थोड़ा समय दें
अनचाही प्रेग्नेंसी आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है। इस स्थिति में दूसरे विषय जैसे नौकरी, शिक्षा और परिवार की राय को एकतरफ रखें। इन विषयों को एक साथ मिक्स ना करें। इस स्थिति में अपने हौसले पर भरोसा रखें। इसके साथ ही इसे अपनी प्राइवेट नोटबुक में जरूर लिखें। यदि आप कमिटेड रिलेशनशिप में हैं तो हो सकता है प्रेग्नेंसी की खबर इस रिश्ते में विवाद पैदा कर दे।
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अनचाही प्रेग्नेंसी की खबर को सुनकर आपका/ आपकी पार्टनर भी हैरत में पड़ सकती है। बेहतर होगा कि आप अपने रिश्ते को थोड़ा वक्त दें, जिससे चीजें सामान्य हो सकें।
अनचाही प्रेग्नेंसी – यदि आपका पार्टनर बच्चा चाहता हो
कई बार देखा गया है कि अनचाही प्रेग्नेंसी के मामले में महिला तैयार नहीं होती है लेकिन, पार्टनर पिता बनने की इच्छा रखता है। तो वहीं कई बार महिला तैयार होती है तो पुरुष तैयार नहीं होते। यह स्थिति दोनों के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। इस स्थिति को संभालने के लिए दोनों को अपनी भावनाओं और इच्छाओं के बारे में एक-दूसरे से खुलकर बात करनी चाहिए। दोनों आपसी सहमित से मिलकर इस संबंध में फैसला ले सकते हैं।
घबराएं नहीं
ऐसी महिलाएं जिन्होंने प्रेग्नेंसी प्लानिंग की होती है और वे खुद को स्वास्थ्य, रिश्ते और पैसे के मामले में सही स्थिति में मानती हैं उनके मन में भी एक अच्छी मां ना बन पाने का डर होता है। तो अनचाही प्रेग्नेंसी में इस प्रकार का डर होना सामान्य है। यदि आपके बच्चे में जन्म दोष है या फिर आप पहले ही प्रेग्नेंसी के अनुभव को महसूस कर चुकी हैं तो अनचाही प्रेग्नेंसी में यह डर दोबारा पैदा हो सकता है।
इस स्थिति में आपको यह ध्यान रखना है कि सारी चीजें आपके बस में नही हैं। अपने हौसले से डर को जीतने की कोशिश करें।
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डॉक्टर से सलाह लें
यदि आप और आपका पार्टनर अनचाही प्रेग्नेंसी के लिए तैयार नही हैं तो इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए डॉक्टर की मदद ले सकते हैं। गर्भपात की किसी भी दवाई का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। तभी यह आपकी हेल्थ के लिए ठीक रहेगा।
अंत में हम यही कहेंगे कि अनचाही प्रेग्नेंसी के मामले में हड़बड़ी या जल्दबाजी में किसी भी प्रकार का निर्णय ना लें। बच्चे को बनाए रखना या गर्भपात करना दोनों ही बड़े फैसले हैं। खुद को और पार्टनर को मानसिक रूप से कमजोर ना होने दें। अपने पार्टनर के साथ शांतिपूर्वक इस विषय पर चर्चा करें और दोनों की सहमति से निणर्य लें। चर्चा करने से आप एक-दूसरे की भावनाओं और राय को अच्छी तरह समझ पाएंगे और एक बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होंगे। जिससे दोनों ही लोगों की आगे की जिंदगी और बच्चे की इस संसार में आने के बाद की जिंदगी काफी सुखी और सकारात्मक रूप से व्यतीत होगी।