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डिलिवरी की जगह का निर्णय इन बातों को ध्यान में रखकर लें

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Sunil Kumar द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/02/2020

    डिलिवरी की जगह का निर्णय इन बातों को ध्यान में रखकर लें

    शिशु को किस स्थान पर जन्म देना है? यह निर्णय कई कारकों पर निर्भर करता है। डिलिवरी की जगह कई मामलों में एक समान नहीं हो सकती। यदि आपकी उम्र अधिक है या आपको जुड़वा बच्चें हैं या पिछली बार आपकी सिजेरियन के जरिए डिलिवरी कराई गई थी तो इन सभी मामलों में डिलिवरी घर के बजाय अस्पताल या गायनोकोलॉजिस्ट के क्लीनिक में की जानी चाहिए। हालांकि सामान्य मामलों में डिलिवरी घर पर भी कराई जा सकती है। आज हम इस आर्टिकल में डिलिवरी की जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। यदि आप प्रेग्नेंट हैं तो डिलिवरी की जगह का निर्धारण करने से पहले आपको यह आर्टिकल जरूर पड़ लेना चाहिए।

    आपके लिए डिलिवरी की जगह क्या होगी? यह निर्णय व्यक्तिगत रूप से आपको लेना है। हालांकि इस तरह के निर्णय को लेने से पहले आपको निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करना होगा।

    आप कहां रहती हैं? और वहां क्या विकल्प उपलब्ध हैं?

  • यदि आप शहरी इलाके में रहती हैं या ग्रामीण, आपके आसपास किस प्रकार की चिकित्सा सुविधाएं उलब्ध हैं? क्या वहां पर आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध हैं? डिलिवरी की जगह का निर्णय इन कारकों से काफी हद तक प्रभावित होता है। यदि आप ग्रामीण इलाके में रहती हैं या किसी ऐसे शहरी इलाके में रहती हैं, जहां पर आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं तो आपको किसी ऐसे स्थान का चुनाव करना पड़ेगा जहां पर यह सुविधाएं उपलब्ध हों।
  • आपको किस प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हैं और इनसे जोखिम की संभावना कितनी है।
  • डिलिवरी की जगह का चुनाव करते वक्त आपके आसपास का माहौल आपके इस निर्णय को प्रभावित करेगा।
  • आपकी पिछली प्रेग्नेंसी का अनुभव डिलिवरी की जगह के चुनाव को प्रभावित करेगा।
  • आप घर और अस्पताल में डिलिवरी को लेकर क्या सोचती हैं। डिलिवरी की जगह के चुनाव के निर्णय को सबसे ज्यादा प्रभावित आपकी मौजूदा हेल्थ करेगी। आपकी हेल्थ का डिलिवरी पर क्या असर पड़ेगा, यह बात काफी हद तक उचित भी है।
  • निम्नलिखित हेल्थ कंडिशन में डिलिवरी के लिए चुनें अस्पताल

    मौजूदा प्रेग्नेंसी में निम्नलिखित समस्याओं में

    • अज्ञात अंग से प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लीडिंग होना (24 हफ्तों के बाद)
    • बॉडी मास इंडेक्स (BMI) का 30-34 kg/m2
    • सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर का 149mmHg या डाइसिस्टॉलिक का 90 mmHg होना
    • क्लीनिकल या अल्ट्रासाउंड जांच में शिशु का वजन 4.5 kg से ज्यादा सामने आना।
    • विगत समय में छह प्रेग्नेंसी रहना।
    • मौजूदा समय में मनोविकार का इलाज करा रहीं महिलाएं।
    • 40 वर्ष से अधिक उम्र होना।

    किसी अन्य दवा के सेवन की स्थिति में

    प्रेग्नेंसी के दौरान यदि आप कुछ विशेष दवाइयों का सेवन कर रही हैं तो इससे शिशु में गंभीर जन्मदोष हो सकते हैं। इसमें प्रिस्क्रिप्शन, नॉन-प्रिस्क्रिप्शन और ओवर-दि-काउंटर, डायट्री या हर्बल दवाइयां शामिल हैं। यदि आप गर्भधारण करने का मन बना रही हैं या आप प्रेग्नेंट हैं और आपकी डिलिवरी की तारीख नजदीक आ रही है तो किसी भी दवा का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर को सूचित करें। ऐसा न करने पर यह आपकी डिलिवरी की जगह को प्रभावित करने के साथ-साथ आपको नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा, यदि आप प्रेग्नेंसी के दौरान नशीली दवाइयों का सेवन कर रही हैं तो यह आपकी प्रेग्नेंसी के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे डिलिवरी में कई गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

    डिलिवरी की जगह का चुनाव करते वक्त आपको उपरोक्त बिंदुओं का सावधानीपूर्वक ध्यान रखना है। इसके अलावा, आपको डिलिवरी की जगह के विभिन्न विकल्पों के बारे में विस्तृत जानकारी भी हासिल कर लेने चाहिए। इन सभी मानकों को ध्यान में रखते हुए आप डिलिवरी की जगह का चुनाव कर पाएंगे।

    डिलिवरी की जगह के कुछ विकल्प निम्नलिखित हैं:

    ऑबस्टेट्रिसियन (Obstetrician)

    • ऑबस्टेट्रिसियन मेडिकल डॉक्टर होते हैं, जो प्रेग्नेंसी, लेबर और बर्थ केयर में विशेषज्ञ होते हैं। इसके अतिरिक्त, इन मेडिकल डॉक्टर्स के पास महिला के जननांग तंत्र और सर्जिकल केयर के बारे में विशेष जानकारी होती है।
    • इनकी शिक्षा विशेष रूप से ऑबस्ट्रेटिकल और गायनोकोलॉजिकल समस्याओं को पकड़ने और उनके प्रंबंध पर केंद्रित होती है।
    • ऐसी कई महिलाएं होती हैं, जिन्हें पिछली प्रेग्नेंसी में समस्याएं रही होती हैं या जिन्हें कुछ मेडिकल कंडिशन होती हैं, वो ऑबस्टेट्रिसियन का चुनाव करती हैं।
    • ऑबस्टेट्रिसियन आमतौर पर अस्पताल में डिलिवरी कराते हैं।

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    फैमिली प्रेक्टिसनर्स

    फैमिली प्रेक्टिसनर्स वह लोग होते हैं, जिन्होंने स्कूलिंग और मेडिसिन की कई प्रकार की फील्ड जैसे ऑबस्टेट्रिक्स, पीडियाट्रिक्स, सर्जरी और इंटरनल मेडिसिन में अपनी ट्रेनिंग पूरी की होती है। इस प्रकार के मेडिकल प्रेक्टिसनर्स ज्यादातर अनुभव अपने पूरे परिवार में प्रेक्टिस करके प्राप्त करते हैं।

    आमतौर पर फैमिली प्रेक्टिसनर्स कम खतरे वाली प्रेग्नेंसी को अस्पताल में अपने हाथ में लेते हैं।

    मिडवाइफ

    प्रेग्नेंसी में मिडवाइफ के पास व्यापक स्तर की ट्रेनिंग हो सकती है। मान्यता प्राप्त नर्स-मिडवाइफ्स के पास नर्सिंग डिग्री हो सकती और डिलिवरी में अतिरिक्त ट्रेनिंग भी हो सकती है। डायरेक्ट इंट्री मिडवाइफ और प्रशिक्षित मिडवाइफ्स के पास डिलिवरी में एक व्यापक ज्ञान हो सकता है। यहां तक कि इन मिडवाइफ्स के पास नर्सिंग की डिग्री तक नहीं होती है।

    ज्यादातर मिडवाइफ्स थोड़ी चिकित्सा हस्तक्षेप वाले मामलों में अपनी सेवाएं देती हैं, क्योंकि आमतौर पर वह कम जोखिमों वाली प्रेग्नेंसी में ही अपना हाथ डालती हैं। ऐसी कई मिडवाइफ्स हैं, जो घर, बर्थिंग सेटंर्स या अस्पताल में अपनी सेवाएं देती हैं। यदि आपके स्वास्थ्य की स्थिति सामान्य है तो अस्पताल या घर पर आप इन मिडवाइफ्स की सेवाएं ले सकती हैं।

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    अस्पताल

    यदि आपने ऑबस्टेट्रिसियन या फैमिली प्रेक्टिसनर्स का चुनाव किया है तो आपको अस्पताल में शिशु को जन्म देना होगा। हालांकि अस्पतालों में मिडवाइफ्स डिलिवरी के अधिक मामलों को संभालती हैं। वहीं, कुछ परिवार डिलिवरी के वक्त टेक्नोलॉजी और प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स के पास डिलिवरी कराना पसंद करते हैं, क्योंकि कई बार आपात स्थितियां भी पैदा हो जाती हैं।

    हालांकि लेबर और शिशु के जन्म लेने के समय यहां पर अनेक प्रतिबंध होते हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी अस्पताल का चुनाव करने से पहले लेबर टेक्नोलॉजी, रूटीन इंटरवेंशन, कैमरा या वीडिया के इस्तेमाल और नवजात की देखभाल को लेकर उसके दिशा निर्देशों और नीतियों का विस्तृत रूप से अध्ययन कर लें।

    बर्थिंग सेंटर्स

    बर्थिंग सेंटर्स अस्पताल या एक क्लीनिक की तरह ही होते हैं। दुनिया में पहला बर्थिंग सेंटर अमेरिका में 1974 में खोला गया था। इसका उद्देश्य प्रसूती को अधिक आराम और प्रसव अनुभव को बेहतर प्रदान करना था। इस प्रकार के बर्थिंग सेंटर्स पर मिडवाइफ्स हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के रूप में उपलब्ध होती हैं। हालांकि, कुछ डॉक्टर्स अस्पतालों के भीतर स्थित बर्थिंग सेंटर्स पर डिलिवरी कराने के इच्छुक होते हैं।

    बर्थिंग सेंटर्स की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां पर न्यूनतम प्रतबंध होते हैं। लेबर के वक्त आप स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकते हैं। बर्थिंग सेंटर्स पर ज्यादातर वह मामले आते हैं, जिनमें जोखिम की संभावना बेहद ही कम होती है। यदि आप भी अपनी डिलिवरी की जगह के रूप में बर्थिंग सेंटर्स का चुनाव करती हैं तो इस निर्णय से पहले इसकी नीतियों और दिशा निर्देशों के बारे में जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।

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    घर को बनाएं डिलिवरी की जगह (होम बर्थ)

    ज्यादातर मामलों में महिलाएं घर पर शिशु को जन्म देने में ज्यादा सहज महसूस करती हैं। उनके लिए घर का माहौल डिलिवरी की खातिर बेहतर होता है। हालांकि, घर पर डिलवरी कराने में उनके ऊपर अतिरिक्त जिम्मेदारियां आती हैं।

    जो परिवार घर पर डिलिवरी चाहते हैं, उन्हें इसके खतरों के बारे में बेहतर जानकारी होना बेहद ही जरूरी है। कई मामलों में जरूरत पड़ने पर डिलिवरी घर न कराकर अस्पताल में कराने की जरूरत पड़ सकती है। इस प्रकार की स्थितियां अनचाही समस्याएं पैदा होने पर होती हैं।

    घर पर कराई जाने वाली डिलिवरी में मिडवाइफ्स एक प्रमुख हेल्थ केयर प्रोवाइडर की भूमिका निभाती हैं। जिन महिलाओं की प्रेग्नेंसी में जोखिम की संभावना न्यूनतम होती हैं, उन्हें घर पर डिलिवरी कराने की सलाह दी जाती है। कई महिलाएं डिलिवरी के दौरान किसी बाहरी का हस्तक्षेप नहीं चाहती हैं और परिवार के केंद्र में रहकर शिशु को जन्म देना चाहती हैं, ऐसी महिलाएं शिशु को घर पर जन्म देने का निर्णय लेती हैं। घर पर डिलिवरी कराने का मतलब यह है कि आपके सभी अपने आपके करीब होते हैं। इसके उलट अस्पताल में परिवार को कुछ समय के लिए हस्तक्षेप की मनाही होती है। उस स्थिति में आपके आसपास सिर्फ डॉक्टर की पूरी टीम होती है।

    हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए कुछ टिप्स

    वैक्सीनेशन (टीकाकरण)

    गर्भधारण करने से पहले आपको के लिए वैक्सीनेशन कराना बेहद ही जरूरी है। इसके अलावा, डिलिवरी के बाद भी वैक्सीनेशन उतना ही जरूरी है। समय पर वैक्सीनेशन कराने से आपका शिशु और आप हेल्दी रहेंगे। वहीं, वैक्सीनेशन न कराने से शिशु और आपको स्थाई रूप से आजीवन रहने वाली कुछ बीमारियां हो सकती हैं। इसकी अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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    नशा करना बंद करें

    एल्कोहॉल, स्मोकिंग और कुछ विशेष प्रकार की दवाइयों को प्रेग्नेंसी के दौरान इस्तेमाल करने से प्रीटर्म बर्थ, जन्मदोष और नवजात की मृत्यु का कारण बन सकता है। यदि आप गर्भधारण करने का प्रयास कर रही हैं और एल्कोहॉल, स्मोकिंग या दवाइयों का इस्तेमाल बंद नहीं करती हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

    मेंटल हेल्थ का रखें ध्यान

    प्रेग्नेंसी के दौरान या गर्भधारण करते वक्त आपकी मानसिक स्थिति का स्वस्थ होना बेहद ही जरूरी है। कई बार कुछ महिलाएं चिंता, अवसाद और तनाव का अनुभव करती हैं। हालांकि, इस प्रकार के अनुभव हर व्यक्ति को प्रतिदिन की दिनचर्या में होते हैं। प्रेग्नेंसी और डिलिवरी के वक्त आपका मानसिक रूप से स्वस्थ होना अति आवश्यक है।

    अंत में हम यही कहेंगे कि डिलिवरी की जगह का चुनाव करते वक्त आपको ऊपर बताए गए विभिन्न पक्षों का ध्यान रखना है। इनके बारे में जानकारी हासिल करने के बाद ही आपको कोई भी निर्णय लेना है।

    हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता है।

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