नौ महीनों की परेशानियां और उसके बाद डिलिवरी में होने वाली तकलीफ के चलते कई महिलाएं प्रेग्नेंसी और डिलिवरी से काफी डरी रहती हैं। इसलिए ऐसा देखा जाता है कि वे शादी के बहुत सालों तक प्रेग्नेंसी को टालती रहती हैं। वैसे प्रेग्नेंसी के डर रहना महिलाओं के लिए सामान्य है। मेरे कॉलेज की एक फ्रेंड (आकांक्षा, बदला हुआ नाम, दिल्ली) हाल ही में दो प्यारी ट्विन्स की मां बनी हैं, बताती हैं कि “मैंने प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीनों में अपना 7 किलो वजन कम किया। पूरे प्रेग्नेंसी पीरियड में मैं वजन को लेकर काफी डरी रहती थी। उस दौरान जो भी खाती वो वोमिट से बाहर निकल जाता था। जिसके कारण पेट में कुछ बच नहीं पाता था। इसीलिए मुझे फिर एंटी-नौसेआ दिया गया जिससे मैं बाकी का प्रेग्नेंसी पीरियड आसान से पूरा हो सका”।