न्यू मॉम की फीलिंग: नॉर्मल के बाद सी-सेक्शन था डरावना
दिल्ली की अंजु त्रिपाठी सी-सेक्शन के दौरान मां की भावनाएं कैसी होती हैं? इस बारे में बताया। बातें शेयर करते हुए कहती हैं कि ये मेरे लिए डरावना था क्योंकि मेरी पहली डिलिवरी नॉर्मल थी। जब मैं हॉस्पिटल आई थी तो मन में यही बात थी कि नॉर्मल डिलिवरी होगी। मैं सी-सेक्शन के लिए अंदर से बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। जब डॉक्टर ने बच्चे की पुजिशन को लेकर नॉर्मल डिलिवरी को लेकर समस्या बताई तो मुझे डर लगा कि कहीं ऑपरेशन न हो।
मेरा डर सही निकला। ऑपरेशन से पहले उन्होंने एक इंजेक्शन दिया था। उसके बाद मुझे थोड़ा बहुत दर्द महसूस हुआ। फिर कुछ समय बाद जब बच्चा मेरे सामने था तो मुझे संतुष्टि मिली। घर आने के कुछ समय बाद तक मुझे दर्द रहा, लेकिन एक महीने के बाद सब नॉर्मल हो गया। कई बार बिना मन के काम होने पर मन में डर घर कर जाता है। मेरे साथ ऐसा ही हुआ था, लेकिन थोड़ी सी हिम्मत ने सब ठीक कर दिया।
इन वाकयों को पढ़कर लगता है कि डिलिवरी के समय का सभी का एक अलग अनुभव होता है। हर मां की भावनाएं भी अलग-अलग होती हैं। फैमिली और पार्टनर को मां की भावनाएं समझते हुए इस पूरी प्रक्रिया में सपोर्ट करना चाहिए। इससे मां की भावनाएं धीरे-धीरे मजबूत होती हैं। थोड़ी हिम्मत और फैमिली के सपोर्ट से सी-सेक्शन के दर्द से भी निकला जा सकता है। है ना?