं। इसे और सामान्य टेस्ट भी करते हैं। सबसे पहले डॉक्टर ओरल टेस्ट की ही सलाह देते हैं।