कंसीव करने के दौरान या फिर प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर से परामर्श करके ही फोलिक एसिड की गोलियां लें। कई बार डॉक्टर परिस्थित के अनुसार दवा की मात्रा घटा या फिर बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा कोई भी शंका या असामान्य लक्षण दिखने पर तुरतं अपने डॉक्टर से संपर्क करें और साथ ही कोई भी ओवर द काउंटर ड्रग लेने से भी बचें।
प्रेग्नेंसी में फोलिक एसिड की कमी के कारण शिशु को कुछ समस्याएं हो सकती हैं:
- न्यूरल ट्यूब डिफिसिएट्स (NTDs)- न्यूरल ट्यूब डिफिसिएट्स होने पर नवजात का ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड या वर्टिब्र (spinal cord or the vertebrae) ठीक तरह से डेवलप नहीं हो पाता है।
- क्लेफ्ट लिप (Cleft lip)
- क्लेफ्ट पेलेट (Cleft palate)
- समय से पहले शिशु का जन्म
- नवजात का वजन कम होना
- गर्भवस्था में शिशु का ठीक तरह से विकास न होना
- मिसकैरिज या गर्भपात
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इन फूड आयटम्स में होता है भरपूर फोलिक एसिड
चूंकि फोलिक एसिड सिंथेटिक है, यह खाद्य पदार्थों में प्राकृतिक रूप से नहीं पाया जाता है। फिर भी यह आमतौर पर रिफाइंड अनाज प्रोडक्ट्स में मिलाया जाता है और साथ ही सप्लीमेंट्स में इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका और कनाडा सहित कई देशों में सभी रिफाइंड अनाज उत्पादों में फोलिक एसिड मिलाया जाता है। जिन खाद्य पदार्थों को अक्सर फोर्टिफाइड या फोलिक एसिड से समृद्ध किया जाता है उनमें शामिल हैं:
आप निम्नलिखित फूड के माध्यम से फोलेट प्राप्त कर सकते हैं,
- डार्क लीफी ग्रीन वेजीटेबल्स : 1 कप पकी हुई पालक में 263 एमसीजी
- एवोकैडो में : 1 कप कटे हुए एवोकैडो में 120 एमसीजी
- फलियां जैसे कि 1 कप बीन्स या दाल में 250 से 350 एमसीजी
- 1 कप कटे हुए या पकाए हुए ब्रोकोली में 168 एमसीजी
- 1 कप में शतावरी में 268 एमसीजी
- 1 कप में बीट में 136 एमसीजी
- 3/4 कप संतरे में 35 एमसीजी
आप इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से जानकारी ले सकते हैं। साथ ही अगर आपको उपरोक्त किसी भी फूड से एलर्जी हो तो बेहतर होगा कि उसका सेवन न करें। डॉक्टर से फोलेट के अन्य सोर्स के बारे में जरूर पूछें।
कैंसर से भी बचाता है फोलिक एसिड
फोलेट के उच्च सेवन से कई तरह के कैंसर से राहत मिल सकती है। फोलिक एसिड ब्रेस्ट, लंग, आंत और अग्नाशय सहित कई तरह के कैंसर से रोकथाम में मदद कर सकता है। फोलेट जीन को कंट्रोल कर सकते हैं जैसे जब जीन एक्टिव न हो, तो यह उन्हें एक्टिव करने और ओवर एक्टिव होने पर उन्हें कंट्रोल भी कर सकता है। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि कम फोलेट का स्तर इस प्रक्रिया को भड़कने का कारण बन सकता है, जिससे आपके असामान्य कोशिका वृद्धि और कैंसर के खतरे को कम कर सकता है।
कम फोलेट का स्तर अस्थिर और आसानी से टूटने योग्य डीएनए के निर्माण में भी योगदान देता है जो कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। हालांकि, पहले से मौजूद कैंसर या ट्यूमर वाले लोगों में कुछ सबूत हैं कि उच्च फोलेट इंटेक ट्यूमर के विकास को बढ़ावा दे सकता है। फोलिक एसिड की सप्लीमेंट्स लेकिन, प्राकृतिक खाद्य फोलेट नहीं कुछ प्रकार के कैंसर की बढ़ती घटना से भी जुड़े हुए हैं। यह समझने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है कि पूरक फोलिक एसिड कैंसर के जोखिम को दीर्घकालिक रूप से कैसे प्रभावित कर सकता है।
जानिए फोलेट और फोलिक एसिड एक होता है या अलग
फोलेट और फोलिक एसिड को लोग अक्सर एक ही समझते हैं लेकिन ये एक नहीं होता है। फोलेट कई प्रकार के विटामिन बी 9 के विभिन्न प्रकार की जानकारी देने के लिए यूज किया जाता है।
जानिए क्या हैं फोलेट के प्रकार
- फोलिक एसिड (Folic acid)
- डाइहाइड्रॉफोलेट ( Dihydrofolate) (DHF)
- टेट्राहाइड्रॉफोलेट (Tetrahydrofolate) (THF)
- 5, 10-मिथाइलनेटेट्राहाइड्रोफोलेट (5-methyltetrahydrofolate) (5, 10-मिथाइलीन-टीएचएफ)
- 5-मिथाइलटेराहाइड्रोफोलोलेट (5-मिथाइल-टीएचएफ या 5-एमटीएचएफ)।
हम उम्मीद करते हैं कि अब आप फोलिक एसिड और फोलेट के बारे में अंतर समझ गए होंगे।
हमेशा डॉक्टरी सलाह के बाद ही लें दवा
कोई भी दवा को हमेशा डॉक्टरी सलाह के बाद ही सेवन करना चाहिए। नहीं तो उसका आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। खासतौर पर तब जब आप गर्भवती हो। क्योंकि उस समय आपकी जान के साथ शिशु की जान की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी आप ही पर होती है, ऐसे में और ज्यादा सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है। कोशिश यही होनी चाहिए कि हमेशा डॉक्टरी सलाह के बाद ही दवा आदि का सेवन करें।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से फोलिक एसिड के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अगर आप प्रेग्नेंसी के बारे में सोच रहे हैं तो डॉक्टर दो से तीन महीने पहले ही फोलिक एसिड लेने की सलाह दे सकते हैं। उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। अगर आपको इस संबंध के बारे में अधिक जानकारी चाहिए तो डॉक्टर से जरूर पूछें। आप स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं।