अस्पताल में काम कर रही नर्स एक मां से कम नहीं होती है। इसका अंदाजा हमसभी आसानी से लगा सकते हैं जब हमारे घर का कोई सदस्य अस्पताल में भर्ती हो या कोई महिला बेबी डिलिवरी के लिए अस्पताल पहुंचती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान और शिशु के जन्म तक डॉक्टर और नर्स के संपर्क में रहना आवश्यक होता है लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है डिलिवरी के बाद नाइट नर्स (Night nurse after delivery) या डिलीवरी के बाद दाई आपके लिए कितनी मददगार हो सकती हैं? पुणे की रहने वाली 33 वर्षीय प्राजक्ता देशमुख 1 महीने की एक छोटी सी बच्ची की मां हैं। जब प्राजक्ता से हमने नाइट नर्स की अहमियत जानने की कोशिश की तो प्राजक्ता कहती हैं “मेरे लिए और मेरी बेटी के लिए नाइट नर्स सिर्फ नर्स नहीं बल्कि घर की सदस्य की तरह हैं। वह देर शाम तक घर आ जाती हैं और सुबह 10 बजे तक हमारे साथ रहती हैं। इस दौरान वह मुझे ब्रेस्टफीडिंग करवाने में मदद करती हैं और रात के वक्त मेरी बेटी जब रोती है या उसे कोई परेशानी होती है, तो वह उसे बहुत अच्छे से संभाल लेती हैं। मेरे लिए डिलिवरी के बाद नाइट नर्स (Night nurse after delivery) या डिलीवरी के बाद दाई की जरूरत इसलिए भी ज्यादा थी क्योंकि मैं और मेरे हस्बैंड अकेले थें। कोरोना वायरस की वजह से हमारे पेरेंट्स नहीं आ पाए।” घर में किसी परिवार के सदस्य न होने की वजह से प्राजक्ता और उनके लाइफ पार्टनर ने रात में नर्स रखने का फैसला किया। डिलिवरी के बाद नाइट नर्स (Night nurse after delivery) की अहमियत क्या है? और वह न्यूली बोर्न बेबी के घर में कितनी महत्वपूर्ण है यह जानने की कोशिश करेंगें।