बुजुर्गों में क्रिएटिव माइंड (Creative Mind in Elder People) की क्या जरूरत है?
दरअसल, बुजुर्गों में क्रिएटिविटी की जरूरत को समझने से पहले आपको जानना चाहिए कि क्रिएटिविटी होती क्या है? नए और कल्पनाशील विचारों को हकीकत में उतारने की प्रक्रिया को क्रिएटिविटी या रचनात्मकता कहा जाता है। अक्सर, विश्व या हमारे आसपास समाज में मौजूद चीजों को नए नजरिए से देखना और लोगों को दिखाने के लिए रचनात्मकता का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें दो चरण मौजूद होते हैं, पहला- सोचना अथवा कल्पना करना और दूसरा बनाना। रचनात्मकता हमने बताया कि, यह हमारे दिमाग द्वारा नियंत्रित की जाती है। जो कि दिमाग के फ्रंटल लोब हिस्सा होता है। यही हिस्सा लर्निंग और एब्सट्रेक्ट चीजों को भी कंट्रोल करता है।
अब देखा जाए, तो बुजुर्गों में क्रिएटिव माइंड उनकी कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने और खाली टाइम को प्रोडक्टिव बनाने के लिए जरूरी है। रचनात्मक दिमाग होने से वृद्ध लोग निम्नलिखित फायदे प्राप्त कर सकते हैं।
और पढ़ें : रूट कैनाल उपचार के बाद न खाएं ये 10 चीजें
- रचनात्मक चीजें करने के दौरान दिमाग में कई प्रकार के न्यूरॉन एक्टिव हो जाते हैं। जिनमें याद्दाश्त कंट्रोल करने वाले न्यूरॉन भी शामिल हैं। मतलब सीधा है कि, रचनात्मक होने से याद्दाश्त कमजोर होने की समस्या को कम किया जा सकता है।
- कोई रचनात्मक चीज बनाने या कुछ नया सीखने के लिए दिमाग को व्यस्त रखना पड़ता है। लेकिन, इस व्यस्तता का बहुत बड़ा फायदा है, जो कि बेहतर नींद प्राप्त करना है। दरअसल, दिनभर इतना काम करने के बाद दिमाग को आराम की जरूरत होती है और आराम से व पर्याप्त नींद प्राप्त करता है। जिससे बुजुर्गों में स्लीप डिसऑर्डर को दूर होता है और नींद बेहतर होगी तो मूड अपने आप बेहतर होगा।
- किसी टास्क या काम को पूरा करने की फीलिंग, शायद ही किसी भावना से फीकी होगी। संतुष्टि और खुशी का मिलाजुला एहसास बुजुर्गों का अपने जीवन को देखने का नजरिया बदल सकता है और वह अपने जीवन का एक बार फिर आनंद लेने लगते हैं।
- नई-नई चीजों और लोगों के संपर्क में आने पर ही जिंदगी को पूरी तरह जिया जा सकता है। इसी वजह से जब बुजुर्ग क्रिएटिव वर्क करते हैं, तो न सिर्फ क्रिएटिव माइंड प्राप्त करते हैं। बल्कि नए लोगों से मिल पाते हैं और जिंदगी को पूरी तरह जी पाते हैं।
- जब कोई बुजुर्ग रचनात्मक कार्य करता है, तो वह दूसरों के लिए भी मिसाल बनता है। इसी तरह उसे देखकर कई लोग अपने जीवन को सुंदर बना सकते हैं।
और पढ़ें : नाक से खून आना न करें नजरअंदाज, अपनाएं ये घरेलू उपचार
बुजुर्ग क्रिएटिव माइंड कैसे प्राप्त करें?
बुजुर्ग क्रिएटिव माइंड को प्राप्त करने के लिए कुछ टिप्स की मदद ले सकते हैं। दरअसल, क्रिएटिव माइंड कोई बाहर की चीज नहीं है। रचनात्मकता सभी के अंदर होती है, जब आप रचनात्मक चीजों में व्यस्त होने लगते हैं, तो दिमाग का फ्रंटल लोब हिस्सा सक्रिय होता है। जिससे क्रिएटिविटी बढ़ने लगती है। आइए, क्रिएटिव माइंड को सुधारने वाले टिप्स के बारे में जानते हैं।
- सबसे पहले आराम करना सीखें। आराम करने से मतलब है कि दिमाग को फालतू के विचारों से दूर रखें। जब आप दिमाग को आराम देते हैं, तो वह बेहतर तरीके से कार्य कर पाता है। दिमाग नई चीजों को बेहतर तरीके से सीख पाता है और उसे सही जगह पर इस्तेमाल कर पाता है।
- मेडिटेशन करना हर किसी के लिए फायदेमंद है। मेडिटेशन करने से आपको आंतरिक शांति प्राप्त होती है और दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ती है और नए व प्रोडक्टिव विचार आते हैं
- क्रिएटिव माइंड पाने के लिए जैसे ही आपके दिमाग में कोई रचनात्मक विचार आए, उसे तुरंत कागज पर उतार लीजिए। क्योंकि, हर किसी को कोई न कोई रचनात्मक विचार आता ही है, लेकिन उसे याद न रख पाने का मलाल सभी को होता है।
- अपने जीवन और आसपास रचनात्मक चीजों की लिस्ट बनाएं और हर चीज में क्रिएटिविटी देखने की कोशिश करें।
- इसके अलावा, अपने आपको कोसना बंद करें। क्योंकि आपके रचनात्मक बनने के पीछे यह सबसे बड़ा कारण है।
- प्रेशर किसी भी अच्छी चीज को विकसित होने से रोक सकता है। इसी तरह उम्मीदों का प्रेशर आपकी क्रिएटिविटी को मार सकता है। गलतियां करें और सीखने की ललक रखें।
- अपने लिए टाइम निकालें। क्योंकि, रचनात्मक चीजों में शामिल रहने से रचनात्मकता बढ़ती है और क्रिएटिव माइंड मिलता है।
- एक मंत्र हमेशा याद रखें कि, ‘करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान। रस्सी आवत-जात के, सिल पर पड़त निसान।।‘ यानी अभ्यास करने से ही सफलता प्राप्त होती है।
और पढ़ें : कैसे बनाएं हेल्दी फूड हैबिट्स? जानिए कुछ आसान तरीके