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3. अस्थमा के लिए योगा – शवासन योग
शवासन योग सिर्फ अस्थमा के लिए फायदेमंद नहीं है। यह खून में शुगर की मात्रा जरूरत से ज्यादा हो जाने पर भी उसको कम करता है। इस योग को करना बेहद आसान है। इसे आप कहीं भी खुद से कर सकते हैं।
शवासन योग कैसे करें
सबसे पहले ऐसे स्थान का चयन करें, जहां हवा आती हो और आराम से आसन किया जा सके। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं, और अपने दोनों घुटनों के बल फासला रखें। फिर दोनों पैरों के पंजे बाहर और एड़ियां अंदर की ओर रखें। फिर दोनों हाथों को शरीर से लगभग कुछ दूरी पर रखें, और अपने दोनों हाथों की उंगलियां मुड़ी हुई, गर्दन सीधी रखें।
इस अवस्था में आगे बढ़ते हुए अपनी आंखें बंद कर लें और अपने पैर के अंगूठे से लेकर सिर तक का भाग बिल्कुल ढीला छोड़ दें। फिर अपना ध्यान श्वास के ऊपर लगाएं और यह महसूस करें, कि दोनों नाक के छिद्रों से सांस अंदर जा रही है और बाहर आ रही है।
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4. अस्थमा के लिए योगा – शलभासन योग
अस्थमा रोग के लिए पहला योग आसन शलभासन है। इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर पेट के बल लेटना होता है। उसके बाद रीढ़ की हड्डियों को मोड़कर पैरों को आसमान की तरफ उठाना होता है। इस आसन में हाथों की स्थिति, सीने का अगला हिस्सा एंव ठुड्डी जमीन को टच करती हुई हो। उसके बाद पैरों को धीरे-धीरे आसमान की तरफ उठाना होता है, ताकि रीढ़ की हड्डी बीच से मुड़ जाए। इस बीच पैरों के तलवे आकाश की तरफ और एड़ी का अगला भाग सिर की तरफ झुका होना चाहिए।
इस आसन में सांस अंदर जाती है तब नाक में हल्की ठंडक महसूस होती है, और जब आप सांस बाहर छोड़ते हैं तब हमें गरमाहट महसूस होती है। आपको इस गर्माहट और ठंडक को ही महसूस करना है। यह सभी योग आसन अस्थमा के इलाज के लिए काफी सही है। इन सभी आसन को रोजाना किया जाए, तो इससे अस्थमा से छुटकारा पाया जा सकता है।
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5. अस्थमा के लिए योगा – पवनमुक्तासन
पवन मुक्तासन योग से अस्थमा रोग में लाभ मिलता है, क्योंकि इससे हृदय को बल मिलता है और फेफड़ों की सक्रियता बढ़ती है। पवन = वायु , मुक्त = छुटकारा और आसन = मुद्रा, अथार्त इस योग की क्रिया द्वारा दूषित वायु को शरीर से मुक्त किया जाता है। इसी कारण इसे पवन मुक्तासन योग कहते हैं यह आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है।