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इसके अलावा बहुत सारी इंजरी है जो खेल के दौरान किसी को भी हो सकती है।
डॉक्टर कैसे करेगा निदान ?
स्पोर्ट्स इंजरी के बाद आपको चोट में तुरंत दर्द या फिर असुविधा महसूस हो सकती है। कुछ लोगों को चोट लगने के कई दिनों बाद तक भी किसी प्रकार की समस्या का एहसास नहीं होता है। लॉन्ग टर्म डैमेज के बाद लोगों को स्पोर्ट्स इंजरी का अहसास हो सकता है। कई बार तो रूटीन चेकअप के दौरान इंजरी की जानकारी मिलती है। अगर आपको लगता है कि आपको स्पोर्ट्स इंजरी है तो डॉक्टर के पास जाएं। डॉक्टर जांच के दौरान कुछ स्टेप फॉलो करेगा। जानते हैं उनके बारे में:
फिजिकिल एक्जामिनेशन (Physical examination)
फिजिकिल एक्जामिनेशन के दौरान डॉक्टर ज्वाइंट को हिलाकर देख सकता है। इस प्रोसेस के दौरान डॉक्टर को ये पता चल जाता है कि पेशेंट का वो हिस्सा मूवमेंट कर रहा है या फिर नहीं। हो सकता है इससे ज्वाइंट में अचानक से दर्द शुरू हो जाए।
मेडिकल हिस्ट्री (Medical history)
इस दौरान डॉक्टर आपसे प्रश्न कर सकता है कि कैसे आपको चोट लग गई और आपको क्या एहसास हो रहा है। साथ ही डॉक्टर आपसे ये जानकारी भी ले सकता है कि क्या आपको पहले से किसी भी प्रकार की बीमारी है या फिर कोई मेडिकल हिस्ट्री है। आपको डॉक्टर को स्पष्ट रूप से सभी बातों का जवाब देना चाहिए।
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इमेंजिंग टेस्ट (Imaging tests)
एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड की हेल्प से डॉक्टर आपकी जांच करेगा। ऐसा करने से स्पोर्ट्स इंजरी को डायग्नोज किया जा सकता है। अगर आपको स्ट्रेन का प्रॉब्लम होगा तो डॉक्टर आपको कुछ स्टेप फॉलो करने की सलाह दे सकता है। डॉक्टर ने जो भी सलाह दी हो, उसे फॉलो करें। साथ ही समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराते रहें।
इंजरी के तुरंत बाद ये करेंः चोट लगने के कुछ ही देर में आपको कुछ चीजें महसूस होने लगेंगी दर्द होने के साथ-साथ चोट वाली जगह पर सूजन और घाव होने की संभावना है। कई बार चोट लगने वाली जगह इस तरह दर्द होता है कि आप उसको हिलाने और छूने में भी डरते हैं।
आराम करेंः
किसी भी इंजरी को ठीक करने के लिए आराम करना जरूरी है। इंजरी के बाद मांसपेशियां कमजोर और दोबारा लगने वाली चोट के लिए सेंसिटिव हो जाती है इसलिए कुछ घंटों का आराम इंजरी को ठीक करने के लिए सबसे असरदार तरीका है। कुछ घंटो के लिए आराम करनें और चलने फिरने से परहेज करने से कोई भी चोट जल्दी ठीक होती है।
बर्फ से सिकाईः
चोट लगने वाली जगह पर बर्फ से सिकाई करें। इंजरी होने के कुछ घंटों के अंदर चोट पर आईस पैक लगाएं, यह खून के प्रवाह को कम करगेा जिससे चोट में होने वाली सूजन कम होगी और दर्द से आराम मिलेगा। कभी भी अपनी त्वचा पर सीधे बर्फ ना लगाएं इसे किसी पतले कपड़े या तौलिये में रखकर ही चोट पर लगाए वरना फ्रॉस्टबाईट होने के खतरा होता है। एक बार में 15-20 मिनट तक आइस लगाएं और फिर त्वचा का तापमान सामान्य होने तक इंतजार करें।
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कंप्रेसः
आपकी चोट के चारों ओर मजबूती से बंधा हुआ एक इलास्टिक बैंड (क्रैप बैंडेज) चोट वाली जगह के आसपास के फ्लूइड के बहाव को रोककर सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। यह चोट वाली जगह को कुछ हद तक स्थिर रखकर दर्द को कम करने में भी मदद कर सकता है। पट्टी पूरी तरह से इंजरी एरिया कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती, लेकिन इसको लगाकर रखने से आपको यह याद रहेगा कि आपको चोट वाली जगह को हिलाना नही है। अगर पट्टी लगाने से झुनझुनी या सुन्नता होती है, तो इसे हटा दें और इसे थोड़ा ढ़ीला करके बांधे। यह इतना ढ़ीला होना चाहिए कि यह आपकी असुविधा का कारण ना बने या आपके खून के फ्लो को ना रोके। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।
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इसके अलावा बहुत सारी इंजरी है जो खेल के दौरान किसी को भी हो सकती है। जब कभी भी स्पोर्ट्स इंजरी हो तो ठीक से आराम करने के अलावा चोट पर ध्यान दें अगर सूजन और दर्द 4-5 दिन के बाद और बढ़ता है तो तुरंत अपने ऑर्थोपैडिक से संपर्क करें।
उपरोक्त जानकारी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। मांसपेशियों में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर हड्डियों के डॉक्टर से तुरंत जांच कराएं। आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा। आर्टिकल में स्पोर्ट्स इंजरी के बारे में जानकारी दी है। अगर आपको हड्डियों से संबंधित अन्य आर्टिकल के बारे में पढ़ना है तो आप हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट से जानकारी ले सकते हैं। आप हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज को लाइक कर स्वास्थ्य संबंधी खबरों से अपडेट रह सकते हैं।