- हड्डी टूटने की वजह से पीठ दर्द
- बढ़ती उम्र के साथ शरीर में झुकाव आना
- झुका हुआ पॉश्चर
- शरीर की हड्डियों का जल्दी टूटना
महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस
महिलाओं में ईस्ट्रोजन हार्मोन की कमी और पुरुषों में एंड्रोजन की कमी, ऑस्टियोपोरोसिस होने का मुख्य कारण होता है। विशेष रूप से 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में यह बीमारी होना आम है। महिलाओं में मेनोपॉज के बाद ईस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है इसी कारण ऑस्टियोपोरोसिस का भी खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कैल्शियम एवं विटामिन डी की कमी, एक्सरसाइज न करना और उम्र बढ़ने पर अंतः स्त्रावी क्रियाओं (endocrine functions) में परिवर्तन के कारण भी यह बीमारी होती है। इसके अलावा थायरॉयड की समस्या, मांसपेशियों का कम इस्तेमाल, हड्डी का कैंसर (bone cancer) और कुछ दवाओं के इस्तेमाल एवं आहार में कैल्शियम की कमी के कारण यह बीमारी होती है।
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ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण
शुरुआत में ऑस्टियोपोरोसिस का कोई विशेष लक्षण नहीं दिखाई देता है लेकिन बाद में हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द, कमर और गर्दन में दर्द होना इस बीमारी के लक्षण हैं। गिरने और यहां तक छींकने पर भी व्यक्ति को हड्डियों में फ्रैक्चर महसूस होता है। जैसे ही इस बीमारी के लक्षण बढ़ने लगते हैं यह बीमारी अधिक गंभीर होने लगती है और दर्द भी बढ़ने लगता है। यह दर्द शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। इसके अलावा कूल्हों, कलाई और रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर होना ऑस्टियोपोरोसिस का मुख्य लक्षण है।
एक्सरसाइज से होने वाले फायदे
- मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाता है
- शरीर का संतुलन बढ़ाता है
- हड्डी के फ्रैक्चर का जोखिम कम करता है
- बैठने और सोने का पॉश्चर ठीक करता है
- दर्द से आराम देता है
ऑस्टियोपोरोसिस में कर सकते हैं ये एक्सरसाइज
- स्ट्रैंथ ट्रेनिंग
- वजन के साथ एरोबिक्स ट्रेनिंग
- फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज
- स्टेबिलिटी और बैलेंसिंग एक्सरसाइज
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ऑस्टियोपोरोसिस में न करें ये एक्सरसाइज
- हाई इंपेक्ट एक्सरसाइज
- बेंडिंग और ट्विस्टिंग
ऑस्टियोपोरोसिस में क्या खाएं
- कैल्शियम
- प्रोटीन
- विटामिन डी
- विटामिन सी
- मैग्नीशियम
- विटामीन के
- जिंक
ऑस्टियोपोरोसिस में क्या ना खाएंः
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ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव
- ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज में मिनरल के नुकसान को रोका जाता है और हड्डियों के घनत्व (Bone Mass) को बढ़ाया जाता है ताकि हड्डियां फ्रैक्चर न हों। इसके अलावा हड्डियों में दर्द को भी कम किया जाता है।
- लगभग 40 प्रतिशत महिलाओं ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियों में फ्रैक्चर का अनुभव करती हैं। ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज का उद्देश्य इन फ्रैक्चर को रोकना होता है।
- युवा वयस्कों (Adult) में ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी होने से बचाने के लिए उन्हें अपने भोजन में कैल्शियम लेने की सलाह दी जाती है। दूध, संतरे के रस और सामन (salmon) मछली में अच्छी मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है
- ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए हर उम्र के लोगों को टहलना, एक्सरसाइज करना, एरोबिक और तैराकी (swimming) के जरिए अपने शरीर के वजन को सामान्य रखना चाहिए।
- हर रोज एक्सरसाइज करने से ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियों में होने वाले फ्रैक्चर से बचा जा सकता है।
- स्टडी में पाया गया है कि एक्सरसाइज करने से हड्डियों और मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जिसके कारण हड्डियों का घनत्व बढ़ता है और ऑस्टियोपोरोसिस से छुटकारा मिलता है।
एक्सरसाइज करने से ऑस्टियोपोरोसिस की परेशानी कम हो सकती है। कुछ एक्सरसाइज मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करते हैं और कुछ आपके शरीर का संतुलन बेहतर करते हैं। व्यायाम और आहार से ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण कम किए जा सकते हैं।