ऐसे में डॉक्टर महिला को उन कार्यों को करने से मना कर सकते हैं, जिससे कॉन्ट्रैक्शन पैदा हो। इनमें सेक्स, लंबी दूरी तक ट्रैवल, भागना या ऐसा कोई भी काम जिससे शरीर को झटका लगता हो, शामिल है। अगर महिला प्रेग्नेंसी के दौरान मेहनत वाला काम करती है तो प्रेग्नेंसी में हैवी ब्लीडिंग की समस्या अधिक बढ़ सकती है। ऐसे में बेहतर रहेगा कि महिला को डॉक्टर की बात माननी चाहिए और बिना सलाह के कोई भी काम नहीं करना चाहिए। प्रेग्नेंसी में हैवी ब्लीडिंग बच्चे के लिए खतरनाक हो सकती है।
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही और दूसरी तिमाही की शुरुआत यानी 20 हफ्तों तक प्लासेंटा बच्चेदानी में नीचे की तरफ होता है। 20 हफ्तों के बाद प्लासेंटा अपने आप ही यूट्रस के ऊपर आ जाता है। कुछ समय बाद बच्चेदानी का आकार बढ़ने से यह खुद ही अपना स्थान बदल लेता है। कभी- कभार यह बच्चेदानी के मुंह के निकट या उसे पूरी तरह ढंक लेता है। इस स्थिति में यह शिशु के मुंह को गर्भाशय के मुख के संपर्क में नहीं आने देता है। यहीं प्रेग्नेंसी में हैवी ब्लीडिंग का कारण बन जाता है।
प्लासेंटा प्रीविया के दौरान जांच (Test during Placenta Previa)
अगर महिला को प्रेग्नेंसी में हैवी ब्लीडिंग हो रही है तो डॉक्टर महिला की जांच करेगा। प्लासेंटा प्रीविया के कारण लेबर के दौरान भी समस्या हो सकती है। ये डिलिवरी के दौरान हैवी ब्लीडिंग का कारण बन सकता है। ऐसे में डॉक्टर महिला की जांच करता है।