जितना हो सके प्रेग्नेंसी से लेकर डिलिवरी के बारे में सभी प्रकार की जानकारी इकट्ठा करें। शिशु के जन्म होने से संबधित सभी जानकारी टीवी, हेल्थ शो या अच्छी किताबों से प्राप्त करें। आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकती हैं।
जानें इस समस्या का क्या है इलाज
यदि कोई महिला टोकोफोबिया की बीमारी से ग्रसित है, तो ऐसे में उस महिला का इलाज किया जाना अहम होता है। ताकि जच्चा-बच्चा की सुरक्षा की जा सके। ऐसे में महिला को गायनकोलॉजिस्ट से सलाह लेने के साथ मनोचिकित्सक से भी सलाह लेने की आवश्यकता होती है।
मामले में मेटेर्नल हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स भी पीड़ित महिला को सही जानकारी के साथ हेल्थ केयर उपलब्ध कराकर उन्हें बेहतर फील कराते हैं। ताकि महिला को शिशु को जन्म देने में किसी प्रकार की कोई परेशानी न आए।
थेरेपी भी है कारगर, जानें इसके बारे में
कंजीनिटिव बिहेवियर थेरेपी और साइकोथेरेपी भी टोकोफोबिया के इलाज में काफी कारगर है। इस बीमारी का इलाज करने के लिए सीबीटी अच्छा माध्यम हो सकता है। एक शोध के अनुसार इसके इफेक्टिवनेस को सही बताया है। इस प्रक्रिया को अपनाने से उनमें डर कम होने के साथ इस बीमारी की समस्या के लक्षणों में भी कमी आती है। लेकिन मौजूदा समय में बेहद कम ही महिलाएं हैं जिन्होंने सीबीटी ट्रीटमेंट पूरा किया है।
जानें इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं में दवा है कारगर
इस बीमारी के साथ या फिर डिप्रेशन, एंजायटी या अन्य साइकेट्रिक डिसऑर्डर से बचाव के लिए एक्सपर्ट दवा का भी सुझाव देते हैं। वहीं दवा भी काफी कारगर है, ऐसे में जरूरी है कि बीमारी से पीड़ित महिलाओं को एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। ताकि दवा का सेवन कर बीमारी से निजात पा सकें। जानें इसके अलावा महिलाओं को क्या-क्या करना चाहिए
- मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से लेनी चाहिए सलाह
- पेरेंटल सपोर्ट क्लासेस में लेना चाहिए हिस्सा
- शिशु की मौत को लेकर डरावने कहानी को नहीं सुनना चाहिए, यदि कोई कहे तो उनसे दूरी बनाए या बात घुमा दें
- बर्थ प्लान की तैयारी करें
- अपनी फीलिंग्स को दोस्तों और परिजनों से शेयर करना चाहिए
- डर से बाहर निकलने की कोशिश करनी चाहिए