मिडवाइफ
प्रेग्नेंसी में मिडवाइफ के पास व्यापक स्तर की ट्रेनिंग हो सकती है। मान्यता प्राप्त नर्स-मिडवाइफ्स के पास नर्सिंग डिग्री हो सकती और डिलिवरी में अतिरिक्त ट्रेनिंग भी हो सकती है। डायरेक्ट इंट्री मिडवाइफ और प्रशिक्षित मिडवाइफ्स के पास डिलिवरी में एक व्यापक ज्ञान हो सकता है। यहां तक कि इन मिडवाइफ्स के पास नर्सिंग की डिग्री तक नहीं होती है।
ज्यादातर मिडवाइफ्स थोड़ी चिकित्सा हस्तक्षेप वाले मामलों में अपनी सेवाएं देती हैं, क्योंकि आमतौर पर वह कम जोखिमों वाली प्रेग्नेंसी में ही अपना हाथ डालती हैं। ऐसी कई मिडवाइफ्स हैं, जो घर, बर्थिंग सेटंर्स या अस्पताल में अपनी सेवाएं देती हैं। यदि आपके स्वास्थ्य की स्थिति सामान्य है तो अस्पताल या घर पर आप इन मिडवाइफ्स की सेवाएं ले सकती हैं।
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अस्पताल
यदि आपने ऑबस्टेट्रिसियन या फैमिली प्रेक्टिसनर्स का चुनाव किया है तो आपको अस्पताल में शिशु को जन्म देना होगा। हालांकि अस्पतालों में मिडवाइफ्स डिलिवरी के अधिक मामलों को संभालती हैं। वहीं, कुछ परिवार डिलिवरी के वक्त टेक्नोलॉजी और प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स के पास डिलिवरी कराना पसंद करते हैं, क्योंकि कई बार आपात स्थितियां भी पैदा हो जाती हैं।
हालांकि लेबर और शिशु के जन्म लेने के समय यहां पर अनेक प्रतिबंध होते हैं। ऐसी स्थिति में किसी भी अस्पताल का चुनाव करने से पहले लेबर टेक्नोलॉजी, रूटीन इंटरवेंशन, कैमरा या वीडिया के इस्तेमाल और नवजात की देखभाल को लेकर उसके दिशा निर्देशों और नीतियों का विस्तृत रूप से अध्ययन कर लें।
बर्थिंग सेंटर्स
बर्थिंग सेंटर्स अस्पताल या एक क्लीनिक की तरह ही होते हैं। दुनिया में पहला बर्थिंग सेंटर अमेरिका में 1974 में खोला गया था। इसका उद्देश्य प्रसूती को अधिक आराम और प्रसव अनुभव को बेहतर प्रदान करना था। इस प्रकार के बर्थिंग सेंटर्स पर मिडवाइफ्स हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स के रूप में उपलब्ध होती हैं। हालांकि, कुछ डॉक्टर्स अस्पतालों के भीतर स्थित बर्थिंग सेंटर्स पर डिलिवरी कराने के इच्छुक होते हैं।
बर्थिंग सेंटर्स की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां पर न्यूनतम प्रतबंध होते हैं। लेबर के वक्त आप स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकते हैं। बर्थिंग सेंटर्स पर ज्यादातर वह मामले आते हैं, जिनमें जोखिम की संभावना बेहद ही कम होती है। यदि आप भी अपनी डिलिवरी की जगह के रूप में बर्थिंग सेंटर्स का चुनाव करती हैं तो इस निर्णय से पहले इसकी नीतियों और दिशा निर्देशों के बारे में जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें।
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घर को बनाएं डिलिवरी की जगह (होम बर्थ)
ज्यादातर मामलों में महिलाएं घर पर शिशु को जन्म देने में ज्यादा सहज महसूस करती हैं। उनके लिए घर का माहौल डिलिवरी की खातिर बेहतर होता है। हालांकि, घर पर डिलवरी कराने में उनके ऊपर अतिरिक्त जिम्मेदारियां आती हैं।
जो परिवार घर पर डिलिवरी चाहते हैं, उन्हें इसके खतरों के बारे में बेहतर जानकारी होना बेहद ही जरूरी है। कई मामलों में जरूरत पड़ने पर डिलिवरी घर न कराकर अस्पताल में कराने की जरूरत पड़ सकती है। इस प्रकार की स्थितियां अनचाही समस्याएं पैदा होने पर होती हैं।
घर पर कराई जाने वाली डिलिवरी में मिडवाइफ्स एक प्रमुख हेल्थ केयर प्रोवाइडर की भूमिका निभाती हैं। जिन महिलाओं की प्रेग्नेंसी में जोखिम की संभावना न्यूनतम होती हैं, उन्हें घर पर डिलिवरी कराने की सलाह दी जाती है। कई महिलाएं डिलिवरी के दौरान किसी बाहरी का हस्तक्षेप नहीं चाहती हैं और परिवार के केंद्र में रहकर शिशु को जन्म देना चाहती हैं, ऐसी महिलाएं शिशु को घर पर जन्म देने का निर्णय लेती हैं। घर पर डिलिवरी कराने का मतलब यह है कि आपके सभी अपने आपके करीब होते हैं। इसके उलट अस्पताल में परिवार को कुछ समय के लिए हस्तक्षेप की मनाही होती है। उस स्थिति में आपके आसपास सिर्फ डॉक्टर की पूरी टीम होती है।
हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए कुछ टिप्स