इन्फेंट लंग डेवलपमेंट:- डिलिवरी के बाद अगर नवजात के लंग्स (फेफड़े) का विकास ठीक तरह से नहीं होने की स्थिति में शिशु को बेटनेसोल इंजेक्शन दी जा सकती है। दरअसल बेटनेसोल इंजेक्शन का इस्तेमाल समय से पहले जन्मे बच्चे में इंट्राक्रेनियल हेमोरेजिंग और अन्य शारीरिक खतरों को कम करने के लिए किया जा सकता है।
गर्भवती महिला के मेडिकल हिस्ट्री की जांच के बाद उसकी डोसेज निर्धारित की जाती है। आपका डॉक्टर आपके केस की हिस्ट्री समझने के बाद ही आगे की कार्रवाई करेगा। अगर आपके डॉक्टर को कोई समस्या होने की आशंका होती है, तो वह इंजेक्शन की सलाह दे सकता है। इसलिए, यह भी बेहद जरूरी है कि आप अपने डॉक्टर से इस इलाज के फायदे और नुकसान भी जान लें।
गर्भावस्था के दौरान बेटनेसोल इंजेक्शन या इसका डोसेज क्या है?
प्रेग्नेंसी के दौरान बेटनेसोल इंजेक्शन या इसकी डोसेज गर्भवती महिला की सबसे पहले मेडिकल हिस्ट्री को ध्यान में रखते हैं।
गर्भावस्था के दौरान बेटनेसोल इंजेक्शन लेने से क्या इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं?
प्रेग्नेंसी के दौरान बेटनेसोल इंजेक्शन की वजह से निम्नलिखित साइड इफेक्ट देखे जा सकते हैं या गर्भवती महिला महसूस कर सकती हैं। जैसे:-
1. गर्भावस्था के समय बेटनेसोल इंजेक्शन की वजह से मूड स्विंग की परेशानी बढ़ सकती है। गर्भवती महिला इंजेक्शन लेने के बाद ज्यादा परेशानी जैसे चिड़चिड़ापन या अच्छा महसूस न करने की समस्या भी परेशान कर सकती हैं।
2. बेटनेसोल की वजह से बच्चे के विकास साथ-साथ हार्ट रेट पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
3. अगर ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली महिला को बेटनेसोल की मात्रा ज्यादा देने पर यह शिशु के शरीर में भी प्रवेश कर सकता है। रिसर्च के अनुसार बच्चे के एड्रीनल ग्लैंड पर भी इसका नेगेटिव असर पड़ सकता है।
4. गर्भावस्था के दौरान बेटनेसोल इंजेक्शन या इसका टीका दिया जाता है। इसके साथ ही इसका क्रीम भी आसानी से उपलब्ध होता है। लेकिन, स्वास्थय विशेषज्ञों की माने तो बेटनेसोल क्रीम का इस्तेमाल बिना डॉक्टर से सलाह लिए नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके क्रीम में भी मौजूद स्टेरॉयड त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है।
आवश्यकता पड़ने पर गर्भावस्था के दौरान बेटनेसोल इंजेक्शन दी जा सकती हैं। इसके साथ ही इस इंजेक्शन का इस्तेमाल निम्नलिखित शारीरिक परेशानी को दूर करने के लिए इस इंजेक्शन की मदद ली जा सकती है। शारीरिक परेशानियों में शामिल है:
इन परेशानियों को दूर करने के साथ-साथ अन्य शारीरिक परेशानियों के इलाज बेटनेसोल इंजेक्शन या क्रीम के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। बेटनेसोल इंजेक्शन या इसकी दवा ज्यादा वक्त के लिए नहीं दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान बेटनेसोल इंजेक्शन या इसकी दवा डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की जाती है, तो इसे अपनी इच्छा अनुसार लेना न बंद करें। जितने दिन की दवा दी गई है और जो डॉक्टर ने सलाह दिया है, उसका सही तरह से पालन करें। इंजेक्शन या फिर क्रीम का उपयोग करने से शरीर में कुछ परिवर्तन महसूस हो सकते हैं। अगर आपको इंजेक्शन दिया गया है और फिर कुछ समय बाद परेशानी महसूस कर रही हैं तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं।
अगर आप गर्भावस्था के दौरान बेटनेसोल इंजेक्शन से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। बिना डॉक्टर के सलाह के इसका सेवन न करें। यही नहीं गर्भावस्था के समय बेटनेसोल इंजेक्शन हो या कोई अन्य दवा भी अपनी मर्जी से न लें। प्रेग्नेंसी के दौरान गायनोकोलॉजिस्ट के संपर्क में रहें। अगर आपका इससे जुड़ा आपका कोई सवाल है, तो अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।