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हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में क्या अंतर है?

हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में क्या अंतर है?

अधिकतर लोग हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट (Heart attack and cardiac arrest) जैसी बीमारी को लेकर भ्रमित रहते हैं और इन दोनों ही बीमारियों को एक समझते हैं। हालांकि ये दोनों ही हृदय से जुड़ी बीमारियां हैं, लेकिन इन दोनों बीमारियों के बीच काफी अंतर है। जिसे समझने के लिए ​जरूरी है कि आप इन दोनों स्थितियों में होने वाली प्रक्रिया और प्रभावों को समझें। आइए जानते हैं, इन दोनों के बीच के अंतर को। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कि आखिर क्या होता है हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट के बीच अंतर और इसके लक्षण क्या होते हैं।

डॉक्टर बृजेश कुमार ,सीनियर इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट -हीरानंदानी हॉस्पिटल , वाशी – फोर्टिस नेटवर्क हॉस्पिटल हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट (Heart attack and cardiac arrest) के बारे में बताते हैं  “हृदय रोग (हार्ट डिजीज) देश में होने वाली सबसे अधिक मृत्यु के कारणों में से एक है।  कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (CVD) से होने वाली मृत्युदर में इस्केमिक हार्ट डिजीज 80 प्रतिशत की भागीदारी रखती हैं। प्रतिवर्ष कार्डियोवैस्कुलर डिजीज से होने वाली मृत्युदर में वृद्धि हो रही है। “

हार्ट अटैक या दिल का दौरा क्या है?

शरीर के सभी भाग की तरह हमारा हृदय भी मांसपेशियों से बना हुआ महत्त्वपूर्ण अंग है, जिसे काम करने के लिए ऑक्सीजन युक्त खून के प्रवाह की आवश्यकता होती है। हमारे शरीर में कोरोनरी आर्टरी (धमनी) हार्ट मसल्स तक खून पहुंचाने का काम करती है और जब वहां तक खून पहुंचना बंद हो जाता है, तो हृदय के भीतर की कुछ पेशियां काम करना बंद कर देती हैं। खून पहुंचाने वाली धमनियों में जमे वसा या खून के थक्को के कारण ब्लॉकेज होती है, जिसे हम हार्ट ब्लॉकेज भी कहते हैं। इन आर्टरीज में अवरोध आने की स्थिति में ही हार्ट अटैक या दिल का दौरा आता है।

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हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट: जानिए कार्डिएक अरेस्ट क्या है?

हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक है कार्डिएक अरेस्ट की स्थिति। कार्डिएक अरेस्ट ज्यादा घातक इसलिए है क्योंकि इसमें हमारा दिल अचानक से शरीर के विभिन्न हिस्सों में खून पहुंचाना बंद कर देता है और हदय का धड़कना बंद हो जाता है। इससे व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। ऐसा इसलिए होता है, जब हदय के अंदर वेंट्रीकुलर फाइब्रिलेशन पैदा होता है। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बीच सबसे बड़ा अंतर यह है कि हार्ट अटैक में भले ही हृदय की धमनियों में खून का प्रवाह नहीं हो, पर हृदय की धड़कन चलती रहती है। जबकि कार्डियक अरेस्‍ट में दिल की धड़कन बंद हो जाती है।

इसके अलावा, कुछ अन्य लक्षण हैं जिनकी मदद से हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट (Heart attack and cardiac arrest) के बीच के अंतर को समझा जा सकता है, जैसे:

हार्ट अटैक या दिल का दौरा के लक्षण क्या हैं?

दिल का दौरा पड़ने पर शरीर में कई परिवर्तन दिखाई पड़ते हैं। दिल का दौरा पड़ने के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। जानिए हार्ट अटैक के लक्षणों के बारे में,

  • सीने में दर्द होना , इसमें अचानक से आपके सीने के बीच में दर्द होगा और ऐंठन महसूस होगी, जोकि आराम करने पर भी ठीक नहीं होगी। सभी मामलों में ऐसा हो ये जरुरी नहीं है, लेकिन आमतौर पर ये लक्षण ज्यादातर मरीजों में देखे गए हैं।  सीने का दर्द धीरे—धीरे  शरीर के और भी हिस्सों फैलने लगता है, जैसे कि हाथ, एब्डोमेन, गले और पीठ में  आशंका ज्यादा रहती है।
  • सांस उखड़ना।
  • खांसी आना
  • चिड़चिड़ापन होना।
  • ​सिर भारी होना।
  • अत्यधिक पसीना आना
  • कमजोरी महसूस होना।

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कार्डिएक अरेस्ट के लक्षण क्या हैं?

इसके लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं। जैसे-

  • हृदय की गति का रुक जाना।
  • अचानक से बेहोश हो होना।
  • सांस लेने में दिक्क्त महसूस होना और धीरे-धीरे सांस की गति धीमी होते जाना।
  • घबराहट और बेचैनी महसूस होना।

कार्डिएक अरेस्ट की स्थिति होने पर उपर दिए गए लक्षण, आपको इसके आने का संकेत दे सकते हैं। ऐसा महसूस करने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट: जानिए कार्डिएक अरेस्ट के क्या कारण हो सकते हैं?

  • वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन( Ventricular Fibrillation )- वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन (VF) हृदय के निचले हिस्से यानी बॉटम चैम्बर में तेज गति से होने वाला हार्ट रिदम है।
  • वेंट्रीकुलर टैकीकार्डिया( Ventricular Tachycardia )- वेंट्रीकुलर टैकीकार्डिया एक ऐसी कंडीशन है जिसमें हृदय  लोअर चैंबर (ventricles) में जल्दी-जल्दी धड़कता है।
  • कोरोनरी हार्ट डिजीज ( Coronary Heart Disease )- कोरोनरी हार्ट डिजीज हार्ट डिजीज का ही टाइप है जिसमे हृदय की धमनियां (arteries of the heart ), हृदय की मांसपेशियों तक पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त खून (oxygen-rich blood) नहीं पहुंचा पाती हैं।
  • हार्ट के साइज या आकार में बदलाव आना।
  • पेसमेकर ( Pacemaker ) का खराब होना।
  • रेस्पिरेटरी अरेस्ट ( Respiratory Arrest )- रेस्पिरेट्री अरेस्ट एक कंडीशन है जिसमे पेशेंट सांस लेना बंद कर देता है या फिर उसे सांस लेने में दिक्कत होती है।
  • हार्ट अटैक का होना।
  • एलेक्ट्रोक्युशन ( Electrocution )- एलेक्ट्रोक्युशन बिजली के झटके के कारण लगी चोट या मौत होती है।
  • ह्य्पोथर्मिया ( Hypothermia )- एक मेडिकल इमरजेंसी है जो तब होती है जब आपका शरीर गर्मी पैदा करने की तुलना में तेजी से हीट को लूज करता है। इस कंडीशन में शरीर का टेम्परेचर कम हो जाता है।
  • बहुत ज्यादा शराब या नशे का सेवन करना।

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हार्ट अटैक की स्थिति में हार्ट की मांसपेशियों तक खून पहुंचना रुक जाता है। अगर हार्ट की सभी मांसपेशियों तक खून पहुंचना बंद हो जाता है, तब कार्डिएक अरेस्ट का होना निश्चित है।  

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कोरोनरी हार्ट डिजीज कैसे हार्ट अटैक का कारण बनती है ?

कोरोनरी आर्टरीज में फैट्स ( Fats ) के जमने की वजह से धमनियों में अवरोध पैदा हो जाता है, जिसकी वजह से हार्ट को सही मात्रा में खून नहीं पहुचता है। जब हार्ट का एक बड़ा हिस्सा इस स्थिति से प्रभावित हो जाता है, तब हार्ट अटैक के होने संभावना बढ़ जाती है।

किन लोगों में कोरोनरी हार्ट डिजीज की संभावना ज्यादा होती है ?

  • जो लोग अधिक ध्रूमपान करते हैं।
  • ​अधिक तैलीय युक्त भोजन करने वाले लोगों में।
  • हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त लोगों में।
  • मोटापे के शिकार लोगों में।
  • बहुत अधिक प्रदूषित जगह पर रहने वाले लोगों में।
  • डायबिटिक लोगों में
  • पै​​तृक तौर पर हार्ट अटैक की हिस्ट्री रखने वाले लोगों में।

हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट (Heart attack and cardiac arrest) दो अलग स्थितियां हैं, इनके कारण और लक्षण भी अलग हैं। हालांकि हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट (Heart attack and cardiac arrest) से बचने के लिए किन बातों को ध्यान रखना चाहिए?

हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट (Heart attack and cardiac arrest) जैसी स्थिति में निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी है। जैसे-

  • संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए।
  • वजन संतुलित रखना चाहिए
  • नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए और अगर आप एक्सरसाइज नहीं कर पा रहें हैं, तो रोजाना वॉक पर जरूर जाना चाहिए।
  • ब्लड प्रेशर नॉर्मल रहना चाहिए। आपको इसकी नियमित जांच करवाते रहना चाहिए।
  • तंबाकू का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • एल्कोहॉल का सेवन भी बंद कर देना चाहिए।
  • अगर डायबिटीज की समस्या है, तो उसे कंट्रोल रखना बेहद जरूरी है।
  • सात से आठ घंटे की अच्छी नींद अवश्य लेनी चाहिए।
  • अगर आपको डॉक्टर ने किसी बीमारी के लिए दवा खाने की सलाह दी हो तो बेहतर होगा कि उसे समय पर ही लें।
  • दिल का दौरा न पड़े, इसके लिए आपको हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहिए।

अगर आप हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट (Heart attack and cardiac arrest) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा। उपरोक्त दी गई जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। स्वास्थ्य संबंधि अधिक जानकारी के लिए आप ‘हैलो स्वास्थ्य’ की वेबसाइट विजिट करें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

Heart Attack – https://www.nhlbi.nih.gov/health-topics/heart-attack Accessed on 21/7/2019

Heart Attack Symptoms, Risk, and Recovery – https://www.cdc.gov/heartdisease/heart_attack.htm Accessed on 21/7/2019

Heart Disease – https://www.cdc.gov/heartdisease/about.htmlAccessed on 21/7/2019

Heart Disease   https://www.heart.org/en/health-topics/cardiac-arrest/about-cardiac-arrest Accessed on 21/7/2019

Heart Disease :   https://medlineplus.gov/cardiacarrest.html Accessed on 21/7/2019

Current Version

17/11/2021

Suniti Tripathy द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Bhawana Awasthi


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

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Suniti Tripathy द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/11/2021

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