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कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स जानकर बच सकते हैं जानलेवा बीमारियों से

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 06/05/2022

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स जानकर बच सकते हैं जानलेवा बीमारियों से

    हार्ट डिजीज (Heart disease) महिला और पुरुषों दोनों के लिए मृत्यु का प्रमुख कारण है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary artery disease) हार्ट डिजीज का सबसे कॉमन टाइप है। सीएडी (CAD) का सबसे कॉमन कारण कोरोनरी आर्टरीज में प्लाक (Plaque) का बिल्ड अप होना है। इसके अलावा भी कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स (Risk Factors For Coronary Artery Disease) कई हैं जिनमें से कुछ को हम कंट्रोल भी कर सकते हैं। इस आर्टिकल में सीएडी (CAD) के रिस्क फैक्टर्स से संबंधित जानकारियां दी जा रही हैं।

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स  (Risk Factors For Coronary Artery Disease)

    पहले हम उन कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स के बारे में जानेंगे जिनको कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इनके प्रभाव को मॉनिटर करने में हम सक्षम नहीं होते हैं।

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    कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स में शामिल हैं उम्र और जेंडर (Age and gender)

    उम्र बढ़ने के साथ ही सीएडी का रिस्क भी बढ़ता जाता है। ऐसा समय के साथ प्लाक के बिल्डअप के कारण होता है। अमेरिका के नेशनल हार्ट, लंग एंड ब्लड इंस्टिट्यूट के अनुसार महिलाओं के लिए सीएडी का रिस्क 55 साल की उम्र में वहीं पुरुषों के लिए 45 की उम्र में बढ़ जाता है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं में मृत्यु दर बढ़ जाती है। एक महिला की सीएडी से मृत्यु का जोखिम 75 वर्ष की आयु तक एक पुरुष के जोखिम के बराबर या उससे अधिक है।

    हृदय की मांसपेशियों और कोरोनरी धमनियों के स्तर पर कुछ हद तक हृदय रोग अक्सर लोगों की उम्र के रूप में होता है। उम्र के साथ शरीर में होने वाले परिवर्तन ऐसी स्थितियां पैदा करते हैं जो हृदय रोग आसानी से विकसित होने लगते हैं। उदाहरण के लिए, स्मूद आर्टरी वेसल्स की वॉल्स स्वाभाविक रूप से असामान्य रक्त प्रवाह के साथ खुरदरी सतहों को विकसित कर सकती हैं जो प्लाक बिल्डअप को आकर्षित करती हैं और धमनियों के सख्त होने का कारण बनती हैं।

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स और जातीयता (Ethnicity)

    कई बार कुछ विशेष जाति या समुदाय के लोगों में कोरोनरी आर्टरी डिजीज का रिस्क अधिक पाया जाता है, लेकिन लगभग सभी जातियों या समुदायों में मौत का प्रमुख कारण सीएडी बनकर उभरा है। जिसमें अमेरिकन इंडियन्स, एशियन अमेरिकन्स, अलास्का नेटिव्स आदि शामिल हैं। इंडिया में भी सीएडी के मामले सभी जातियों में लगातार देखे गए हैं। कुछ जातियों में हृदय रोग का बढ़ता जोखिम उच्च रक्तचाप, मोटापा और डायबिटीज मेलिटस की बढ़ी हुई दरों से जुड़ा है। ये हृदय रोग के जोखिम कारक हैं।

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    कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स में फैमिली हिस्ट्री (Family history) भी है शामिल

    हृदय रोग परिवार में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में हो सकता है। हार्ट फेडरेशन के अनुसार, परिवार के किसी करीबी सदस्य को दिल की बीमारी होने पर आपके हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। यदि पिता या भाई में 55 वर्ष की आयु से पहले हृदय रोग का निदान किया गया है, या यदि आपकी मां या बहन में 65 वर्ष की आयु से पहले हृदय रोग का निदान किया गया है तो आपका जोखिम और बढ़ जाता है।

    इसके साथ ही यदि मां और पिता दोनों को 55 की उम्र से पहले हृदय रोग का निदान हुआ है तो बच्चों को जोखिम अधिक बढ़ जाता है। इसके साथ ही टाइप 1 या 2 डायबिटीज मेलिटस, या किसी अन्य बीमारी या लक्षण के विकास के लिए एक प्राथमिकता विरासत में मिल सकती है जो सीएडी के जोखिम को बढ़ाती है।

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स (Coronary artery disease risk factors) जिनको किया जा सकता है कंट्रोल

    यहां सीएडी के कुछ ऐसे रिस्क फैक्टर्स के बारे में जानकारी दी जा रही है। जिन्हें व्यक्ति आसानी से कंट्रोल कर सकता है और हार्ट डिजीज से बचाव कर सकता है।

    धूम्रपान (Smoking)

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स

    अगर कोई भी रिस्क फैक्टर आपके पास नहीं है तो भी सिर्फ स्मोकिंग जो कि फर्स्टहैंड हो या सेकेंडहैंड सीएडी के रिस्क को बढ़ा सकती है और अगर पहले से कोई रिस्क फैक्टर्स मौजूद है तो स्मोकिंग के साथ सीएडी का रिस्क अधिक बढ़ जाता है। हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री होने या बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने के साथ स्मोकिंग करना खतरनाक हो सकता है।

    कोलेस्ट्रॉल का असामान्य लेवल (Abnormal cholesterol levels)

    हाय डेंसिटी लिपोप्रोटीन और हाय डेंसिटी लिपोप्रोटीन ऐसे फैक्टर्स हैं जो सीएडी के लिए गंभीर जोखिम बन सकते हैं। एलडीएल को बैड कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल को गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। एलडीएल का हाय लेवल और एचडीएल का लो लेवल आर्टरीज में प्लाक बनने के रिस्क को बढ़ाते हैं। जब इनमें से कोई एक उच्च ट्राइग्लिसराइड स्तर के साथ होता है तो अतिरिक्त जोखिम बढ़ जाता है।

    डॉक्टर रक्तप्रवाह में विभिन्न कोलेस्ट्रॉल स्तरों की जांच कर पाएंगे कि वे बहुत अधिक हैं या कम। यदि आपके किसी भी प्रकार के कोलेस्ट्रॉल स्तर की असामान्यता पाई जाती है, तो डॉक्टर एक प्रभावी ट्रीटमेंट प्लान बताएंगे जिसे फॉलो करना होगा। जिससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को सामान्य किया जा सकता है।

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    हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)

    ब्लड प्रेशर ब्लड वेसल्स पर पड़ने वाले उस प्रेशर का मेजरमेंट है जो हार्ट के पपिंग और रेस्टिंग के समय ब्लड के सर्कुलेशन से उत्पन्न होता है। समय के साथ हाय ब्लड प्रेशर या हायपरटेंशन हार्ट मसल्स के इनलार्ज होने या ठीक से काम ना करने का कारण बनता है। ब्लड प्रेशर को लगातार 120/80 mmHg से नीचे रखने का लक्ष्य रखना चाहिए। सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर ऊपर और डायस्टोलिक रक्तचाप नीचे की संख्या है।

    स्टेज 1 हाय ब्लडप्रेशर को 130 mmHg से अधिक सिस्टोलिक ब्लडप्रेशर और 80 mmHg से अधिक डायस्टोलिक ब्लडप्रेशर या दोनों के रूप में परिभाषित किया गया है।

    शारीरिक रूप से निश्क्रिय रहना (Physical inactivity)

    यह कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स में से एक ऐसा रिस्क फैक्टर है जिसे बेहद आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसके लिए बस थोड़ी सी एक्सरसाइज या वॉकिंग को अपने रूटीन का हिस्सा बना लें। यह सीएडी के दूसरे रिस्क फैक्टर्स को कम करने में भी आपकी मदद करेगा। जैसे ब्लड को कम करने में, कोलेस्ट्रॉल को कम करने में और हार्ट मसल्स को स्ट्रेंथ प्रदान करने में। एक्सरसाइज और फिजिकल एक्टिविटीज हेल्दी वेट को मेंटेन रखने में मददगार होती हैं।

    अधिक वजन या मोटापा होना (Overweight and obesity)

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स

    अधिक वजन या मोटापा होने से सीएडी का खतरा नाटकीय रूप से बढ़ जाता है। बहुत अधिक वजन होना अक्सर उच्च रक्तचाप या डायबिटीज मेलिटस से जुड़ा होता है। यह सीधे अनहेल्दी डायट और शारीरिक गतिविधि ना करने से संबंधित है।

    अधिक वजन या मोटापा आमतौर पर बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) के संदर्भ में परिभाषित किया जाता है। बीएमआई, हाइट और वजन के आधार पर निकला जाता है 18.5 और 24.9 के बीच रहना चाहिए। 25 या उससे अधिक का बीएमआई, खासकर यदि आपके मध्य भाग के आसपास अधिक वजन है, तो आपके सीएडी का खतरा बढ़ जाता है।

    डायबिटीज मेलिटस (Diabetes mellitus)

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स में डायबिटी मेलिटस भी शामिल है। डायबिटीज मेलिटस एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है या पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है। इससे रक्तप्रवाह में बहुत अधिक ग्लूकोज हो जाता है। सीएडी के लिए अन्य जोखिम कारक अक्सर टाइप 2 डायबिटीज के साथ होते हैं, जिनमें मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रॉल शामिल हैं।

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    कोरोनरी आर्टरी डिजीज के इन रिस्क फैक्टर्स के बारे में जान लें (Contributing risk factors)

    इन रिस्क फैक्टर्स के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं होती है, लेकिन बता दें कि कुछ व्यवहार हृदय रोग के लिए आपके जोखिम को बढ़ा सकते हैं, भले ही उन्हें पारंपरिक जोखिम कारकों के रूप में वर्गीकृत न किया गया हो। उदाहरण के लिए, कुछ कानूनी और अवैध दवाओं के लगातार उपयोग से उच्च रक्तचाप हो सकता है और दिल की विफलता, दिल का दौरा या स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। कोकीन और एम्फेटिन के उपयोग से हृदय रोग विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

    भारी शराब के सेवन से हृदय रोग का खतरा भी बढ़ जाता है। यदि आप भारी मात्रा में पीते हैं या दवाओं का उपयोग करते हैं, तो संभावित खतरनाक स्वास्थ्य जटिलताओं से बचने के लिए उपचार या डिटॉक्स कार्यक्रमों के बारे में अपने डॉक्टर या मानसिक चिकित्सक से बात करने पर विचार करें।

    उम्मीद करते हैं कि आपको कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

     

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