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कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) के कारण सांस फूलना
कोरोनरी आर्टरी डिजीज की वजह से दिल को रक्त पहुंचाने वाली रक्त वाहिका सख्त या संकरी हो जाती है। जिससे दिल तक जाने वाला ब्लड फ्लो कम हो जाता है और इस कारण हार्ट मसल डैमेज हो जाती है। इसमें चेस्ट पेन और हार्ट अटैक भी आ सकता है।
जन्मजात दिल की बीमारी (Congenital Heart Disease) की वजह से सांस फूलना
जब आनुवांशिक तरीके से आपके दिल का आकार या कार्यक्षमता में कमी आती है, तो उसे जन्मजात दिल की बीमारी कहा जाता है। इस समस्या में भी सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलने की तकलीफ और असामान्य धड़कन हो जाती है।
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure) के कारण सांस फूलना
कंजेस्टिव हार्ट फेलियर के अंतर्गत दिल की मसल्स कमजोर हो जाती हैं और शरीर के अन्य अंगों तक पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता है। जिस वजह से फेफड़े भी सही से कार्य नहीं कर पाते हैं और शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। इस समस्या की वजह से हार्ट अटैक या हार्ट के वाल्व में भी समस्या हो सकती है।
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बुखार में सांस फूलना
बुखार में शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है और मेटाबॉलिज्म को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है। ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत की वजह से सांसें भारी होने लगती हैं। शरीर की गर्मी को कम करने और शारीरिक तापमान को सामान्य लाने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। आमतौर पर, बुखार में भारी गतिविधि करने के दौरान सांस फूलने लगता है।
इंफेक्शन के कारण सांस फूलना
कई संक्रमण की वजह से सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। हालांकि, इनमें से अधिकतर संक्रमण गंभीर नहीं होते, लेकिन अगर आपको ज्यादा समय तक तकलीफ हो रही है, तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इन संक्रमणों में साइनस इंफेक्शन, सामान्य जुकाम, इंफ्लुएंजा, ब्रोंकाइटिस आदि शामिल हैं।
श्वास प्रणाली में रुकावट के कारण सांस फूलना
जब हमारी श्वास प्रणाली में बाहरी तत्व आ जाने या किसी और वजह से कोई रुकावट आ जाती है, तो चोकिंग की स्थिति हो जाती है और सांस नहीं आती। यह चोकिंग पार्शियल या फुल हो सकती है यानि इस रुकावट से आपकी श्वास प्रणाली को कोई हिस्सा जैसे गला या विंड पाइप आधा या पूरी तरह से ब्लॉक हो सकता है। इस स्थिति में आपको तुरंत ही डॉक्टर के पास जाना चाहिए। इस समस्या में सांस फूलने की दिक्कत, चक्कर, बुखार, सांस में घरघराहट या सीटी की आवाज आना, गले या छाती में जलन आदि परेशानियां भी झेलनी पड़ सकती है।
एलर्जी की वजह से सांस फूलना
कई बार परागण या धूल जैसे एलर्जन सांस द्वारा शरीर में दाखिल हो जाने पर रेस्पेरेटरी एलर्जी हो जाती है। जिससे आपकी विंड पाइप या गला अत्यंत संवेदनशील हो जाता है। इसकी वजह से सांस में घरघराहट या सीटी की आवाज आना, आंखों से पानी आना, फेफड़े या गले में जलन, सांसों का भारी होना आदि दिक्कतें हो सकती हैं।
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चिंता (Anxiety) के कारण सांस फूलना