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कोरोनरी आर्टरी प्लाक बन सकता है हार्ट अटैक की वजह, समय पर उपचार है जरूरी!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/12/2021

    कोरोनरी आर्टरी प्लाक बन सकता है हार्ट अटैक की वजह, समय पर उपचार है जरूरी!

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) को सीएडी (CAD) भी कहा जाता है। यह समस्या आर्टरीज में प्लाक के बनने के कारण होती है। आर्टरीज हार्ट को ऑक्सीजन रिच ब्लड की सप्लाई करती हैं। कोरोनरी आर्टरी प्लाक के कारण आर्टरीज तंग या ब्लॉक हो सकती हैं, जिसके कारण हार्ट अटैक जैसी समस्या का जोखिम बढ़ जाता है। इसके लक्षणों में छाती में दर्द, सांस लेने में समस्या आदि शामिल है। इसका उपचार लाइफस्टाइल में बदलाव और दवाईयां आदि से संभव है। आज हम बात करने वाले हैं कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) के बारे में, लेकिन कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) से पहले कोरोनरी आर्टरीज के बारे में जाने लेते हैं।

    कोरोनरी आर्टरी (Coronary Artery) क्या है? 

    कोरोनरी आर्टरी वो ब्लड वेसल्स हैं जो हार्ट मसल्स तक ऑक्सीजन युक्त ब्लड सप्लाई करते हैं ताकि हार्ट अच्छे से काम कर सके। यह कोरोनरी आर्टरीज सीधे हार्ट मसल्स के ऊपर होती हैं। चार मुख्य कोरोनरी आर्टरीज इस प्रकार हैं:

    यह तो थी कोरोनरी आर्टरीज के बारे में जानकारी। अब जानते हैं कि प्लाक के कारण होने वाली कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) में आर्टरीज पर क्या प्रभाव पड़ता है?

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    कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery disease) में आर्टरीज पर क्या असर होता है?

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease)  का कारण एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) को माना जाता है। एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) आर्टरीज में प्लाक के बिल्डअप को कहते हैं। प्लाक में कोलेस्ट्रॉल, फैटी सब्सटांस, वेस्ट प्रोडक्ट्स, कैल्शियम और क्लॉट बनाने वाले सब्सटांस फेब्रिन (Fibrin) होते हैं। जब यह प्लाक हमारे आर्टरी वाल्स पर जमा होते रहते हैं तो आर्टरीज तंग और सख्त हो जाती है। यही नहीं, प्लाक के कारण आर्टरीज डैमेज भी हो सकती है। जिसके कारण हार्ट मसल्स तक ब्लड फ्लो सीमित हो जाता है या रुक जाता है। अगर हमारा हार्ट पर्याप्त ब्लड प्राप्त नहीं कर पाता है, तो उसे ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स भी नहीं मिल पाते हैं।  जो उसे सही से काम करने के लिए चाहिए होते हैं। इस स्थिति को इस्किमिया (Ischemia) कहा जाता है।

    हार्ट मसल्स तक पर्याप्त ब्लड सप्लाई न हो पाने के कारण छाती में दर्द या अन्य कई समस्याएं हो सकती हैं। कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) के कारण हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ सकता है। अब जानते हैं कि कोरोनरी आर्टरी में प्लाक बिल्डअप कैसे होता है?

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    कोरोनरी आर्टरी (Coronary Artery) में प्लाक कैसे बनता है?

    कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease)  किसी को भी हो सकती हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर तब शुरू होती है जब हमारी उम्र कम होती है। टीनएज से पहले, हमारी ब्लड वेसल वॉल्स (Blood Vessel Walls) में फैट का जमा होना शुरू हो सकता है। कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) जैसे ही आर्टरी की वॉल्स के अंदर जाना होना शुरू होता है। वैसे ही हमारा शरीर कोलेस्ट्रॉल पर अटैक करने के लिए व्हाइट ब्लड सेल्स को भेजता है ताकि शरीर ऑनगोइंग प्रोसेस के खिलाफ लड़ सके। लेकिन, इस अटैक के कारण सूजन हो सकती है। यही नहीं, इसकी वजह से आर्टरी वॉल में अन्य सेल्स प्लाक के ऊपर एक सॉफ्ट कैप बन सकती है। कई कारकों जैसे ब्लड प्रेशर आदि के कारण प्लाक के ऊपर की यह कैप टूट सकती है।

    प्लेटलेट्स नामक ब्लड सेल फ़्रैगमेन्ट्स  “चोट” की जगह पर चिपक जाते हैं, जिससे क्लॉट बन जाता है। क्लॉट भी आर्टरीज को तंग करते हैं। कई बार यह ब्लड क्लॉट्स (Blood Clots) खुद टूट जाते हैं। यह क्लॉट आर्टरी में ब्लड फ्लो को ब्लॉक करने का कारण भी बनते हैं। इसे आप इस समस्या का कारण भी मान सकते हैं। शरीर में अन्य संक्रमण भी सी-रिएक्टिव प्रोटीन (C-Reactive Protein) और फाइब्रोनेक्टिन (Fibronectin) की वैल्यू में वृद्धि करते हैं, जो कोरोनरी आर्टरी डिजीज के बढ़ते जोखिम से जुड़े होते हैं। अब जानते हैं कि कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) के कारण कोरोनरी आर्टरी डिजीज  (Coronary Artery Disease)  की समस्या किन लोगों को अधिक होने की संभावना रहती है:

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    कोरोनरी आर्टरी प्लाक के कारण कोरोनरी आर्टरी डिजीज के रिस्क फैक्टर्स (Coronary Artery Plaque Disease Risk Factors)

    हालांकि प्लाक के जमा होने के कारण कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease)  किसी को भी हो सकती है। लेकिन, कुछ लोगों और स्थितियों में यह संभावना बहुत अधिक होती है। यह स्थितियां इस प्रकार हैं:

    • हाय कोलेस्ट्रॉल लेवल (Have high cholesterol level)
    • हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
    • हार्ट डिजीज की फॅमिली हिस्ट्री होना (Family history of Heart Disease)
    • डायबिटीज (Diabetes)
    • अगर आप स्मोकिंग करते हैं (Smoking)
    • 45 साल से अधिक उम्र के पुरुष और पोस्ट-मेनोपॉज़ल महिलाएं (Man over 45 years of age or post-menopausal woman)
    • अधिक वजन (Overweight)
    • अगर आप फिजिकली इनएक्टिव हों (Physically inactive)

    अगर आपको यह समस्या होने की संभावना अधिक हो तो आपको तुरंत अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। अब जानते हैं कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) के कारण होने वाली डिजीज के लक्षणों के बारे में।

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    कोरोनरी आर्टरी प्लाक के लक्षण (Coronary Artery Plaque Disease Symptoms)

    कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) के कारण होने वाली डिजीज के लक्षण कई लोगों में सालों तक नजर नहीं आते हैं। जब तक यह लक्षण नजर नहीं आते, तब तक इस समस्या की पहचान करना भी मुश्किल हो सकती है। आर्टरीज में प्लाक बनने में महीनों से कई साल तक लग सकते हैं। लेकिन, क्योंकि इसके कारण आर्टरीज तंग हो जाती हैं। तो ऐसे में रोगी इसके माइल्ड लक्षण नोटिस कर सकता है, जिससे यह लगता है कि हार्ट को शरीर में ऑक्सीजन युक्त ब्लड (Oxygen Rich Blood) को पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ रही है। इसका सबसे सामान्य लक्षण है छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होना। खासतौर पर जब आप कोई फिजिकल एक्टिविटी करते हैं। कई बार रोगी इस डिजीज के बारे में तब तक नहीं जान पाते हैं तब तक उन्हें हार्ट अटैक न हो। हार्ट अटैक के लक्षण इस प्रकार हैं:

    • छाती में समस्या जैसे कसाव, प्रेशर, दर्द, सुन्न होना आदि (Chest problems)
    • थकावट महसूस होना (Feeling tired)
    • चक्कर आना (Dizziness)
    • मतली (Nausea)
    • कमजोरी (Weakness)

    महिलाओं में इसके लक्षण कुछ अलग हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं :

    • कंधों गर्दन, पेट और पीठ में दर्द (Pain in Shoulders, neck, abdomen or back)
    • हार्टबर्न या अपच (Indigestion or heartburn)
    • एंग्जायटी (Anxiety)
    • ठंडे पसीने आना (Cold sweat)

    इसके अलावा भी कुछ अन्य लक्षण नजर आ सकते हैं लेकिन इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस स्थिति में तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है। अब जानते हैं कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) डिजीज के निदान के बारे में ।

    कोरोनरी आर्टरी प्लाक

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    कोरोनरी आर्टरी प्लाक से जुड़ी समस्याओं का निदान किस तरह से संभव है? (Coronary Artery Plaque Disease Diagnosis)

    कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) के कारण होने वाली डिजीज के निदान के लिए सबसे पहले डॉक्टर रोगी से उसके लक्षणों के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही आपको मेडिकल हिस्ट्री और फॅमिली हिस्ट्री के बारे में भी जाना जाएगा। आपको शारीरिक जांच भी की जाती है। इसके अलावा डॉक्टर रोगी को यह टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं।

  • एलेक्ट्रोकार्डियोग्राफ टेस्ट्स (Electrocardiograph tests): यह टेस्ट हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड करता है। इससेहार्ट अटैक (Heart Attack), हार्ट रिदम इश्यूज (Heart Rhythm) आदि का निदान हो सकता है।
  • एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट्स (Exercise stress tests): यह एक ट्रेडमिल टेस्ट है जिससे यह जाना जाता है कि जब आप व्यायाम या अधिक शारीरिक गतिवितियों को करते हैं। तो आपका हार्ट कैसे काम करता है। इसके साथ ही इससे कोरोनरी ब्लॉकेज और एंजाइना (Angina) का निदान भी हो सकता है।
  • कोरोनरी कैल्शियम स्कैन (Coronary calcium scan): यह टेस्ट कोरोनरी आर्टरीज की वॉल्स में कैल्शियम की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है, जो एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) का संकेत है।
  • इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram): इस टेस्ट में साउंड वेव्ज (Sound Waves) का प्रयोग किया जाता है, ताकि जाना जा सके कि हार्ट का स्ट्रक्चर कितनी अच्छी तरह से काम कर रहा है। इसके साथ ही हार्ट के ओवरआल फंक्शन के बारे में भी जाना जा सकता है। 
  • ब्लड टेस्ट्स (Blood tests): आर्टरीज को प्रभावित करने वाले कई फैक्टर्स के बारे में जानने के लिए ब्लड टेस्ट्स कराये जा सकते हैं जैसेट्राइग्लिसराइड्स (Triglycerides), कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) , लिपोप्रोटीन (Lipoprotein), ग्लूकोज आदि।
  • कार्डिएक कैथेटेराइजेशन (Cardiac catheterization): कार्डिएक कैथेटेराइजेशन में स्मॉल ट्यूब्स को हार्ट के ब्लड वेसल्स में इंसर्ट किया जाता है ताकि हार्ट की समस्याओं के बारे में जाना जा सके। जिसमें कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) के कारण होने वाली डिजीज भी शामिल हैं।
  • अन्य टेस्ट्स (Other Tests)

    इसके अलावा डॉक्टर कुछ अन्य डायग्नोस्टिक इमेजिंग (diagnostic imaging ) टेस्ट्स की सलाह भी दे सकते हैं। जो इस प्रकार हैं:

    इन टेस्ट्स के अलावा भी कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) डिजीज के निदान के लिए कुछ अन्य टेस्ट्स कराए जा सकते हैं। अब जानते हैं इन रोगों के उपचार के बारे में।

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    कोरोनरी आर्टरी प्लाक से जुड़ी समस्याओं का उपचार (Coronary Artery Plaque Disease Treatment)

    डॉक्टर आपसे इस समस्या के उपचार के बेहतरीन ट्रीटमेंट के बारे में बात कर सकते हैं। इनसे उन समस्याओं का जोखिम कम हो सकता है जो कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) का कारण बनते हैं। उपचार के तरीकों में लाइफस्टाइल में बदलाव, दवाईयां और सर्जरी आदि शामिल हैं। जानते हैं इनके बारे में विस्तार से :

    लाइफस्टाइल में बदलाव (Change in Lifestyle)

    अगर आप हार्ट डिजीज या किसी भी अन्य समस्या से बचना चाहते हैं। तो सबसे जरूरी है अपनी जीवनशैली में बदलाव करना और स्वस्थ रहना। इसके लिए आप इन उपायों को अपना सकते हैं 

    • अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो उसे छोड़ दें। 
    • हेल्दी आहार का सेवन करें। प्रोसेस्ड फ़ूड को कम खाएं। आपके आहार में फैट्स, नमक और शुगर की मात्रा कम होनी चाहिए।
    • अगर आपको डायबिटीज है, तो अपनी ब्लड शुगर को कंट्रोल करें। 
    • नियमित रूप से व्यायाम करें। 
    • तनाव से बचें। 

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    दवाईयां (Medications)

    अगर जीवनशैली में बदलाव पर्याप्त न हो, तो आपको मेडिकेशन की सलाह दी जा सकती है। यह ड्रग्स रोगी की स्थिति पर निर्भर करती हैं। अगर आपको कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) से जुड़ी समस्या है, तो आपको इन दवाईयों की सलाह दी जा सकती है, जैसे :

    • एस्पिरिन (Aspirin)
    • कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही रखने के लिए दवाईयां जैसे स्टेटिंस (Statins), फायब्रेटस (Fibrates) और बाइल एसिड (Bile acid) आदि 
    • बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers)
    • कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers)
    • रैनोलाजीन (Ranolazine)
    • नाइट्रोग्लिसरीन (Nitroglycerin)
    • ACE इन्हिबिटर्स (ACE inhibitors)
    • एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin II receptor blockers)

    कार्डियोवैस्क्युलर डिजीज से पीड़ित लोगों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए एवोलोक्यूमेब (Evolocumab) भी दी जा सकती है, जिसे ब्रांड नेम रेपाथा (Repatha) से भी जाना जाता है।

    सर्जरी और अन्य प्रक्रियाएं (Surgery and other procedures)

    दवाईयों और जीवनशैली में बदलाव के अलावा कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) डिजीज के ट्रीटमेंट के लिए कुछ सर्जरीज की सलाह भी दी जा सकती है, जो इस प्रकार हैं:

    • बैलून एंजियोप्लास्टी (Balloon angioplasty)
    • कोरोनरी आर्टरी बाईपास सर्जरी (Coronary artery bypass surgery)
    • स्टेंट प्लेसमेंट (Stent placement)
    • प्लाक रिमूव करने के लिए एथेरेक्टॉमी (Atherectomy for Plaque Removal)

    यह सभी उपचार हार्ट में ब्लड सप्लाई को सही बनाए रखने के लिए अपनाएं जाते हैं, लेकिन इनसे कोरोनरी हार्ट डिजीज (Coronary Heart Disease) का उपचार संभव नहीं है। इसके बारे में अधिक जानने के लिए आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।

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    सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार अगर आप को कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) संबंधी डिजीज है, तो आपको कुछ खास चीजों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि हार्ट अटैक का जोखिम कम हो और हार्ट डिजीज के बदतर होने की स्थिति से भी बचा जा सके। अगर आप हार्ट डिजीज (Heart Disease) या किसी भी हेल्थ कंडिशन से बचना चाहते हैं तो सबसे जरुरी है अपनी जीवनशैली में सही बदलाव करना जैसे हेल्दी आहार का सेवन, व्यायाम करना, सही वजन मैंटेन करना, स्मोकिंग न करना, एल्कोहॉल का सेवन न करना, पर्याप्त आराम करना आदि।

    कोरोनरी हार्ट डिजीज के रिस्क फैक्टर्स के उपचार के लिए भी सही दवाईयों का सेवन करना आवश्यक है। यह रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol), हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) या असामान्य हार्टबीट (Irregular Heartbeat)। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह और नियमित जांच भी जरुरी है। उम्मीद करते हैं कि आपको कोरोनरी आर्टरी प्लाक (Coronary Artery Plaque) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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