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भोजन संबंधी विकार यानी इटिंग डिसऑर्डर लगातार भोजन की गड़बड़ी के कारण व्यवहार में होने वाली गंभीर स्थितियां हैं जो रोगी के स्वास्थ्य, भावनाओं और जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्य करने की क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। सबसे आम भोजन संबंधी विकार हैं एनोरेक्सिया नर्वोसा, बुलिमिया नर्वोसा और बिंज इटिंग डिसऑर्डर। इससे रोगी का मानसिक स्वास्थ्य और खाने संबंधी व्यवहार प्रभावित भी हो सकता है। इस रोग के कारण रोगी जरूरत से अधिक या कम खाने लगते हैं। इटिंग डिसऑर्डर एक मेडिकल स्थिति है, इससे शरीर की सही पोषक तत्व पाने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। जिससे स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं जैसे दिल, पाचन तंत्र, हड्डियां, दांत, मुंह या किडनी संबंधी बीमारियां। यही नहीं, कई बार यह जानलेवा भी हो सकता है। लेकिन, सही उपचार इसमें आपकी मदद कर सकता है। यह विकार हालांकि किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन किशोरों और वयस्कों में यह परेशानी अधिक देखी जा सकती हैं।
भोजन संबंधी विकार तीन प्रकार है होते हैं:
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भोजन संबंधी विकार के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि विकार का प्रकार कौन सा है। यह लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं, जैसे:
बिंज इटिंग विकार के लक्षण इस प्रकार हैं:
बुलिमिया नर्वोसा के लक्षण बिंज इटिंग डिसऑर्डर का जैसे ही होते हैं, लेकिन इसमें रोगी खाने के बाद पेट साफ़ करने और अपने बढ़ते वजन को कम करने की कोशिश करते हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
लेकिन, यह विकार कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
समय के साथ यह विकार भी कई अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे एनीमिया, हड्डियों का कमजोर होना, बाल या नाखूनों का कमजोर होना, त्वचा का रुखा या पीला होना, कब्ज, दिमागी परेशानी आदि।
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भोजन संबंधी विकार के कारण के बारे में सही जानकारी नहीं है। अन्य दिमागी बीमारियों के साथ इसके कई अन्य कारण हो सकते हैं, जैसे:
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ऐसा माना जाता है कि भोजन संबंधी विकार पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होते हैं। अन्य आनुवंशिक, सामाजिक और पर्यावरणीय कारक भी इस समस्या को बढ़ाने में प्रभावी है। इन स्थितियों में भोजन संबंधी विकार का जोखिम बढ़ जाता है:
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भोजन संबंधी विकार गंभीर हो सकते हैं। ऐसे में अगर किसी को यह समस्या है, तो उसे तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए। इस रोग के निदान के लिए डॉक्टर आपसे आपके मेडिकल इतिहास के बारे में जानेंगे। रोगी को सही-सही खाने संबंधी आदतों, व्यायाम और अन्य चीज़ों के बारे में डॉक्टर को बताया चाहिए। इसके बाद डॉक्टर आपकी शारीरिक जांच कर सकते हैं।
भोजन संबंधी विकार के उपचार के लिए आपको डॉक्टर के साथ-साथ नूट्रिशनिस्ट, नर्स और थेरेपिस्ट्स की मदद की आवश्यकता होगी। इसका उपचार इस प्रकार हैं:
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