हायपरटेंशन में ACE इन्हिबिटर्स (ACE Inhibitors in Hypertension)
हायपरटेंशन के उपचार के लिए कई ACE इन्हिबिटर्स (ACE Inhibitors) की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं। रोगी के लिए कौन सी दवा अधिक बेहतर है, ये बात इस चीज पर निर्भर करती है कि रोगी का स्वास्थ्य कैसा है? हालांकि, रोगी को इस स्थिति में कौन सी दवा देनी चाहिए इस बात को निर्धारित करने के लिए डॉक्टर अन्य कई फैक्टर्स का भी ध्यान रखते हैं। हायपरटेंशन में ACE इन्हिबिटर्स (ACE Inhibitors in Hypertension) के उदाहरण इस प्रकार हैं:
एनेलाप्रिल (Enalapril)
हायपरटेंशन में ACE इन्हिबिटर्स (ACE Inhibitors in Hypertension) में से पहला नाम है एनेलाप्रिल। एनेलाप्रिल के ब्रांड नेम्स एपेनेड (Epaned) और वेसोटेक (Vasotec) हैं। यह एक ऐसी दवा है जिसका प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर यानी हायपरटेंशन के उपचार के लिए किया जाता है। ACE शरीर में पाया जाने वाला वो एंजाइम है, जो एंजियोटेंसिन II को बनने का कारण बनता है। एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) की वजह से शरीर में आर्टरीज तंग हो जाती हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। इस दवा का प्रयोग कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure) की स्थिति में भी किया जाता है। यह वो डिसऑर्डर है जिसमें हार्ट की खून पंप करने की क्षमता कम हो जाती है।
अगर आप गर्भवती हैं तो इस मेडिसिन का सेवन करने से बचें। क्योंकि, यह दवा भ्रूण के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। इसके साइड-इफेक्ट्स में चक्कर आना, हार्टबीट का स्लो होना, मूत्र त्याग में समस्या, पीलिया, हाथों या पैरों का सुन्न होना, ब्लीडिंग आदि शामिल हैं।
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काप्टोप्रिल (captopril)
हायपरटेंशन में ACE इन्हिबिटर्स में काप्टोप्रिल को इसके ब्रांड नेम कैपोटेन (Capoten) से भी जाना जाता है। यह एक ओरल ड्रग है और उन ड्रग्स की क्लास से संबंधित हैं जिन्हें एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम (Angiotensin converting enzyme) इन्हिबिटर्स कहा जाता है। ACE इन्हिबिटर्स का प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर, हार्ट फेलियर के उपचार और हाय ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के कारण होने वाले किडनी फेलियर से बचाव के लिए किया जा सकता है। इस दवा को तभी लेना चाहिए अगर डॉक्टर ने इसे लेने के लिए कहा हो। यही नहीं, डॉक्टर के बताए अनुसार ही इसका सेवन करना चाहिए। अपनी मर्जी से अधिक या कम डोज लेने से रोगी की स्थिति बदतर हो सकती है।
अधिकतर मरीजों में इस दवा के साइड इफेक्ट्स माइल्ड होते हैं। इस दवा को लेने से कई रोगी ड्राय और लगातार खांसी की समस्या महसूस कर सकते हैं। इसके साथ ही कई रोगी पेट में दर्द, कब्ज, रैशेज, थकावट, सिरदर्द, भूख में कमी, उलटी आना आदि साइड-इफेक्ट्स की शिकायत भी कर सकते हैं।

लिसिनोप्रिल (Lisinopril)
हायपरटेंशन में ACE इन्हिबिटर्स (ACE Inhibitors in Hypertension) में अगला है लिसिनोप्रिल (Lisinopril)। इसे प्रिनिविल(Prinivil) और क्यूब्रेलेस (Qbrelis) जैसे ब्रांड नेम्स से भी जाना जाता है। इस एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम (angiotensin-converting enzyme) इन्हीबिटर का प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर यानी हायपरटेंशन के अलावा हार्ट फेलियर और किडनी फेलियर से बचने के लिए भी किया जाता है। यह दवाइयां उन लोगों में बेहद प्रभावी हो सकती हैं, जिन्हें कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure) की समस्या है। बिना डॉक्टर की सलाह के इन्हें लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
यही नहीं, इन्हें लेने से कई दुष्प्रभाव भी नजर आ सकते हैं जैसे सिरदर्द, जी मचलना, एंग्जायटी, नींद में समस्या, सेक्शुअल डिसफंक्शन, नेजल कंजेशन आदि। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आते हैं, तो इस मेडिसिन को लेना बंद कर दें और मेडिकल हेल्प लें।
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रैमीप्रील (Ramipril)
इस ACE इन्हीबिटर को आल्टेस (Altace) के ब्रांड नेम से भी जाना जाता है। जैसा की आप जानते ही हैं हायपरटेंशन में ACE इन्हिबिटर्स (ACE Inhibitors in Hypertension) का प्रयोग किया जाता है। उन्हीं इन्हिबिटर्स में से एक है रैमीप्रील। इसके अलावा इस दवा को हार्ट फेलियर और किडनी फेलियर में भी लेने की सलाह दी जा सकती है। इस को वैसे ही लेना चाहिए जैसे डॉक्टर ने बताया हो। क्योंकि, बिना डॉक्टर की सलाह या बताई डोज से अधिक न कम मात्रा में इसे लेने से रोगी के स्वास्थ्य पर असर हो सकता है। यही नहीं, इन्हें लेने से आप कुछ साइड इफेक्ट्स को भी महसूस कर सकते हैं जैसे सिरदर्द, खांसी, कमजोरी, बुखार, ठंड लगना, मूत्र त्याग में समस्या आदि।
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ट्रांडोलप्रिल (Trandolapril)
हायपरटेंशन में ACE इन्हिबिटर्स में ट्रांडोलप्रिल (Trandolapril) का उपयोग भी किया जा सकता है। इसका ब्रांड नेम माविक (Mavik) है। यह मेडिसिन एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) को ब्लॉक करती है। एंजियोटेंसिन II वो केमिकल सब्सटांस है, जिसे हमारा शरीर बनाता है। यह आर्टरीज और वेन्स को तंग करने का काम करता है। जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। ब्लड प्रेशर के बढ़ने पर हार्ट अटैक, स्ट्रोक या अन्य हार्ट डिजीज का जोखिम अधिक हो सकता है। इस दवा को लेने से कई लोग सिरदर्द, खांसी, डायरिया, थकावट, जी मचलना, सेक्शुअल डिसफंक्शन जैसी परेशानियों का अनुभव कर सकते हैं।
ट्रांडोलप्रिल के प्रयोग से वाइट ब्लड सेल काउंट लो हो सकता है जिससे इन्फेक्शन की संभावना बढ़ सकती है। हम बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी ACE इन्हिबिटर्स (ACE Inhibitors) को लेने की सलाह नहीं देते हैं। अपनी मर्जी से इन्हें लेने से रोगी की स्थिति बदतर हो सकती है। इन्हें तभी लें अगर डॉक्टर ने उन्हें लेने की राय दी हो। इसे लेने से लोग कुछ अन्य साइड इफेक्ट्स भी अनुभव कर सकते हैं। जानिए इनके दुष्प्रभावों के बारे में।