अगर किसी व्यक्ति को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग (Gastrointestinal Bleeding) की समस्या होती है, तो रोगी को एंडोस्कोपिक टेस्ट (Endoscopic Test) से गुजरना पड़ सकता है। इस टेस्ट पतले और फ्लेक्सिबल डिवाइस का प्रयोग किया जाता है। जिसके एक सिरे पर कैमरा होता है ताकि डॉक्टर इंटरनल ऑर्गन्स को देख सकें।
पोर्टल वेन ब्लड प्रेशर को कैथेटर को इन्सर्ट कर के भी जांचा जा सकता है। जो ब्लड प्रेशर मॉनिटर (Blood Pressure Monitor) के साथ फिट होता है। इसे लिवर में वेंन में इन्सर्ट किया जाता है और मेज़रमेंट लिया जाता है। अब जानते हैं इस बीमारी के उपचार के बारे में।
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पोर्टल हायपरटेंशन का उपचार कैसे संभव है? (Treatment of Portal Hypertension)
पोर्टल हायपरटेंशन के प्रभावों को सही डायट (Right Diet), दवाइयों (Medications) , एंडोस्कोपिक थेरेपी (Endoscopic Therapy), सर्जरी (Surgery) या रेडियोलॉजी (Radiology) के माध्यम से मैनेज किया जा सकता है। एक बार जब ब्लीडिंग एपिसोड स्टेब्लाइज्ड हो जाता है, तो रोगी में लक्षणों की गंभीरता और लिवर कितने अच्छे तरीके से काम कर रहा है, इन के अनुसार ट्रीटमेंट विकल्पों की सलाह दी जा सकती है। जानिए इसके बारे में विस्तार से:
ट्रीटमेंट का पहला लेवल (First Level of Treatment)
अगर कोई व्यक्ति में वेरेसियल ब्लीडिंग (Variceal Bleeding) का निदान होता है, जो इस समस्या का एक लक्षण है। तो उसका उपचार एंडोस्कोपिक थेरेपी (Endoscopic Therapy) या दवाइयों से किया जा सकता है। इसके साथ ही रोगी के लिए खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव भी जरूरी है।
एंडोस्कोपिक थेरेपी (Endoscopic Therapy)
एंडोस्कोपिक थेरेपी में स्क्लेरोथेरेपी (Sclerotherapy) या बैंडिंग (Banding) शामिल है। स्क्लेरोथेरेपी वो प्रोसीजर है जिसमे एक सलूशन को ब्लीडिंग वेरिसिस में इंजेक्ट किया जाता है, ताकि ब्लीडिंग के जोखिम को कंट्रोल किया जा सके। बेन्डिंग वो प्रक्रिया है, जिसमें डॉक्टर रबर बैंड्स का प्रयोग करते हैं, ताकि हर एक वैरिक्स (Varix) जो एन्लार्जड वैन्स होती हैं, से ब्लड सप्लाई को ब्लॉक किया जा सके।
दवाइयां (Medication)
- दवाइयां जैसे बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers) या नाइट्रेट्स (Nitrates ) को अकेले या अन्य दवाइयों के साथ कॉम्बिनेशन में या एंडोस्कोपिक थेरेपी के साथ दिया जा सकता है। ताकि वेरिक्स में दबाव को कम किया जा सके और रीकरंट ब्लीडिंग का जोखिम कम हो सके।
- इसके साथ ही अन्य दवाइयों जैसे प्रोप्रानोलोल (Propranolol) और आइसोसोरबाइड (Isosorbide) पोर्टल वैन्स में प्रेशर को कम करने और रीकरंट ब्लीडिंग का जोखिम कम करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- ड्रग लैकट्यूलोज (Drug Lactulose) का प्रयोग एन्सेफैलोपैथी (Encephalopathy) से जुड़े भ्रम और अन्य मेंटल बदलावों के उपचार के लिए प्रयोग की जाती है। इस दवा में रोगी में बोवेल मूवमेंट को बढ़ाने की क्षमता होती है।
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लाइफस्टाइल में बदलाव (Lifestyle Changes)
सही न्यूट्रिशनल हैबिट्स को मेंटेन करके और हेल्दी लाइफस्टाइल को बनाए रखने से लिवर फंक्शन को सही से काम करने में मदद मिल सकती है जिससे पोर्टल हायपरटेंशन (Portal Hypertension) का जोखिम कम हो सकता है। इन तरीकों को अपनाकर आप लिवर के फंक्शन को सुधार सकते हैं।
- डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी दवा का सेवन न करें। क्योंकि, कुछ दवाइयां लिवर डिजीज को बदतर बना सकती हैं और रोगी द्वारा ली जाने वाली प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन के सकारात्मक प्रभावों में हस्तक्षेप कर सकती हैं।
- डॉक्टर के बताए अनुसार ही आहार का सेवन करें। अपने आहार में सोडियम यानी नमक का कम सेवन करें। एक डायटिशन आपका आपकी सही डायट के बारे में सही मार्गदर्शन कर सकते हैं।
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ट्रीटमेंट का सेकंड लेवल (Second Level of Treatment)
अगर ट्रीटमेंट के पहले लेवल में वेरेसियल ब्लीडिंग (variceal Bleeding) कंट्रोल नहीं होती है, तो इन नसों में दबाव को कम करने के लिए इन में से एक डीकंप्रेशन प्रक्रिया (Decompression Procedures) की आवश्यकता हो सकती है:
- ट्रांसजुगुलर इंट्राहेपेटिक पोर्टोसिस्टमिक शंट (Transjugular Intrahepatic Portosystemic Shunt ): इस प्रक्रिया को TIPS के नाम से जाना जाता है। जो एक रेडियोलॉजिकल प्रक्रिया है। जिसमे स्टेंट जो एक ट्यूबूलर डिवाइस है,को लीवर के बीच में प्लेस किया जाता है।
- डिस्टल स्प्लेनोरेनल शंट (Distal Splenorenal Shunt) : डिस्टल स्प्लेनोरेनल शंट को DSRS भी कहा जाता है। यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जो स्प्लेनिक वेंन (Splenic vain) को लेफ्ट किडनी से जोड़ती है। ताकि वेरेसेस में प्रेशर को कम किया जा सके और ब्लीडिंग को कंट्रोल किया जा सके।
पोर्टल हायपरटेंशन के उपचार के लिए अन्य प्रक्रियाएं कौन सी हैं?
पोर्टल हायपरटेंशन (Portal Hypertension) के उपचार कुछ अन्य प्रोसेसेज का प्रयोग भी किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं:
- एन्ड-स्टेज लिवर डिजीज की स्थिति में लिवर ट्रांसप्लांट (Liver transplant)
- ब्लीडिंग वेरेसिस (Bleeding varices) को रिमूव करने के लिए एक सर्जिकल प्रोसेस अपनाया जाता है जिसे निर्वाहिकाकरण (Devascularization) कहा जाता है।
- पेट में तरल पदार्थ के जमा होने को कई बार सीधे तौर पर रिमूव कर दिया जाता है इस प्रक्रिया को पैरासेन्टेसिस (Paracentesis) कहा जाता है।
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यह तो थी पोर्टल हायपरटेंशन (Portal Hypertension) के बारे में पूरी जानकारी। पोर्टल हायपरटेंशन लिवर हेल्थ में गिरावट के कारण होता है, लेकिन अगर रोगी स्वस्थ जीवनशैली विकल्पों का पालन करता है, तो वो पूरी तरह से रिकवर हो सकता है। इसके लिए रोगी का हेल्दी डायट लेना, सीमित मात्रा में शराब का सेवन, पर्याप्त नींद लेना, रोजाना व्यायाम, तनाव से बचाव आदि शामिल हैं। इसके साथ ही डॉक्टर द्वारा बताई दवाइयों का सेवन और डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करना भी अनिवार्य है। ताकि रोगी बिना किसी समस्या के क्वालिटी लाइफ जी सके।