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नवजात शिशु का मल उसके स्वास्थ्य के बारे में क्या बताता है?

नवजात शिशु का मल उसके स्वास्थ्य के बारे में क्या बताता है?

शिशु का मल बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देता है। बच्चे के पैदा होने पर काला मल कई बार मां को या परिजनों को डरा सकता है, लेकिन ये डरने की बात नहीं होती है। बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है, उसके मल के रंग में परिवर्तन देखने को मिल सकता है। शिशु का मल देखने के बाद कई बातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। शिशु के मल या पॉटी के रंग को देखकर कई बातों का पता चल जाता है। बच्चा जो भी खा रहा है, या फिर शरीर में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर शिशु के मल में अंतर देखने को मिलता है। बच्चे के तीन से चार साल होने पर भी उसके मल देखें जरूर। कई बार माएं बच्चों की पॉटी को नजरअंदाज कर देती हैं। ऐसे में ये पता नहीं चल पाता है कि बच्चे का पेट सही है या फिर नहीं। बच्चों के पेट में कीड़े होने पर भी वो मल के साथ ही बाहर आते हैं। कीड़े का आकार छोटा या बड़ा भी हो सकता है। ये बेहतर रहेगा कि बच्चे के पॉटी करने के बाद मां एक बार जांच अवश्य करें। इस आर्टिकल के माध्यम से जानें कि कैसे पॉटी का रंग बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देता है।

इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए की किस तरह से शिशु के मल का संबंध उसके स्वास्थ्य से होता है।

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पैदा होने के बाद शिशु का मल

पैदा होने के बाद अगर शिशु का मल काले रंग का है तो इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसे मेकोनियम (meconium) कहा जाता है जिसमें एमनियोटिक तरल पदार्थ, म्यूकस और स्किन सेल्स होती हैं बच्चा पैदा होने के करीब तीन से चार दिन काला मल ही करेगा।

तीन साल से ज्यादा उम्र के बच्चों में काला मल आयरन वाले खाद्य पदार्थ खाने की वजह से भी हो सकता है। मल्टीविटामिन, आयरन सप्लिमेंट्स या आयरन युक्त चीजों के सेवन से भी काला मल हो सकता है। अगर मल टाइट हो रहा है तो कॉन्स्टिपेशन या कब्ज की संभावना भी हो सकती है।

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फॉर्मुला मिल्क के बाद शिशु का मल

हो सकता है कि आपको ये सब पढ़कर आश्चर्य हो, लेकिन ये सच है कि बच्चा क्या खा रहा है, इसका असर शिशु के मल पर भी पड़ता है। जो बच्चे मां के दूध की जगह ब्रेस्टफीड करते हैं, उन शिशु का मल हल्के पीले रंग का होता है। अगर मल ज्यादा पतला हो रहा है तो ये डायरिया का संकेत भी दे सकता है। डायरिया के कारण डीहाइड्रेशन का प्रॉब्लम भी हो सकता है।

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शिशु का मल अगर नारंगी हो तो?

शिशु का मल नारंगी या हल्का लाल है तो ये खानपाना से संबंधित हो सकता है। अगर बच्चा चुकंदर या अन्य लाल फूड खाता है तो शिशु का मल परिवर्तित हो सकता है। यह तब भी हो सकता है जब शिशु बाहर और मां का दूध दोनों पीते हैं। ऑरेंज स्टूल ज्यादातर सुरक्षित होते हैं, लेकिन नजर रखना आवश्यक है। अगर आपको रंग को लेकर समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर समाधान करें।

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बाइल की कमी के कारण होने वाला मल

शिशु का मल सफेद रंग का भी हो सकता है। जब बच्चे का लिवर पर्याप्त मात्रा में बाइल का प्रोडक्शन नहीं कर पाता है तो उसकी पॉटी सफेद होती है। बाइल या पित्त डाइजेशन में मदद करता है। इससे शिशुओं में कब्ज की समस्या हो सकती है, जो आगे चलकर गंभीर बीमारी बन सकती है।

इस बारे में डॉक्टर से जरूर पूछें शिशु का मल अगर सफेद है तो ये बाइल की बीमारी का एक संकेत हो सकता है। शिशु का मल सफेद हो, ऐसा कम ही होता है। अगर ऐसा आपके साथ हो रहा है तो बच्चे की जांच तुरंत कराएं।

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आयरन के कारण भी बदल सकता है शिशु का मल

जब शिशु ठोस खाद्य सामग्री खाने लगते हैं, जैसे कि मटर, पालक, या गोभी खाता है तो शिशु का मल हरे रंग का होने लगता है। इसके अलावा, वो चीजें खाना जिसमें आयरन की मात्रा ज्यादा होती है। इससे भी बच्चे की पॉटी हरी हो जाती है। गहरे हरे रंग का मल बच्चों में बैक्टीरिया और दस्त का संकेत हो सकता है। कुछ मामलों में, मां के दूध में असंतुलन से हरे रंग की पूप हो सकता है।

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शिशु का मल और ब्लड

लाल रंग का मल होना, मल में खून आने के संकेत भी देता है। ये आंतों में इंफेक्शन से हो सकता है। आपके बच्चे के शौच में रक्त आना, किसी गांठ या दूध से एलर्जी के कारण हो सकता है। जहां से मल गुजरता है वहां एक छोटी सी गांठ होना उसे गुदा विदर कहा जाता है। कुछ बच्चों को गुदा के चारों ओर त्वचा संक्रमण होता है जिसे पेरिअनल स्ट्रेप डर्मेटाइटिस कहा जाता है। यह खूनी मल निकलने का कारण बनता है।

भोजन न पचने पर शिशु का मल

अगर शिशु का मल ग्रे कलर का है तो इसका मतलब है कि शिशु भोजन नहीं पचा रहा है। जबकि कभी-कभी ऐसा खान-पान में बदलाव या खाने के रंग से भी हो सकता है। डेयरी उत्पादों  ज्यादा मात्रा में लेने के कारण भी शिशु का मल ग्रे कलर का हो सकता है। ग्रे कलर का मल लिवर की समस्या का संकेत भी हो सकता है। इसमें पित्ताशय की थैली ठीक से काम नहीं करती है। ऐसे में शिशु का मल भूरे रंग का या फिर पीले रंग का हो सकता है।

शिशु का मल को देखकर एक मां कुछ समय बाद खुद ही अंदाजा लगाना सीख जाती है। बच्चे अपनी समस्या के बारे में मां को बता नहीं पाते हैं। कई बार बच्चों को मल करते समय अधिक जोर लगाना पड़ता है। ये इस बात का संकेत देता है कि बच्चे को कब्ज की समस्या हो सकती है। बच्चे को गंदे खाने की वजह से पतला मल भी हो सकता है। बच्चे के खानपान का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। साथ ही खाने के दौरान सफाई का विशेष ध्यान रखें। अगर बच्चा खाने से इंकार कर रहा है तो इसे हल्के में न लें। कुछ दिन अगर ऐसी ही समस्या रहे तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

अगर आपके मन में शिशु का मल अगर आपके मन में प्रश्न खड़ा कर रहा है तो एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।

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What Does Your Baby’s Poop Color Say About Their Health?

The Truth About Baby Poop

Infant and toddler health

Baby poo: a visual guide

Baby poop: A visual guide

(Accessed on 7/12/2019)

Current Version

31/08/2020

Bhawana Awasthi द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar

Updated by: Nidhi Sinha


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Dr Sharayu Maknikar


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 31/08/2020

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