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फ्रैक्चर या हड्डियों को टूटने से बचाने के लिए किन बातों का आपको रखना चाहिए ख्याल?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 22/03/2021

    फ्रैक्चर या हड्डियों को टूटने से बचाने के लिए किन बातों का आपको रखना चाहिए ख्याल?

    हमारा स्केलेटन यानी शरीर का ढांचा हड्डियों से बना होता है। हड्डियां एक प्रकार की कनेक्टिव टिश्यू होती हैं, जो कैल्शियम और हड्डी की कोशिकाओं के साथ मजबूत होती हैं। हमारे स्केलेटन का मुख्य कार्य है हमारे शरीर का सपोर्ट करना, मूवमेंट को सही बनाए रखना और हमारे आंतरिक अंगों की रक्षा करना। लेकिन, जैसे हमारा पूरा शरीर एक मशीन की तरह है। जिसमें कभी न कभी कोई खराबी आना सामान्य है। वैसे ही हमारी हड्डी में फ्रैक्चर और हड्डी टूटना (Fractures and Broken Bones) आदि भी आम है। यह परेशानी कभी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है। जानिए फ्रैक्चर और हड्डी का टूटना क्या है, इस बारे में विस्तार से।                

    फ्रैक्चर और हड्डी टूटना क्या है? (What is Fractures and Broken Bones)

    फ्रैक्चर और हड्डी टूटना (Fractures and Broken Bones) वो मेडिकल स्थिति है जब हड्डी की निरंतरता (Continuity) टूट जाती है। जब एक हड्डी के अगेंस्ट लगाई गई फाॅर्स हड्डी से अधिक स्ट्रांग होती है तो यह हड्डी में फ्रैक्चर और हड्डी टूटना (Fractures and Broken Bones) का कारण बन सकता है। इससे हड्डी का स्ट्रक्चर और स्ट्रेंथ डिस्टर्ब ही जाती है। जिसके कारण दर्द होता है, काम करने में समस्या होती है या कई बार उस जगह पर ब्लीडिंग (Bleeding) या घाव भी हो सकता है। फ्रैक्चर और टूटी हुई हड्डी को ठीक होने में चार से आठ सप्ताह लग सकते हैं। हालांकि, यह व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य और अन्य स्थितियों पर निर्भर करता है।

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    फ्रैक्चर और हड्डी टूटना किन कारणों से हो सकता है? (Causes of Fractures and Broken Bones)

    मनुष्य की कलाई, टखने और हिप में फ्रैक्चर और हड्डी टूटना (Fractures and Broken Bones) सबसे सामान्य है। यही नहीं, आमतौर पर फ्रैक्चर का परिणाम घातक नहीं होता। इसके कुछ कारण इस प्रकार हो सकते हैं:

    • ट्रॉमेटिक घटनाएं (Traumatic Events) जैसे कि स्पोर्ट्स इंजरी, वाहन दुर्घटनाएं और गिरना
    • ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) जैसी स्थितियां या कुछ तरह के कैंसर के कारण भी बोन फ्रैक्चर या हड्डी टूटना (Fractures and Broken Bones) संभव है।
    • मसल्स का अधिक और अधिक फाॅर्स के साथ प्रयोग करने से भी फ्रैक्चर या हड्डी का टूटना संभव (Fractures and Broken Bones) है।

    फ्रैक्चर और हड्डी टूटना

    फ्रैक्चर या हड्डी के टूटने के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Fractures and Broken Bones) 

    फ्रैक्टर और हड्डी टूटना स्केलेटन से जुडी अन्य इंजरीज से अलग है जैसे डिस्लोकेशन्स। कई बार किसी व्यक्ति को एक तरह से अधिक इंजरी का सामना करना पड़ सकता है। इसके लक्षण हड्डी और चोट की गंभीरता पर निर्भर करते हैं, जो इस प्रकार हैं:

    • दर्द (Pain)
    • सूजन (Swelling)
    • नील पड़ना (Bruising)
    • डेफोर्मिटी (Deformity)
    • अंग का उपयोग करने में असमर्थता (Inability to use the Limb)

    फ्रैक्चरस और हड्डी टूटना : इसके कितने प्रकार हैं? 

    कई अलग-अलग तरीके हैं, जिनमें हड्डी फ्रैक्चर हो सकती है। हड्डी में एक क्रैक को फ्रैक्चर कहा जाता है। विभिन्न तरह के फ्रैक्चर और हड्डी टूटना (Fractures and Broken Bones) इस प्रकार हैं:

    • क्लोज्ड या सिंपल फ्रैक्चर (Closed or Simple Fracture) : अगर घाव या हड्डी के टूटने के कारण त्वचा को कोई नुकसान न हुआ हो, तो उसे क्लोज्ड या सिंपल फ्रैक्चर कहा जाता है।
    • ओपन या कंपाउंड फ्रैक्चर (Open or Compound Fracture) : अगर टूटी हुई हड्डी त्वचा के माध्यम से बाहर निकल जाती है, या एक घाव फ्रैक्चर साइट की ओर जाता है। तो उसे ओपन या कंपाउंड फ्रैक्चर कहा जाता है। इसमें संक्रमण और बाहरी रक्तस्राव की संभावना अधिक होती है।
    • ग्रीनस्टिक फ्रैक्चर (Greenstick Fracture) : हड्डी में एक छोटी या पतली दरार को ग्रीनस्टिक फ्रैक्चर कहा जाता है। यह बच्चों में हो सकता है, क्योंकि उनकी हड्डियां अधिक लचीली होती हैं। 
    • हेयरलाइन फ्रैक्चर (Hairline Fracture) : यह स्ट्रेस फ्रैक्चर का सामान्य प्रकार है। अक्सर जॉगिंग या दौड़ने जैसी गतिविधियों से बार-बार स्ट्रेस के परिणामस्वरूप पैर या इसके निचले हिस्से में दर्द होता है।
    • जटिल फ्रैक्चर (Complex Fracture) : इस में फ्रैक्चर के आसपास की संरचनाएं घायल हो जाती हैं। इससे नसों, धमनियों या नर्वस को नुकसान हो सकता है, और हड्डी की लायनिंग में भी चोट आ सकती है।
    • कमिनिटेड फ्रैक्चर (Comminuted Fracture) : इस फ्रैक्चर में हड्डी छोटे टुकड़ों में बिखर जाती है। इस प्रकार का जटिल फ्रैक्चर अधिक धीरे-धीरे ठीक हो जाता है।
    • कम्प्रेशन फ्रैक्चर (Compression fracture) : यह फ्रैक्चर या हड्डी टूटना तब होता है जब रीढ़ में एक या एक से अधिक हड्डियां कमजोर हो जाती हैंऔर सिकुड़ जाती हैं। बुजुर्ग लोगों खासतौर पर ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार लोगों को इसकी संभावना अधिक होती है।

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    फ्रैक्चर और हड्डी टूटने का निदान कैसे करें? (Diagnosis of Fractures and Broken Bones)

    फ्रैक्चर और हड्डी टूटना (Fractures and Broken Bones) के निदान के लिए डॉक्टर आपकी चोट की जांच कर सकते हैं। आपको इसके लिए एक या एक से अधिक इमेजिंग टेस्ट करने की भी जरूरत होती है। इसके टेस्ट इस प्रकार हैं:

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    फ्रैक्चर और हड्डी टूटने का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of Fractures and Broken Bones)

    फ्रैक्चर और हड्डी टूटना (Fractures and Broken Bones) के उपचार के लिए कई तरीके अपनाएं जा सकते हैं। यह उपचार चोट और हड्डी की स्थिति पर निर्भर करते हैं। यह उपचार इस प्रकार हैं: 

    कास्ट या स्पलिंट (Cast or Splint)

    डॉक्टर आमतौर पर फ्रैक्चर और टूटी हड्डी के उपचार के लिए कास्ट या स्पलिंट की सलाह देते हैं। कास्ट्स कड़ी सुरक्षा के साथ फ्रैक्चर को प्रोटेक्ट करते हैं, जबकि स्प्लिन्ट्स केवल चोट की एक तरफ को प्रोटेक्ट करते हैं। यह दोनों स्पोर्ट्स हड्डी को हिलने से रोकती है और सीधा रखने में मदद करती है इससे हड्डी को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है। हाथ और पैर की उंगलियों जैसी छोटी हड्डियों के लिए आपको कास्ट नहीं मिलेगी। इसके लिए आपके डॉक्टर स्पलिंट का प्रयोग कर सकते हैं।

    ट्रैक्शन (Traction)

    किन्ही मामलों में आपके डॉक्टर आपको ट्रैक्शन (traction) की सलाह दे सकते हैं। यह उपचार मांसपेशियों और टेंडन को टूटी हड्डी के चारों ओर खींचने के लिए पल्स और वेट का उपयोग करता है।हड्डी की ट्रैक्शन अलाइनस (Traction aligns) से जल्दी हील होने में मदद होती है। 

    फ्रैक्चर और हड्डी टूटना

    सर्जरी (Surgery)

    कुछ फ्रैक्चर या हड्डी टूटना की स्थिति में डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं। इसमें डॉक्टर स्टेनलेस स्टील स्क्रूस (Stainless Steel Screws), प्लेट्स (Plates) और फिक्सटर्स या फ्रेम्स (Fixators or Frames) आदि का प्रयोग करते हैं। ताकि हड्डी को सही से जोड़ कर रखा जा सके।

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    फ्रैक्चर या हड्डी टूटने से जुडी जटिलताएं कौन सी हैं? (Complications Associated with Fracture or fracture?)?

    टूटी हुई हड्डी के लिए हीलिंग का समय हर व्यक्ति के लिए अलग होता है और यह चोट की गंभीरता पर निर्भर करता है। हड्डी के फ्रैक्चर से जुड़ी जटिलताएं इस प्रकार हैं:

    • ब्लड क्लॉट्स (Blood clots) : ब्लड वेसल के ब्लॉक होने से यह समस्या बढ़ सकती है। इससे हड्डी फ्री हो कर टूट सकती है या शरीर के माध्यम से मूव कर सकती है।
    • कास्ट-वेयरिंग कॉम्प्लीकेशन्स (Cast-Wearing Complications) : इससे प्रेशर अल्सर (घावों) और जोड़ों में अकड़न हो सकती है। 
    • कम्पार्टमेंट सिंड्रोम (Compartment Syndrome) : इससे फ्रैक्चर के चारों तरफ मसल्स में ब्लीडिंग और सूजन हो सकती है 
    • हेमर्थ्रोसिस (Hemarthrosis) : जोड़ों  में रक्तस्राव की वजन से यह सूजन हो सकती है।

    फ्रैक्चर और हड्डी टूटने से आप कैसे बच सकते हैं? (Prevention of Fractures and Broken Bones)?

    आप फ्रैक्चर और हड्डी के टूटने से तभी बच सकते हैं अगर आप गिरने से बचे, शेप में रहें और सही विटामिन और मिनरल्स का सेवन करें। जानिए कैसे कर सकते हैं आप फ्रैक्चर और हड्डी टूटना (Fractures and Broken Bones) से अपना बचाव:  

    गिरने से बचे (Avoid Falls)

    इन कुछ टिप्स का पालन करने से आपको गिरने से बचने में मदद मिल सकती है, जैसे :

    • अगर आपका बैलेंस सही नहीं है तो बैलेंस ट्रेनिंग या फिजिकल थेरेपी लें इसके साथ ही केन या वॉकर (Cane or Walker) का सहारा लें। 
    • अगर आपके कमरे में तारे या अन्य बाधाएं हैं तो उन्हें तुरंत दूर करें ताकि आप गिरने से बचे।
    • जब आप घर पर हों तो केवल जुराबें ही नहीं, बल्कि जूते भी पहनें। अच्छे जूतों का प्रयोग करें जो फिसलन का कारण न बनें। 
    • सुनिश्चित करें कि आपके घर में सही रोशनी हो। 
    • अपनी आंखों की सही से देखभाल करें। 
    • पानी, बर्फ आदि के उपचार ध्यान से चलें ताकि आपका संतुलन न बिगड़े। 

    नेक एंड शोल्डर पेन रिलीफ क्विज

    फिट रहें (Stay Fit)

    वेट बेयरिंग व्यायाम (Weight Bearing Exercise) जैसे वाकिंग करने से आपको हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने में मदद मिलेगी। व्यायाम जो मसल्स बनाए और उन्हें मैंटेन रखने में मदद करें। उसे करने से भी आपका बैलेंस सही रहेगा।

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    सही खाएं (Eat Healthy)

    अपनी हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए अपने आहार का ध्यान रखें और रोजाना कैल्शियम लें। अपने आहार में मेवे (Dry Fruits), बीन्स (Beans), डेयरी पदार्थ (Dairy), अंडे (Eggs), फल और सब्जियां (Fruits and Vegetables), साबुत अनाज (Whole Grain) आदि को अवश्य शामिल करें। इसके साथ ही अनहेल्दी आहार के सेवन से बचे। इसके साथ ही अपने लाइफस्टाइल में परिवर्तन लाएं। जैसे पर्याप्त नींद लें, व्यायाम करें आदि। इससे अभी आपको हड्डी के टूटने और फ्रैक्चर की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

    Fracture and broken bone

    हड्डियां मजबूत होने के बावजूद टूट सकती हैं। एक हड्डी फ्रैक्चर और हड्डी टूटना (Fractures and Broken Bones) दर्दनाक होता है और इसमें तुरंत उपचार की जरूरत होती है। इससे जुड़े ज्यादातर मामलों में, आपको सामान्य गतिविधियों को करने के लिए उपचार की आवश्यकता होगी। आमतौर पर फ्रैक्चर की स्थिति में कुछ दिन लगते हैं पूरी तरह से स्वस्थ होने में। यदि, आप हड्डियों से जुडी किसी भी समस्या जैसे ऑस्टियोपोरोसिस को लेकर चिंतित हैं, तो अपने डॉक्टर की सलाह लें।

    डिस्क्लेमर

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