बार-बार होने वाली पेट में जलन की समस्या को गर्ड (एसिड भाटा रोग या GERD) कहा जाता है।
- हमारे अनियमित खान पान के कारण पेट में जलन हो सकती है।
- गर्भावस्था में भी एसिड रिफ्लक्स हो जाता है और अधिक खाने की वजह से भी पेट में जलन हो सकती है।
- अधिक तले हुऐ खाद्य पदार्थ भी पेट में जलन का कारण बन सकते हैं। वसा भोजन को आंतों तक जाने की गति को धीमा कर देती है। इससे पेट में अम्ल बनने लगता है और पेट में जलन हो जाती है।
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पेट में जलन होने के क्या लक्षण हैं?
- सीने या छाती में जलन और दर्द
- गले में लंबे समय से दर्द।
- निगलने में कठिनाई या दर्द।
- छाती या ऊपरी पेट में दर्द।
- ब्लैक स्टूल (काली पॉटी) या स्टूल में खून आना।
- लगातार हिचकी आना।
- बिना किसी कारण के वजन घटना।
- मुंह में खट्टा पानी आना
- उल्टी होना
- गले में जलन
- स्वाद खराब
- अपच
- कब्ज
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पेट में जलन का घरेलू इलाज क्या है?
पानी
रोजाना सुबह उठकर खाली पेट 2-3 ग्लास पानी पीने से भी इस समस्या को दूर रखा जा सकता हैं। सुबह खाली पेट पानी पीने के वैसे भी बहुत से फायदे हैं। यह शरीर में एसिड के स्तर को संतुलित रखता है साथ ही साथ पाचन क्रिया को भी सुधारता है।
तुलसी का पत्ता
तुलसी के एंटीबॉयोटिक गुण पेट में जलन से तुरंत राहत दिला सकते हैं। गैस की शुरुआत में ही अगर तुलसी के 4-5 पत्ते चबा लिए जाएं तो गैस की समस्या से तुरंत छुटकारा पाया जा सकता है। आप चाहें तो इन 4-5 पत्तों को एक कप पानी में उबालकर वह पानी भी पी सकते हैं। यह सबसे बढ़िया घरेलू उपचारों में से एक है।
पुदीना
पुदीना पेट में जलन को रोकने और खत्म करने में बेहद लाभदायक है। पेट में जलन को रोकने के लिए प्रसिद्ध ‘पुदीन हरा’ जैसी दवाइयां भी यही दावा करती हैं कि वे पुदीने के अर्क से बनी हैं। दरअसल पुदीना पेट में जलन पैदा करने वाले एसिड को सोख लेता है। इसके साथ यह पेट की गर्मी को भी शांत करता है । पेट में जलन होने पर पुदीने की कुछ पत्तियों को पानी में डालकर उबाल लें और दिनभर में थोड़ा- थोड़ा कर के इस पानी का इस्तेमाल करें।
गुड़
गुड़ हाजमे के लिए काफी लाभदायक है। यही कारण है कि हमारे बुजुर्ग खाने के बाद गुड़ खाना पसंद किया करते हैं। गुड़ शरीर में जाकर एसिड की मात्रा को कम करता है। जिससे पेट में जलन में राहत मिल सकती है। इसलिए आप भी भोजन के बाद थोड़ा गुड़ (10 से 15 ग्राम) खाने की आदत डाल लें।
सौंफ
पेट में जलन से बचने के लिए कई डॉक्टर खाने के बाद थोड़ी सी सौंफ चबाने की सलाह देते हैं। सौंफ के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल फायदों की वजह से सौंफ की चाय भी पेट में जलन दूर भागाने के लिए एक बेहतर विकल्प है। दरअसल सौंफ के रस में पाए जाने मिनरल्स अपच और पेट फूलने जैसी समस्याओं को दूर करने में सक्षम हैं।