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ट्रेडमिल पर चलना
ट्रेडमिल पर चलना बहुत ही आसान प्रतीत है। लेकिन, चोट लगने के बाद ट्रेडमिल के ऊपर चलना आसान काम नहीं रह जाता। इस गेट ट्रेनिंग फिजिकल थेरेपी(gait training physical therapy) में अधिकतर फिजिकल चिकित्सक, रोगी की शुरुआत एक धीमी गति से ट्रेडमिल पर पैर की गतिशीलता के साथ करेंगे। इससे आपके चाल को एक तरह से अलाइन होने में मदद मिलेगी। जिसे दैनिक जीवन में अन्य अभ्यासों और गतिविधियों के लिए मजबूत किया जा सकता है। जो लोग अधिक नहीं हिल सकते, तब तक ट्रेडमिल पर उनके शरीर को उठाने के लिए हार्नेस का उपयोग किया जा सकता है, जब तक कि वो बिना किसी सहायता के चलने में सक्षम न हों।
खड़े होना और बैठना
गेट ट्रेनिंग(gait training) में अगली एक्सरसाइज है खड़े होना और बैठना। नियमित रूप से बैठने की स्थिति से उठना और फिर खड़ी स्थिति से नीचे बैठने से मांसपेशियों को मजबूत करने और पोस्चर में सुधारने में मदद मिलती है। बीमारी या चोट लगने के बाद मांसपेशियों की मेमोरी को कम करना पड़ता है, और यह कार्य दैनिक रूप से महत्वपूर्ण है।
टांगों का व्यायाम
टांगों को ऊपर उठाना सीटअपस का विकल्प हो सकता है। इस व्यायाम में आपको अपनी दोनों टांगों को कुल्हे की सीध में ऊपर ले जाने की कोशिश करनी है। लेकिन, उतना ही पैर ऊपर ले जाएं जितना आप कर सकते हैं। यह गेट ट्रेनिंग(gait training) व्यायाम कोर स्ट्रेंथ को सुधारने में मदद करेगा। चाहे आप रीढ़ की हड्डी की चोट या अन्य स्थिति से उबर रहे हों, अपने पैरों को उठाने और फिर से वापस अपनी शुरुआती स्थिति में लाने की क्षमता प्राप्त करना सकारात्मक रूप से आपकी मूवमेंट में सुधार करेगा। लेग लिफ्ट्स में उपयोग की जाने वाली मांसपेशियां रीढ़ की हड्डी और पूर्ण शरीर के स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त हैं।
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