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एपिड्यूरल एनेस्थिसिया में कमर दर्द?
वहीं, कुछ महिलाओं को एपिड्यूरल एनेस्थिसिया की वजह से कमर में लंबे समय तक दर्द के बने रहने की चिंता थी। लेकिन, मौजूदा उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, एपिड्यूरल एनेस्थिसिया लेने वाली महिलाओं में ज्यादा कमर दर्द का होना नहीं पाया गया है। वहीं, पेन किलर के रूप में दूसरी दवाइयां लेनी वाली महिलाओं में कमर का दर्द होना एक सामान्य है।
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शिशु में एपिड्यूरल एनेस्थिसिया के साइड इफेक्ट्स
2006 में एनसीबीआई में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, दूसरी पेन किलर दवाइयों के मुकाबले एनेस्थिसिया का शिशु पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसी कारण की वजह से डिलिवरी में एनेस्थिसिया शिशु के लिए सुरक्षित माना जाता है।
शोध के अनुसार एपिड्यूरल एनेस्थिसिया का लॉन्ग टर्म में शिशु पर कोई असर नहीं होता है। हालांकि, इसमें एक अंतर जरूर पाया गया। एपिड्यूरल एनेस्थिसिया लेने वाली महिलाओं की डिलिवरी में अधिक समय लग सकता है। एपिड्यूरल एनेस्थिसिया के इस्तेमाल के दौरान कुछ शिशु सही पुजिशन में आने के लिए थोड़ा वक्त लेते हैं इसलिए डिलिवरी में अधिक समय लग सकता है।
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एपिड्यूरल लेने के क्या फायदे हैं?
प्रसव के समय होने वाले दर्द से बचाव के लिए एपिड्यूरल सबसे प्रभावी उपाय होता है। यदि इसकी खुराक सही तरह से दी जाए तो डॉक्टर या नर्स द्वारा टॉप-अप दिया जा सकता है। यानी की आपको एनेस्थीसिया की आवश्यकता नहीं होती है। आपको सारे समय संकुचन महसूस हो सकता है लेकिन एनेस्थीसिया के कारण आपको दर्द महसूस नहीं होगा है।
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