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अनिद्रा से छुटकारा
गर्भावस्था में नींद कम आने की समस्या भी हो सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान रागी का सेवन करने से प्राकृतिक रूप से शरीर को आराम मिलता है। इससे तनाव, चिंता या नींद की समस्या यानी अनिद्रा से बचा जा सकता है। रागी में अमीनों एसिड होता है। जिसे ट्रिप्टोफैन कहा जाता है। यह अनिद्रा को कम करने में सहायक है। इसके साथ प्रेग्नेंसी के दौरान रागी खाने से माइग्रेन की समस्या भी दूर होती है।
प्रोटीन की मात्रा
रागी में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। यह आसानी से शरीर में पच जाता है। गर्भावस्था में प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा में होना भी शिशु के विकास और स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। इसलिए भी रागी को गर्भावस्था में एक अच्छा आहार माना जाता है।
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मिनरल
रागी में मिनरल्स होते हैं। जैसे इसमें अन्य अनाजों की तुलना में पांच से तीन गुना अधिक कैल्शियम होता है। इसके साथ ही यह फॉस्फोरस, पोटाशियम और आयरन का भी अच्छा स्त्रोत है। हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में कैल्शियम एक महत्वपूर्ण घटक है। प्रेग्नेंसी के दौरान रागी से लाभ होता है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जिन्हें ऑस्टियोपोरोसिस या कम हीमोग्लोबिन की समस्या हो। रागी फाइबर, प्रोटीन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और आयरन का एक अच्छा स्रोत है। रागी सबसे पौष्टिक अनाज में से एक है। इसके साथ ही रागी में ट्रिप्टोफैन, सिस्टीन, मेथियोनीन और अमीनो एसिड भी सही मात्रा में होते हैं।
ग्लूटेन से एलर्जी
कुछ गर्भवती महिलाएं ग्लूटेन युक्त चीजों को अपने आहार में शामिल नहीं करती। क्योंकि, उन्हें इससे एलर्जी होती है। लेकिन रागी में ग्लूटेन नहीं होती। ऐसे में वो प्रेग्नेंसी के दौरान रागी का सेवन कर सकती हैं। इस दौरान रागी का सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है। जिन खाद्य पदार्थों में ग्लूटेन नहीं होता वो भी शिशु के विकास के लिए लाभदायक भी होते हैं। इसलिए अगर आप गर्भवती हैं तो रागी का सेवन करना न भूलें।