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आयरन टेस्ट (Iron Test) क्या है?
के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
आयरन टेस्ट (Iron Test) क्या है?
आयरन एक मिनरल है जो हमें कई तरह के खाने जैसे दाल, मीट और कई सप्लीमेंट्स से मिलता है। हमारे शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए आयरन की जरूरत पड़ती है। यह हमारे शरीर के हीमोग्लोबिन का भी अहम हिस्सा है। ऐसे में आयरन टेस्ट हमें बताता है कि हमारे शरीर में इसकी मात्रा अत्यधिक या कम तो नहीं है। इस टेस्ट की मदद से शरीर में खून की कमी यानी एनीमिया (anemia) जैसी बीमारियों को भी पता चल जाता है।
डॉक्टर आयरन टेस्ट कराने की तब सलाह देगा जब उन्हें यह जानना होगा कि आपके खून में आयरन की मात्रा कितनी है। इसके अलावा इस टेस्ट से यह भी पता लगाया जाता है कि शरीर में आयरन का चयापचय कितने अच्छे से हो रहा है। बता दें, हमारे शरीर में आयरन हीमोग्लोबिन के लिए बेहद जरूरी होता है। हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में एक पॅोटीन की तरह होता है जो शरीर में ऑक्सीजन का संचार करता है।
आपका डॉक्टर निम्न लक्षणों को देखकर आयरन टेस्ट (Iron Test) करा सकता है जैसे-
अत्यधिक आयरन होने की स्थिति में उपरोक्त बताए लक्षण नजर आते हैं। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
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आयरन ब्लड टेस्ट (Iron Blood Test) कई तरह के होते हैं। इनके माध्यम से यह पता लगाया जा सकता है कि कितना आयरन आपके रक्त में प्रवाहित हो रहा है और कितना आपकी कोशिकाओं में संरक्षित है।
सीरम आयरन (Serum Iron) : इस टेस्ट में खून में आयरन की मात्रा का पता लगाया जाता है।
सीरम फेरीटिन (Serum ferritin): इस टेस्ट के माध्यम से शरीर में संरक्षित आयरन का पता लगाया जाता है। जब आप कमजोरी महसूस करते हैं तो आपका शरीर संरक्षित आयरन का इस्तेमाल करता है।
टीआईबीसी (Total iron-binding capacity): इस टेस्ट के माध्यम से पता लगाया जाता है कि आपके खून में कितना ट्रांसफेरिन प्रोटिन स्वतंत्र रूप से आयरन ले जाने के लिए मौजूद है। अगर टीआईबीसी का स्तर ज्यादा है, इसका सीधा मतलब है कि ट्रांसफेरिन प्रोटीन स्वतंत्र है और शरीर में आयरन की कमी है।
यूआईबीसी (Unsaturated iron-binding capacity): इस टेस्ट से पता लगाया जाता है कि आयरन से कितना ट्रांसफेरिन नहीं जुड़ा है।
ट्रांसफेरिन सैटूरेशन (Transferrin saturation) : इस टेस्ट से पता लगाया जाता है कि आयरन से कितना ट्रांसफेरिन जुड़ा है।
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इनमें से कुछ टेस्ट के 12 घंटे पहले तक कुछ नहीं खाया जाता। इसके बाद डॉक्टर सैंपल लेकर इसे लैब भेज देता है। इस टेस्ट के माध्यम से खून में आयरन के स्तर की जांच हो जाती है।
आयरन टेस्ट के दौरान
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शरीर को स्वस्थ रहने के लिए अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ आयरन की भी जरूरत होती है। आयरन ही शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। ये कोशिकाएं ही शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने का काम करती हैं। हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर रक्त में ऑक्सीजन पहुंचाता है। इसलिए आयरन की कमी से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है और हीमोग्लोबिन कम होने से शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है।
वैसे तो व्यक्ति के रक्त में आयरन की कमी है या नहीं, इसके लिए हीमोग्लोबिन की जांच की जाती है। जांच में निकलने पर मान लिया जाता है कि व्यक्ति रक्त में आयरन की कमी का शिकार है। लेकिन व्यक्ति के शरीर में आने वाले कुछ बदलाव भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
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आयरन की कमी से शरीर रेड ब्लड सेल्स नहीं बना पाएगा। यदि आयरन का लेवल अत्यधिक कम है तो आपको एनीमिया हो सकता है। इसका मतलब है आपके शरीर में एक अंग से दूसरे अंग तक ऑक्सीजन को पहुंचाने के लिए पर्याप्त रेड ब्लड सेल्स नहीं हैं।
इस वजह से हो सकता है शरीर में अत्यधिक मात्रा में आयरन:
अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना ना भूलें। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की मेडिकल सलाह, निदान या सारवार नहीं देता है न ही इसके लिए जिम्मेदार है।
हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में आयरन ब्लड टेस्ट से जुड़ी ज्यादातर जानकारी देने की कोशिश की है, जो आपके काफी काम आ सकती हैं।
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