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प्रेग्नेंसी में अस्थमा का प्रभाव कम करने के लिए मुझे किस तरह के आहार खाने चाहिए?
प्रेग्नेंसी और अस्थमा से जुड़े की शोधों में यह पाया गया है कि, विटामिन सी और विटामिन ई, बीटा-कैरोटीन, फ्लेवोनोइड्स, मैग्नीशियम, सेलेनियम और ओमेगा -3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लेने वालों में अस्थमा होने का जोखिम बहुत कम होता है। साथ ही, इस तरह के आहार लेने से अस्थमा की दर को भी कम किया जा सकात है। इन पदार्थों में ऐसे कई एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो कोशिकाओं को अस्थमा के कारण होने वाले नुकसान से बचाते हैं। साल 2007 में किए गए अध्ययन में यह भी पाया गया कि, ऐसे युवा जिनके आहार में विटामिन सी, ई और ओमेगा -3 फैटी एसिड की मात्रा बहुत कम होती है, उन्हें फेफड़े के फंक्शन होने की सबसे अधिक संभावना हो सकती है। इसके अलावा अस्थमा की दर को कम करने के लिए नट्स और अंगूर, सेब, टमाटर जैसे फलों का सेवन करना भी लाभकारी हो सकता है।
क्या मेरे कारण मेरे बच्चे को भी अस्थमा हो सकता है?
अस्थमा की समस्या एक बच्चे को अनुवांशिक स्थिति के तौर पर भी मिल सकती है। अगर बच्चे की मां या पिता को अस्थमा की समस्या है, तो इसकी संभवना अधिक होती है कि बच्चे को भी दमा की समस्या हो सकती है। हालांकि, ऐसे कई अध्ययनों में इसकी पुष्टि भी की गई है कि, अगर किसी महिला को प्रेग्नेंसी से पहले या प्रेग्नेंसी में अस्थमा की समस्या है, तो उसके बच्चे को अस्थमा होने की संभावना बहुत ही कम हो सकती है। बच्चे में अस्थमा की समस्या खासतौर पर पिता की स्थिति पर निर्भर करता है।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।