पेल्विस (Pelvis)
जुड़वां बच्चे जो पेल्विस से जुड़े हुए होते हैं उन्हें इस्किओप्यूगस कहते हैं। कई इस्किओप्यूगस जुड़वां बच्चे लोअर गैस्ट्रोइंटेस्टिनल मार्ग, साथ ही लिवर और रिप्रोडक्टिव ऑर्गन्स और यूरिनरी ऑर्गन्स को साझा करते हैं। प्रत्येक ट्विन्स को दो या कम पैर हो सकते हैं। जॉइंट ट्विन्स बच्चे दो या तीन पैर साझा करते हैं।
सिर से जुड़े जॉइंट ट्विन्स (Head joint twins)
सर या माथे से जुड़े हुए जॉइंट ट्विन्स क्रैनियोप्यूगस कहलाते हैं। ऐसे जुड़वां बच्चे सिर के पीछे, ऊपर या बगल में एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। क्रैनियोप्यूगस जॉइंट ट्विन्स स्कल (खोपड़ी) के एक हिस्से को शेयर करते हैं। लेकिन उनके मस्तिष्क आमतौर पर अलग होते हैं, हालांकि वे कुछ ब्रेन टिश्यू को भी साझा कर सकते हैं।
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सिर और सीने से जुड़े जॉइंट ट्विन्स (Head and chest joint twins)
जब जुड़वां बच्चे आपस में सिर व छाती से एक साथ जुड़े होते हैं तो उन्हें मेडिकल टर्म में सेफेलोप्यूगस कहा जाता है। ये जॉइंट ट्विन्स चेहरे और शरीर के ऊपरी हिस्सों में जुड़ जाते हैं। ये मस्तिष्क को भी शेयर करते हैं। और इस तरह के जॉइंट ट्विन्स के बचने की संभावना बहुत कम होती है। छाती से जुड़े हुए जुड़वां बच्चे को थोरैकोपैगस कहते हैं और ये बच्चे सीने से आमने-सामने जुड़े होते हैं। जॉइंट ट्विन्स के शरीर में अक्सर एक ही दिल होता है और एक लिवर और अपर इंटेस्टाइन को भी साझा कर सकता है। यह संयुक्त जुड़वा बच्चों की जुड़े होने की सबसे आम जगहों में से एक है।
जॉइंट ट्विन्स जीवित रह पाते हैं ()?
पहले जॉइंट ट्विन्स जिन्होंने जीवन की संभावना को बरकरार रखा, वे थीं इंग्लैंड के मैरी एंड एलीजा। सन 1100 में मैरी एंड एलीजा ने हिप और लिवर से जुड़े होने के बावजूद जीवन के 34 साल पूरे किए।
जॉइंट ट्विन्स का जीवन रेयर होता है। दो लाख पैदा हुए बच्चों में एक कोज्वाॅइंट ट्विन्स (Conjoined twins) होने की संभावना रहती है। जब महिला का एग फर्टिलाइजेशन के बाद किन्हीं कारणों से अलग नहीं हो पाता है तो कोज्वाॅइंट ट्विन्स का जन्म होता है। डॉक्टर्स ने कोज्वाॅइंट ट्विन्स को अलग करने के मामलों में सफलता भी पाई है। 16 से 20 घंटे चलने वाले ऑपरेशन के दौरान यूटा के जुड़वां बच्चों की किडनी और पेल्विक को अलग किया गया था। ये बच्चे चार साल के थे।
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कोज्वाॅइंट ट्विन्स के मामले काफी रेयर होते हैं। ये बात माता-पिता पर निर्भर करती है कि वो बच्चों को सर्जरी के माध्यम से अलग कराना चाहते हैं या फिर नहीं। कई मामलों में सर्जरी सफल हो जाती है वहीं कुछ सर्जरी में कोज्वाॅइंट ट्विन्स का जीवन खतरे से भरा भी रहता है। अगर आपको भी इस विषय के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो बेहतर होगा कि आप एक बार डॉक्टर से संपर्क करें।
लोगों के मन में ये सवाल सबसे पहले आता है कि कोज्वाॅइंट ट्विन्स हैं तो क्या ये पैदा होने के बाद जीवित रह पाएंगे? कोज्वाॅइंट ट्विन्स के जीवन की संभावना उनकी जटिलताओं पर निर्भर करती है। जीवन की निर्भरता इस बात पर तय होती है कि बच्चा आखिर किस जगह से जुड़ा हुआ है। कोज्वाॅइंट ट्विन्स के गर्भ में मरने के अधिक चांस रहते हैं। ऐसे बच्चों के जन्म के लिए सी-सेक्शन आवश्यक हो जाता है।
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बीमारी के चलते हो सकती है मृत्यु
कोज्वाॅइंट ट्विन्स, जुड़वां बच्चों की तरह ही जन्म लेते हैं। ज्यादातर मामलों में कोज्वाॅइंट ट्विन्स प्रीमैच्योर होते हैं। जन्म के कुछ समय बाद एक या फिर दोनों की मृत्यु हो सकती है। कोज्वाॅइंट ट्विन्स को सांस लेने में समस्या, दिल की परेशानी या फिर एक समय बाद स्कोलियोसिस (scoliosis), सेरेब्रल पाल्सी या लर्निंग डिसेबिलिटी हो सकती है।
प्रेग्नेंसी के दौरान यदि आपको पता चलता है कि गर्भ में कोज्वाॅइंट ट्विन्स हैं तो घबराएं नहीं। जुड़े हुए जुड़वां बच्चों के ज्यादातर मामलों में मृत्यु का खतरा रहता है, लेकिन ऐसे भी केस सामने आएं हैं जहां जुड़े हुए बच्चों को सर्जरी के माध्यम से अलग किया गया है। एडवांस सर्जरी के माध्यम से ये सब संभव हो पाया है। आपको इसके बारे में अगर ज्यादा जानकारी चाहिए तो एक बार अपने डॉक्टर से संपर्क करें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी प्रकार की चिकित्सा सलाह, उपचार और निदान प्रदान नहीं करता।