त्रिकोणासन काफी प्रभावशाली और आसान योगासन है, जिसे बुजुर्ग आसानी से कर सकते हैं। बुजुर्गों के लिए योगासन (Yoga for senior citizen) में यह आसन इसलिए भी शामिल किया गया है, क्योंकि यह उनमें आमतौर पर होने वाली कूल्हों की दिक्कत और दर्द को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह ब्लड प्रेशर (Blood pressure) को सामान्य रखता है। इसे करने के लिए अपने पैरों को कंधों के जितना खोलकर आराम से खड़े हो जाएं। अब दाएं पंजे को थोड़ा बाहर की तरफ ले जाएं और बाएं पंजे को अंदर की तरफ करें। अब दोनों हाथों को दोनों तरफ कंधे की सीध में फैला लें। इसके बाद गहरी सांस लें और फिर सांस बाहर छोड़ते हुए सिर और कमर को सामान्य रखते हुए कूल्हों की तरफ से दाई तरफ झुकें और दाएं हाथ की उंगली को तलवे के पास लगाने की कोशिश करें। अब सांस लेते (ब्रीदिंग टेक्नीक) हुए पिछली अवस्था में लौट आएं। इसके बाद दूसरी तरफ से भी यही प्रक्रिया दोहराएं।
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कटिचक्रासन (Katichakrasana)
यह आसन शरीर को सीधा रखने में मदद करता है, क्योंकि इससे स्पाइन सीधी रहती है। इसके अलावा, यह हाथों और पैरों की मसल्स को मजबूती प्रदान करता है। बुजुर्गों के लिए योगासन (Yoga for senior citizen) में यह आसन काफी आसान है और फायदेमंद भी है। इसे करने के लिए पैरों को थोड़ा सा खोलकर आराम से खड़े हो जाएं। इसके बाद अपने हाथों को कंधे की सीध में रखते हुए सामने की तरफ फैला लें। अब लंबी और गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए जितना हो सके अपनी कमर को दायीं तरफ ले जाएं और सिर को दाएं कंधे की तरफ झुकाएं। अब सांस लेते हुए पिछली वाली पोजीशन में आ जाएं और फिर इस प्रक्रिया को दूसरी तरफ से भी दोहराएं।
बुजुर्गों के लिए योगासन (Yoga for senior citizen)- बद्धकोणासन
बुजुर्गों के लिए योगासन में यह आसन उनकी बॉवेल मूवमेंट को सुधारता है और पाचन (Diagestion) क्रिया मजबूत करता है। इसके अलावा, इस आसन से जांघ, घुटने की मसल्स स्ट्रेच होती हैं और जोड़ों के दर्द (Joints pain) में आराम मिलता है। इसे करने के लिए कमर को सीधा रखते हुए जमीन पर बैठ जाएं और पैरों को सामने की तरफ फैला लें। अब दोनों घुटनों को मोड़ते हुए उनके तलवे अपने जननांग की तरफ लाएं। अब दोनों पैर के तलवों को एक साथ मिला लें और जितना हो सके जननांगों के पास ले जाएं। अब अपनी जांघों और घुटनों को जमीन पर टिका लें और हाथों से तलवों को पकड़ लें। अब लंबी और गहरी सांस लें और अपनी जांघों को तितली के पंखों की तरह तेज-तेज ऊपर नीचे करें। जब थक जाएं तो सांस छोड़ते हुए पैरों को फैला लें और आराम करें।
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