ऐसा पाया गया है कि फिजिकल फिटनेस और हार्ट हेल्थ (Heart health) के बीच में गहरा संबंध है। इसके बारे में शोधकर्ताओं का मानना है कि जो लोग कोई खेल खेलते हैं जैसे स्विमिंग, टेनिस आदि, तो उनके लिए फिट रहना आसान है। जबकि, जो लोग यह नहीं करते हैं, वो यह जानकर कि वो कितनी देर में स्टेयर्स की चार फ्लाइट्स या 60 सीढ़ियां चढ़ लेते हैं, अपनी फिटनेस का अंदाजा लगा सकते हैं। आमतौर पर अगर किसी व्यक्ति को कोई समस्या है जैसे सांस लेने में परेशानी या चेस्ट पेन ,तो उन्हें स्ट्रेस टेस्ट की सलाह दी जाती है। इसे एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट भी कहा जाता है।
इससे पता चलता है कि फिजिकल एक्टिविटी के दौरान हमारा हार्ट कैसे काम करता है? लेकिन लेस फॉर्मल स्ट्रेस टेस्ट जैसे टाइम्ड स्टेयर क्लाइंब से डॉक्टर रोगी के फिटनेस लेवल के बारे में जान सकते हैं। हम में से बहुत से लोग वजन पर अधिक फोकस करते हैं। आप फैट हैं या फिट? पहले इस बारे में जानें। क्योंकि फैट से ज्यादा महत्वपूर्ण है फिट रहना। स्टेयर्स क्लाइम्बिंग और हार्ट हेल्थ (Climbing stairs and heart health) के साथ ही हार्ट को हेल्दी रखने के तरीकों के बारे में भी जान लेते हैं।
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एक्टिविटी और डायट: एक पावरफुल कॉम्बिनेशन
बिना डॉक्टर को कंसल्ट किए फिटनेस रूटीन को शुरू करने से बचें। लेकिन, कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज, हार्ट को हेल्दी रखने का बेहतरीन तरीका है। कार्डियो एक्सरसाइज हार्ट मसल्स और सर्क्युलेटरी सिस्टम पर अच्छे से काम करती है और हार्ट फिटनेस व ब्लड प्रेशर को सुधरने के लिए बेहद लाभदायक है। यही नहीं, कार्डियों एक्सरसाइज गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाने के लिए भी जरूरी है। इससे लंग फंक्शन सुधरता है और शरीर को अन्य कई लाभ भी होते हैं, जो फिजिकल और मेंटल दोनों हो सकते हैं। इसके साथ ही हार्ट हेल्थ (Heart health) के लिए सही डायट लेना भी जरूरी है।