इस भागती-दौड़ती जिंदगी में चारों ओर चुनौतियां हैं। ऑफिस में टारगेट पूरा करने की चुनौती तो घर में परिवार की देखभाल की चुनौती। ऐसे में कहीं न कहीं और किसी न किसी कारण महिला हों या पुरुष दोनों के ही भावनाओं पर असर होता है। जब लोग भावनात्मक तरीके से आहत होते हैं, तो यह उन्हें भावनात्मक रूप से उदास और थका हुआ महसूस होता है। इन भावनाओं का निर्माण लंबी अवधि में होता है। हालांकि, लोगों को शुरुआती चेतावनी के संकेत नजर नहीं आते। इससे किसी भी व्यक्ति के रोजमर्रा के जीवन, रिश्तों और व्यवहार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।