प्रेग्नेंसी में हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए फोलिक एसिड
प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड न्यूरल बर्थ डिफेक्ट के रिस्क को कम कर देता है। प्रेग्नेंट लेडी को प्रति दिन 600-800 mcg फोलिक एसिड की जरूरत होती है। गर्भावस्था के पहले और प्रेग्नेंसी के दौरान फोलिक एसिड की जरूरत होती है। जिन महिलाओं की न्यूरल ट्यूब बर्थ डिफेक्ट हिस्ट्री रह चुकी है, उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान 4000 mcg फोलिक एसिड की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी में हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए जरूरी सप्लिमेंट लेना आवश्यक है।
हैलो स्वास्थ्यनेफोर्टिस हॉस्पिटलकीकंसल्टेंट गायनोलॉजिस्ट डॉ. सगारिका बसुसे इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि ‘ फोलिक एसिड मिसकैरिज और न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट ( neural tube defects) के खतरे को कम करने का काम करता है। प्रेग्नेंसी में फोलेट की कमी के कारण होने वाले बच्चे में स्पिना बिफिडा (Spina bifida) (इसमें फीटल स्पाइन और बैक डेवलपमेंट के समय पास नहीं आते हैं) हो सकता है। महिला को कंसीव करने से पहले से इसे लेना जरूरी होता है। अगर आप कंसीव करना चाहती हैं तो एक बार डॉक्टर से इस बारे में बात करें। डॉक्टर आपको फोलिक एसिड सप्लिमेंट के साथ ही अन्य जरूरी परामर्श भी देगा।’
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प्रेग्नेंसी में हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए सप्लिमेंट्स और विटामिंस
पौष्टिक आहार के साथ ही प्रेग्नेंसी में हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ विटामिन और सप्लिमेंट को एड किया जाता है। डॉक्टर के द्वारा आपको मल्टीविटामिन, विटामिन सी, विटामिन डी, जिंक, आयोडीन आदि के सप्लिमेंट्स दिए जा सकते हैं। प्रेग्नेंसी से पहले ही महिलाओं को मरकरी युक्त फिश खाने के लिए मना किया जाता है। इस कारण से अनबॉर्न बेबी की हेल्थ को खतरा पहुंच सकता है। प्रीनेटल विटामिन्स में फोलेट, विटामिन ए, आयरन, बी6, बी12 आदि को शामिल किया जाता है। विटामिन सी, विटामिन ई, जिंक और फोलिक एसिड स्पर्म के डैमेज को कंट्रोल करने का काम करता है। वहीं ओमेगा 3 फैटी एसिड हार्मोन को रेगुलेट करने का काम करता है। ये ऑव्युलेशन को भी बढ़ाता है।
प्रेग्नेंसी में हेल्दी लाइफस्टाइल बढ़ती है फर्टिलिटी
प्रेग्नेंसी से पहले और प्रेग्नेंसी में हेल्दी लाइफस्टाइट फर्टिलिटी को बढ़ाने का काम करती है। रोजाना व्यायाम करना, हेल्दी खाना, तनाव को खुद से दूर रखना, प्रीनेटल विटामिन का समय से सेवन करना आदि महिलाओं और पुरुषों में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। महिलाओं और पुरुषों में 30 प्रतिशत इनफर्टिलिटी अनहेल्दी लाइफस्टाइल से जुड़ी है।
जो लोग ज्यादा मोटे होते हैं उन्हें बांझपन की समस्या हो सकती है। शरीर में इंसुलिन रजिस्टेंट के कारण अधिक मात्रा में इंसुलिन बनने लगता है। इस कारण से भी कम वजन वाली महिलाओं में ऑव्युलेशन न होने की समस्या हो सकती है। वहीं, पुरुषों में अनहेल्दी लाइफस्टाइल से टेस्टोस्टेरॉन और अन्य हार्मोन में बदलाव देखने को मिलते हैं जो बांझपन को बढ़ाने का काम करते हैं। अगर हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाई जाए और साथ ही व्यायाम की ओर ध्यान दिया जाए तो फर्टिलिटी में सुधार हो सकता है।