गर्भावस्था में पिता का बढ़ता है वजन
गर्भावस्था में गर्भवती महिला का वजन बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन इन दिनों में उनके लाइफ पार्टनर का भी वजन बढ़ने लगता है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान पुरुषों में तनाव की वजह से कोर्टिसोल हॉर्मोन का लेवल बढ़ने लगता है और वजन बढ़ाने में कोर्टिसोल हॉर्मोन सहायक होता है, जिस वजह से वजन बढ़ने लगता है।
ये भी पढ़ें: डिलिवरी के वक्त होती हैं ऐसी 10 चीजें, जान लें इनके बारे में
गर्भावस्था में पिता को होता है दर्द
पत्नी की गर्भावस्था में पुरुषों में बॉडी पेन क्यों होता है इससे जुड़े रिसर्च में कोई खास बात सामने नहीं आई है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि वाइफ में हो रही परेशानी को देख उन्हें भी बॉडी पेन जैसी अन्य परेशानी होने लगती है।
ये भी पढ़ें: डिलिवरी के बाद बॉडी को शेप में लाने के लिए महिलाएं करती हैं ये गलतियां
गर्भावस्था में पिता में हो रहे बदलावों से कैसे निपटें?
भावी पिता बनने वाली मां के लिए क्या कर सकते हैं?
- मां के साथ बच्चे के आगमन की तैयारी, जैसे- चिकित्सा, सेहत की देखभाल के लिए पैसों का बंदोबस्त, गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद मां-शिशु को सहयोग करें।
- डॉक्टर से मिलने पत्नी के साथ जाएं जिससे आपको भी पता चले कि उसको प्रेग्नेंसी पीरियड में क्या परेशानियां हैं या सब कुछ ठीक चल रहा है।
- उसकी चिंताओं और जरूरतों के बारे में जानकारी रखें।
- ज्यादातर कपल्स न्यूक्लिअर फैमिली में रहते हैं अत: आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप अपनी पत्नी को निर्धारित समय पर पौष्टिक भोजन या दवाएं लेने को प्रोत्साहित करें।
- गर्भावस्था के दौरान मूड में बदलाव होते हैं जो सामान्य है। धीरज रखें और उनका सहयोग करें।
- उन्हें स्नेह और ध्यान के साथ गर्भावस्था की अवधि का आनंद लेने में मदद करें।
- परिवार के अन्य सदस्यों के साथ संघर्ष के समय में उनका समर्थन करें।
यह भी पढ़ें- हैलो न्यू मॉम : मैटरनिटी लीव (Maternity Leave) के बाद जा रही हैं फिर से काम करने, तो ध्यान रखें ये बातें
गर्भावस्था में पति समझें आखिर क्या चाहती है पत्नी?
गर्भावस्था में पति को समझना चाहिए कि बच्चे के वजन और शरीर में आने वाले परिवर्तन के कारण इस दौरान गर्भवती महिला काफी चिड़चिड़ी हो जाती है। ऐसी स्थिति में पति प्रसव से पहले पत्नी को हर तरह से सपोर्ट करे ताकि उसे गुस्सा न आए। गर्भावस्था में पति अगर महिला की देखभाल ठीक से करता है और प्यार से करता है तो महिला बच्चे को आसानी से जन्म दे पाएगी।
गर्भावस्था के दौरान हाॅर्मोन में परिवर्तन होते हैं और मानसिक अवस्था में भी बदलाव आते हैं ऐसे में पति की थोड़ी सी भी मदद पत्नी के लिए बड़ा सहारा बन सकती है। पति का प्यार, पत्नी और इस दुनिया में आने वाले बच्चे के लिए दवा का काम करेगा।
प्रेग्नेंसी के दौरान पत्नी का पल- पल मूड बदल सकता है। गर्भावस्था में पति अपनी पत्नी पर कतई गुस्सा न करें। उसे समझने की कोशिश करें। कुल मिलाकर बेस्ट हसबैंड और बेस्ट पिता बनना है तो पत्नी की गर्भावस्था के दौरान धैर्य रखें और हर स्थिति में पति-पत्नी एक-दूसरे का साथ निभाएं। अगर किसी बात को लेकन परेशानी ज्यादा है, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह की मेडिकल एडवाइस, इलाज और जांच की सलाह नहीं देता है।
और पढ़ें:-
प्रेग्नेंसी की तीसरी तिमाही में क्या हॉर्मोनल बदलाव होते हैं?
क्या सी-सेक्शन के बाद वजन बढ़ना भविष्य में मोटापे का कारण बन सकता है?
गर्भावस्था से आपको भी लगता है डर? अपनाएं ये उपाय
क्या मेनोपॉज के बाद गर्भधारण महिलाएं कर सकती हैं?